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जानें, कर्नाटक की दो किन्नर कैसे बनीं लोगों के लिए रोलमॉडल

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Published : Jul 18, 2020, 11:04 PM IST

कोरोना वायरस के चलते लाखों लोंगों ने अपनी नौकरियां खो दी हैं, लेकिन कर्नाटक की रहने वाली मीना और रागिनी, जो किन्नर हैं. लोगों के लिए मिसाल पेश कर रही हैं. लॉकडाउन के चलते इनका काम चौपट हो गया था, लेकिन यह अब कृषि कार्य कर रही हैं. इससे दोनों अपने साथ-साथ अपने परिवार का भी पेट पाल रही हैं. पढ़ें ईटीवी भारत की विशेष रिपोर्ट...

-Karnataka These Sexual Minorities are the Role model For Others
कर्नाटक की दो किन्नर कैसे बन गई लोगों के लिए रोलमॉडल

बेंगलुरु : देश में कोरोना वायरस का कहर जारी है. इस वायरस के कारण देशभर में 25 मार्च से लॉकडाउन लगाया गया था. हालांकि देश में इस समय अनलॉक-2 चल रहा है. तब से लेकर अब लाखों लोगों ने अपनी नौकरियां खो दीं है. इस दौरान जिन लोगों की नौकरियां गई हैं, वह अपने भविष्य को लेकर परेशान हैं, लेकिन कर्नाटक के चामराजनगर जिले के रहने वाले दो किन्नर ने भीख मांगना छोड़ दी है. अब वे कृषि कार्य करने लगी हैं. यह दोनों अन्य लोगों के लिए रोड मॉडल बन गई हैं.

कर्नाटक की दो किन्नर कैसे बन गईं लोगों के लिए रोलमॉडल

इन किन्नरों को नाम मीना और रागिनी है. दोनों अब कृषि कार्य में लग गई हैं और अपने साथ-साथ वह परिवार का भरण-पोषण कर रहीं हैं.

मीना पांच साल पहले मुंबई से गांव लौटी थी और रागिनी चार साल पहले गांव लौट आई थी.

कोरोना वायरस से पहले वे अक्सर भीख मांगने जाते थे, लेकिन लॉकडाउन के उनसे यह भी छीन लिया, जिसके बाद दोनों के घरवालों ने सहयोग किया. रागिनी अपने माता-पिता के सहयोग से डेयरी फार्मिंग कर रही है और मीना भुट्टा (कॉर्न्स) की खेती कर रही है.

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रागिनी, जो डेयरी फार्मिंग कर रही हैं. उसे उनके पिता ने स्थापित की थी और वह उसमें आठ गायों को पाल रही हैं.

मीना के पास 2.5 एकड़ जमीन है और वह खेत में भुट्टा (कॉर्न्स) की खेती करने के लिए उपयोग करती है. खास बात यह है कि, इन दोनों को कुछ सालों पहले घर से बाहर निकाल दिया गया था, लेकिन अब मीना और रागिनी अपनी माताओं की देखभाल कर रही हैं और हर क्षेत्र में अपने परिवार का नेतृत्व कर रही हैं.

बेंगलुरु : देश में कोरोना वायरस का कहर जारी है. इस वायरस के कारण देशभर में 25 मार्च से लॉकडाउन लगाया गया था. हालांकि देश में इस समय अनलॉक-2 चल रहा है. तब से लेकर अब लाखों लोगों ने अपनी नौकरियां खो दीं है. इस दौरान जिन लोगों की नौकरियां गई हैं, वह अपने भविष्य को लेकर परेशान हैं, लेकिन कर्नाटक के चामराजनगर जिले के रहने वाले दो किन्नर ने भीख मांगना छोड़ दी है. अब वे कृषि कार्य करने लगी हैं. यह दोनों अन्य लोगों के लिए रोड मॉडल बन गई हैं.

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इन किन्नरों को नाम मीना और रागिनी है. दोनों अब कृषि कार्य में लग गई हैं और अपने साथ-साथ वह परिवार का भरण-पोषण कर रहीं हैं.

मीना पांच साल पहले मुंबई से गांव लौटी थी और रागिनी चार साल पहले गांव लौट आई थी.

कोरोना वायरस से पहले वे अक्सर भीख मांगने जाते थे, लेकिन लॉकडाउन के उनसे यह भी छीन लिया, जिसके बाद दोनों के घरवालों ने सहयोग किया. रागिनी अपने माता-पिता के सहयोग से डेयरी फार्मिंग कर रही है और मीना भुट्टा (कॉर्न्स) की खेती कर रही है.

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रागिनी, जो डेयरी फार्मिंग कर रही हैं. उसे उनके पिता ने स्थापित की थी और वह उसमें आठ गायों को पाल रही हैं.

मीना के पास 2.5 एकड़ जमीन है और वह खेत में भुट्टा (कॉर्न्स) की खेती करने के लिए उपयोग करती है. खास बात यह है कि, इन दोनों को कुछ सालों पहले घर से बाहर निकाल दिया गया था, लेकिन अब मीना और रागिनी अपनी माताओं की देखभाल कर रही हैं और हर क्षेत्र में अपने परिवार का नेतृत्व कर रही हैं.

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