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पांच दिन के क्वारंटाइन पर केजरीवाल का विरोध, उप राज्यपाल ने वापस लिया फैसला

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना के मरीजों को पांच दिन तक संस्थागत पृथक-वास में रखने के उप राज्यपाल अनिल बैजल के आदेश को लेकर विरोध जताया. इसके बाद उप राज्यपाल ने अपना फैसला वापस ले लिया है.

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Published : Jun 20, 2020, 3:55 PM IST

Updated : Jun 20, 2020, 6:33 PM IST

केजरीवाल और अनिल बैजल
केजरीवाल और अनिल बैजल

नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोविड-19 के मरीजों को पांच दिन तक संस्थागत पृथक-वास में रखने के उप राज्यपाल अनिल बैजल के आदेश का शनिवार को विरोध करते हुए सवाल किया कि दिल्ली में अलग नियम क्यों लागू किया गया है. केजरीवाल के विरोध के बाद उप राज्यपाल ने अपना फैसला वापस ले लिया है. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

इससे पहले कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को पांच दिनों का इंस्टिट्यूशनल क्वारंटाइन अनिवार्य करने वाले दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल के आदेश को चुनौती देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है.

सूत्रों के अनुसार केजरीवाल ने डीडीएमए की बैठक में कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने पूरे देश में बिना लक्षण वाले और मामूली लक्षण वाले कोविड-19 के मरीजों को घर में पृथक-वास में रहने की अनुमति दी है, तो दिल्ली में अलग नियम क्यों लागू किया गया.

सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल ने बैठक में कहा, 'कोरोना वायरस से संक्रमित अधिकतर मरीजों में संक्रमण के लक्षण नहीं हैं या मामूली लक्षण हैं. उनके लिए प्रबंध कैसे किए जा सकेंगे. रेलवे ने पृथक-वास के लिए जो कोच मुहैया कराए हैं, उनके भीतर इतनी गर्मी है कि मरीज वहां नहीं रह सकते.'

इस बीच, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया, 'दिल्ली सरकार ने घर में पृथक-वास नियम खत्म करने के संबंध में उपराज्यपाल के आदेश का विरोध किया है और इसपर कोई निर्णय नहीं लिया गया. शाम को फिर चर्चा होगी.'

उन्होंने ट्वीट किया, 'केंद्र सरकार ने निजी अस्पतालों में केवल 25 प्रतिशत बिस्तरों को सस्ता करने की सिफारिश की है, जबकि दिल्ली सरकार कम से कम 60 प्रतिशत बिस्तरों को बुक कराने की दर सस्ती किए जाने पर अड़ी है. यहीं बात अटक गई है.'

सिसोदिया ने शनिवार को बैठक से कुछ ही मिनट पहले कहा कि दिल्ली सरकार घर में पृथक-वास का नियम रद्द करने के उपराज्यपाल के आदेश का डीडीएमए की बैठक में विरोध करेगी.

उन्होंने कहा था कि यह आदेश आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों के खिलाफ है और इससे दिल्ली में अफरातफरी पैदा हो जाएगी.

सिसोदिया ने ट्वीट किया था, 'दिल्ली राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक दोपहर 12 बजे होगी. हम घर में पृथक-वास को रद्द करने के उपराज्यपाल के आदेश का विरोध करेंगे और इसे बदलने की मांग करेंगे. घर में पृथक-वास के कार्यक्रम को रद्द करने का यह आदेश आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों के विपरीत है और इससे दिल्ली में अफरातफरी पैदा हो जाएगी.'

उल्लेखनीय है कि उपराज्यपाल डीडीएमए के अध्यक्ष हैं.

पढ़ें - विशेष : सीएम केजरीवाल और उप राज्यपाल के बीच हुए विवादों पर एक नजर

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने शुक्रवार को आदेश दिया कि कोविड-19 के प्रत्येक मरीज के लिए घर में पृथक-वास की जगह पांच दिन संस्थागत पृथक-वास केंद्र में रहना जरूरी होगा. दिल्ली सरकार ने इस आदेश का विरोध करते हुए कहा कि यह मनमाना आदेश है और इससे पहले से ही दबाव झेल रही स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर बोझ बढ़ेगा.

वैसे यह पहला मौका नहीं है जब दिल्ली के उपराज्यपाल और सीएम केजरीवाल के बीच कोरोना मरीजों की देखभाल को लेकर विवाद हुआ हो. इससे पहले उप राज्यपाल ने केजरीवाल की अगुआई वाली आप सरकार के एक फैसले को पलट दिया. इस फैसले में कहा गया था कि दिल्ली में राज्य सरकार द्वारा संचालित और निजी अस्पतालों में कोरोना से संक्रमित सिर्फ दिल्ली के निवासियों का ही इलाज किया जाएगा.

नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोविड-19 के मरीजों को पांच दिन तक संस्थागत पृथक-वास में रखने के उप राज्यपाल अनिल बैजल के आदेश का शनिवार को विरोध करते हुए सवाल किया कि दिल्ली में अलग नियम क्यों लागू किया गया है. केजरीवाल के विरोध के बाद उप राज्यपाल ने अपना फैसला वापस ले लिया है. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

इससे पहले कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को पांच दिनों का इंस्टिट्यूशनल क्वारंटाइन अनिवार्य करने वाले दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल के आदेश को चुनौती देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है.

सूत्रों के अनुसार केजरीवाल ने डीडीएमए की बैठक में कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने पूरे देश में बिना लक्षण वाले और मामूली लक्षण वाले कोविड-19 के मरीजों को घर में पृथक-वास में रहने की अनुमति दी है, तो दिल्ली में अलग नियम क्यों लागू किया गया.

सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल ने बैठक में कहा, 'कोरोना वायरस से संक्रमित अधिकतर मरीजों में संक्रमण के लक्षण नहीं हैं या मामूली लक्षण हैं. उनके लिए प्रबंध कैसे किए जा सकेंगे. रेलवे ने पृथक-वास के लिए जो कोच मुहैया कराए हैं, उनके भीतर इतनी गर्मी है कि मरीज वहां नहीं रह सकते.'

इस बीच, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया, 'दिल्ली सरकार ने घर में पृथक-वास नियम खत्म करने के संबंध में उपराज्यपाल के आदेश का विरोध किया है और इसपर कोई निर्णय नहीं लिया गया. शाम को फिर चर्चा होगी.'

उन्होंने ट्वीट किया, 'केंद्र सरकार ने निजी अस्पतालों में केवल 25 प्रतिशत बिस्तरों को सस्ता करने की सिफारिश की है, जबकि दिल्ली सरकार कम से कम 60 प्रतिशत बिस्तरों को बुक कराने की दर सस्ती किए जाने पर अड़ी है. यहीं बात अटक गई है.'

सिसोदिया ने शनिवार को बैठक से कुछ ही मिनट पहले कहा कि दिल्ली सरकार घर में पृथक-वास का नियम रद्द करने के उपराज्यपाल के आदेश का डीडीएमए की बैठक में विरोध करेगी.

उन्होंने कहा था कि यह आदेश आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों के खिलाफ है और इससे दिल्ली में अफरातफरी पैदा हो जाएगी.

सिसोदिया ने ट्वीट किया था, 'दिल्ली राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक दोपहर 12 बजे होगी. हम घर में पृथक-वास को रद्द करने के उपराज्यपाल के आदेश का विरोध करेंगे और इसे बदलने की मांग करेंगे. घर में पृथक-वास के कार्यक्रम को रद्द करने का यह आदेश आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों के विपरीत है और इससे दिल्ली में अफरातफरी पैदा हो जाएगी.'

उल्लेखनीय है कि उपराज्यपाल डीडीएमए के अध्यक्ष हैं.

पढ़ें - विशेष : सीएम केजरीवाल और उप राज्यपाल के बीच हुए विवादों पर एक नजर

दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने शुक्रवार को आदेश दिया कि कोविड-19 के प्रत्येक मरीज के लिए घर में पृथक-वास की जगह पांच दिन संस्थागत पृथक-वास केंद्र में रहना जरूरी होगा. दिल्ली सरकार ने इस आदेश का विरोध करते हुए कहा कि यह मनमाना आदेश है और इससे पहले से ही दबाव झेल रही स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर बोझ बढ़ेगा.

वैसे यह पहला मौका नहीं है जब दिल्ली के उपराज्यपाल और सीएम केजरीवाल के बीच कोरोना मरीजों की देखभाल को लेकर विवाद हुआ हो. इससे पहले उप राज्यपाल ने केजरीवाल की अगुआई वाली आप सरकार के एक फैसले को पलट दिया. इस फैसले में कहा गया था कि दिल्ली में राज्य सरकार द्वारा संचालित और निजी अस्पतालों में कोरोना से संक्रमित सिर्फ दिल्ली के निवासियों का ही इलाज किया जाएगा.

Last Updated : Jun 20, 2020, 6:33 PM IST
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