नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घर-घर राशन योजना की जानकारी दी. दिल्ली कैबिनेट ने दिल्ली में राशन की डोर-स्टेप-डिलीवरी का फैसला किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज 11 बजे दिल्ली कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें एक क्रांतिकारी निर्णय हुआ है. उन्होंने बताया कि आज हमने दिल्ली में राशन की डोर-स्टेप-डिलीवरी का फैसला किया है.
गेहूं की जगह आटा
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इसका नाम मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना होगा. इस योजना के बाद अब लोगों को राशन की दुकान पर नहीं आना पड़ेगा, बल्कि राशन लोगों के घर पहुंचाया जाएगा. इस योजना में गेहूं की जगह आटा दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने बताया कि भारतीय खाद्य निगम (FCI) के गोदाम से गेहूं उठाया जाएगा, उसका आटा पिसवाया जाएगा. चावल और चीनी आदि की भी पैकिंग की जाएगी और फिर यह सब लोगों के घरों तक पहुंचाया जाएगा.
एनजीओ के दिनों की याद
इस योजना की घोषणा के दौरान मुख्यमंत्री ने इसका भी जिक्र किया कि वह और मनीष सिसोदिया राजनीति में आने से पहले परिवर्तन नाम का एनजीओ चलाया करते थे, जो दिल्ली की झुग्गी बस्तियों में गरीबों के हक के लिए काम करता था. मुख्यमंत्री ने बताया कि सूचना के अधिकार का सबसे ज्याफ इस्तेमाल हमने लोगों को उनका राशन दिलाने में किया. उस समय सरकारी कागजात में तो एंट्री हो जाती थी, सबके फर्जी अंगूठे लग जाते थे, लेकिन राशन नहीं मिलता था.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने जिस तरह बाकी सेवाओं की डोर-स्टेप-डिलीवरी शुरू की थी, उसी तरह राशन भी घरों तक पहुंचाएंगे. मुख्यमंत्री ने इसके कारणों को लेकर कहा कि जब से देश में राशन बंटना शुरू हुआ है, तब से गरीब लोगों को राशन लेने में बहुत दिक्कत आ रही है. कभी दुकान बंद मिलती है, तो कभी मिलावट की शिकायत सामने आती है. हालांकि मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बीते पांच सालों में हमने राशन व्यवस्था में बहुत सुधार किया है.