नई दिल्ली : कड़ाके की ठंड और कोरोना महामारी के संकट के बीच देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर बीते एक महीने से भारी तादाद में किसान जमे हुए हैं. इसी बीच कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब कांग्रेस के सासंद दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक दिवसीय धरने पर बैठे हैं.
कांग्रेस पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल भी धरने में शामिल हुए. इस दौरान ईटीवी भारत ने केसी वेणुगोपाल से बात की.
उन्होंने भारत सरकार को इस मुद्दे पर बहस करने के लिए ससंद का विशेष सत्र बुलाने की बात कही. उन्होंने कहा कि हम यही मांग कर रहे हैं, सरकार को इस पर सुनवाई करनी चाहिए. किसान पिछले एक महीने से अधिक समय से यही मांग कर रहे हैं.
कांग्रेस के 136वें स्थापना दिवस पर सोमवार को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के कई अन्य नेताओं ने शुभकामनाएं दीं और देश की आजादी एवं विकास में कांग्रेस के योगदान को याद किया.
इसके साथ ही कांग्रेस मुख्यालय में वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में ध्वजारोहण किया गया.
इस अवसर पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, 'हम इस दिन को पार्टी के राष्ट्रीय अखंडता के लिए मना रहे हैं. पूरे देश में कांग्रेस सदस्य तिरंगा यात्रा का आयोजन कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, 'मैं इस यात्रा में भाग लेने वाले पार्टी के प्रत्येक सदस्य को बधाई देना चाहता हूं.'
जब राहुल गांधी के बारे में उनसे पूछा गया, तो उन्होंने जवाब दिया, वह कल ही यहां थे. वह उनका (भाजपा का) कर्तव्य है. हर बार वे उन्हें निशाना बनाते हैं.
भाजपा और कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध भी शुरू हो गया है, क्योंकि सत्ता पक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि विपक्ष किसानों को गुमराह कर रहा है. भाजपा यह भी कह रही है कि कांग्रेस के 2019 के चुनाव घोषणापत्र में भी इसी तरह के कानूनों का उल्लेख किया गया था, लेकिन अब वे किसानों का इस्तेमाल अपने राजनीतिक लाभ के लिए कर रहे हैं.
सरकार कह रही है विपक्षी पार्टियां किसानों को बरगलाने की कोशिश कर रही हैं, इस पर कांग्रेस महासचिव ने कहा कि वास्तव में यह एक निराधार आरोप है. यदि वे किसानों के मुद्दे को हल करना चाहते हैं, तो उन्हें कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए. सरकार कानूनों को वापस लेने के बजाय विपक्ष को दोषी ठहरा रही है.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान 26 नवंबर से यहां सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं.
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कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार किसान मुद्दे पर पूरी तरह से असंवेदनशील है. एक तरफ तो सरकार किसानों से कह रही है कि हम बात करने के लिए तैयार हैं. वहीं दूसरी तरफ सरकार किसानों को 'राष्ट्र-विरोधी' और 'खालिस्तानी' कहकर निशाना बना रही है. यह पूरी तरह से किसान विरोधी रवैया है.