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निजामुद्दीन मरकज केस : उप राज्यपाल के निर्देश पर प्राथमिकी दर्ज, क्राइम ब्रांच ने शुरू की जांच

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में कोरोना वायरस का संक्रमण अब तक समुदाय के स्तर पर नहीं पहुंचा है. उन्होंने यह भी कहा कि प्रतिबंध के बावजूद निजामुद्दीन मरकज में धार्मिक आयोजन पर कार्रवाई के लिए दिल्ली सरकार ने उप राज्यपाल को पत्र लिखा. राज्यपाल अनिल बैजल ने भी मामले का तत्काल संज्ञान लिया और उनके निर्देश पर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है.

केजरीवाल
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Published : Mar 31, 2020, 6:09 PM IST

Updated : Mar 31, 2020, 8:52 PM IST

नई दिल्ली : कोरोना संक्रमण की आशंका के मद्देनजर प्रतिबंध के बावजूद दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में बीते दिनों हुए धार्मिक आयोजन पर दिल्ली सरकार ने सख्त रुख अपनाया है. इस क्रम में मंगलवार को देर शाम दिल्ली पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है. इसके साथ ही क्राइम ब्रांच ने मामले की जांच शुरू कर दी है.

दरअसल आयोजकों पर कार्रवाई के लिए दिल्ली सरकार ने दिन में उप राज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखा था. बैजल ने पत्र का तत्काल संज्ञान लिया और दिल्ली पुलिस को मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया. राज्यपाल का निर्देश मिलने के बाद क्राइम ब्रांच ने एफआईआर दर्ज कर पूरे मामले की छानबीन शुरू कर दी है.

इन धाराओं में दर्ज हुए मामले
निजामुद्दीन मरकज मामले को लेकर दर्ज की गई एफआईआर में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के सेक्शन 269, 270, 271,120 बी और महामारी अधिनियम, 1897 की धारा तीन लगाई गई है.

एफआईआर में कहा गया है कि मरकज प्रबंधन की तरफ से दिल्ली सरकार के आदेशों का उल्लंघन किया गया है. इसमें मौलाना साद एवं अन्य तबलीगी जमात को आरोपी बनाया गया है. गौरतलब है कि निजामुद्दीन मरकज में गत एक से 15 मार्च के बीच हुए धार्मिक आयोजन में हजारों लोग शामिल हुए थे.

इसके पूर्व दिन में सीएम केजरीवाल ने एक प्रेस वार्ता में बताया कि आयोजन में शामिल हुए 1,548 लोगों को वहां से हटा दिया गया है. इनमें से 441 लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है जबकि 1,107 लोग पृथक केंद्रों में रखे गए हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं विभिन्न धर्मों के सभी नेताओं से अपील करता हूं कि वे ऐसा ना करें.' केजरीवाल ने यह भी कहा कि मामले में यदि किसी अधिकारी की ओर से कोई लापरवाही सामने आई तो उसे बख्शा नहीं जाएगा.

नई दिल्ली : कोरोना संक्रमण की आशंका के मद्देनजर प्रतिबंध के बावजूद दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में बीते दिनों हुए धार्मिक आयोजन पर दिल्ली सरकार ने सख्त रुख अपनाया है. इस क्रम में मंगलवार को देर शाम दिल्ली पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है. इसके साथ ही क्राइम ब्रांच ने मामले की जांच शुरू कर दी है.

दरअसल आयोजकों पर कार्रवाई के लिए दिल्ली सरकार ने दिन में उप राज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखा था. बैजल ने पत्र का तत्काल संज्ञान लिया और दिल्ली पुलिस को मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया. राज्यपाल का निर्देश मिलने के बाद क्राइम ब्रांच ने एफआईआर दर्ज कर पूरे मामले की छानबीन शुरू कर दी है.

इन धाराओं में दर्ज हुए मामले
निजामुद्दीन मरकज मामले को लेकर दर्ज की गई एफआईआर में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के सेक्शन 269, 270, 271,120 बी और महामारी अधिनियम, 1897 की धारा तीन लगाई गई है.

एफआईआर में कहा गया है कि मरकज प्रबंधन की तरफ से दिल्ली सरकार के आदेशों का उल्लंघन किया गया है. इसमें मौलाना साद एवं अन्य तबलीगी जमात को आरोपी बनाया गया है. गौरतलब है कि निजामुद्दीन मरकज में गत एक से 15 मार्च के बीच हुए धार्मिक आयोजन में हजारों लोग शामिल हुए थे.

इसके पूर्व दिन में सीएम केजरीवाल ने एक प्रेस वार्ता में बताया कि आयोजन में शामिल हुए 1,548 लोगों को वहां से हटा दिया गया है. इनमें से 441 लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है जबकि 1,107 लोग पृथक केंद्रों में रखे गए हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं विभिन्न धर्मों के सभी नेताओं से अपील करता हूं कि वे ऐसा ना करें.' केजरीवाल ने यह भी कहा कि मामले में यदि किसी अधिकारी की ओर से कोई लापरवाही सामने आई तो उसे बख्शा नहीं जाएगा.
Last Updated : Mar 31, 2020, 8:52 PM IST
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