कोची : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), नेशनल रजिस्ट्र ऑफ सीटिजन (एनसीआर) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) पर पूरे देश में मचे बवाल के बीच केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा है कि उनकी सरकार न तो सीएए कानून अपने राज्य में लागू करेगी और न ही एनपीआर करने की इजाजत देगी.
अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले में भाग लेने के दौरान मुख्यमंत्री ने यह बात कही है.
इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए पिनराई विजयन ने कहा 'हमारी सरकार राज्य में न तो सीएए लागू करेगी और न ही एनपीआर करने की इजाजत देगी. राज्य में किसी प्रकार के डिटेंशन सेंटर बनाने की अनुमति भी नहीं दी जाएगी. राज्य सरकार जनगणना के लिए आकड़ों को एकत्र तो कराएगी, लेकिन एनपीआर के लिए किसी तरह का डाटा एकत्र नहीं किया जाएगा'.
बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि एनआरसी, सीएए और एनपीआर भारत में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने के लिए किया जा रहा है, जिसका देश के बड़े भाग में विरोध हो रहा है.
इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस पर जमकर हमला बोला. उन्होंने पीएम मोदी पर आरएसएस का एजेंडा लागू करने का आरोप लगाया और कहा कि आरएसस सीएए और एनपीआर के माध्याम से सांप्रदायिक अलगाव पैदा करना चाहता है. अपने इस एजेंडे के जरिए वह देश के संविधान को कमजरोर करने की कोशिश कर रहे हैं.
आरएसएस पर देश के भाईचारे को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अंग्रेजी साम्राज्य की नीति को अपना रहे हैं, जो कि समाज को बांटने पर आधारित थी. विजयन ने अपनी बातों को धर्म और संस्कृति से जोड़ते हुए कहा कि हमारे धार्मिक ग्रंथ वेद या उपनिषद ऐसी नीतियों की वकालत नहीं करते. हमारा हजारों साल का इतिहास रहा है. हमारी संस्कृति में ऐसा कोई उदाहरण नहीं मिलता है.
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मोदी सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि वह तानाशाही के बल पर आरएसएस की नीतियों को लागू करना चाहते हैं, लेकिन ऐसी तानाशाही नीति को पूरा देश खारिज कर देगा.
उन्होंने कहा सीएए और एनआरसी के पीछे छिपी हुई मंशा धीरे-धीरे सबको समझ आने लगी है, यही वजह है कि इसके खिलाफ पूरे देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध चल रह है.