रुद्रप्रयाग : उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग स्थित भगवान शिव के ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग के रूप में विख्यात बाबा केदारनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल को खोल दिये गये थे. लॉकडाउन के बीच भक्तों के मंदिर में जाने पर रोक लगायी गयी है. वहीं, भगवान केदारनाथ के गर्भ गृह का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें केदारनाथ रावल गर्भगृह की पूजा-अर्चना कर रहे हैं.
गर्भगृह का वीडियो या फोटो लेना पूरी तरह से वर्जित है. यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को गर्भ गृह के दर्शन के समय भी मोबाइल फोन को बंद करवाया जाता है. ऐसे में मंदिर समिति और प्रशासन की लापरवाही सामने आने से श्रद्धालुओं में आक्रोश बना हुआ है.
इसके अलावा कुछ दिन पहले भी पांच से सात तीर्थयात्री केदारनाथ मंदिर पहुंचे थे. इन लोगों ने मंदिर के बाहर वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था. लॉकडाउन के चलते मठ-मंदिरों में जाने पर रोक लगाई गयी है. वहीं, इस तरह की घटनाएं प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर रही हैं.
लॉकडालन के चलते केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग को क्वारंटाइन किया गया था. इस कारण वे केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के मौके पर नहीं पहुंच पाए और दो मई की शाम को रावल केदारनाथ धाम पहुंचे. बीते तीन मई की सुबह उन्होंने केदारनाथ के गर्भगृह में पूजा-अर्चना की. इस दौरान उनके साथ महाराष्ट्र से आये शिष्यों ने वीडियो बनाया. वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीर्थ पुरोहित भगत राम बगवाड़ी ने कहा कि केदारनाथ मंदिर की अपनी विशेष पौराणिक महत्ता है. मंदिर के दर्शन सोशल मीडिया के जरिये कराया जाना पूरी तरह गलत है. इस तरह की घटना पौराणिक परंपराओं के साथ खिलवाड़ हैं.
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