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कर्नाटक : अयोग्य विधायकों ने SC को बताया, इस्तीफा देने के लिए किया गया था मजबूर - कर्नाटक विधायक इस्तीफा मामला

कर्नाटक के अयोग्य विधायकों ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था. इस बात के सबूत उनके पास हैं. उनके वकील ने कहा कि उनके विधायकों को जवाब देने के लिए भी कम समय दिया गया थे. पढ़ें पूरी खबर...

सुप्रीम कोर्ट
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Published : Oct 24, 2019, 12:02 AM IST

नई दिल्ली : कर्नाटक के अयोग्य विधायकों ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था, इस बात के सबूत उनके पास मौजूद हैं और यह नहीं कहा जा सकता कि उन्होंने अपनी मर्जी से इस्तीफा दिया था.

अयोग्य विधायकों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने भी कहा कि राज्यपाल द्वारा विधायकों के खिलाफ ह्विप जारी करना अदालत का उल्लंघन है.

रोहतगी ने अदालत से कहा कि न्यूनतम सात दिनों में जवाब देने के लिए कहा गया था. लेकिन उन्हें केवल तीन दिन का समय दिया गया और फिर उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया.

मुकुल ने यह भी कहा कि विधायकों ने छह जुलाई को इस्तीफा दे दिया और सभी चार्टर्ड फ्लाइट, होटल, कैंपिंग जैसे कारणों को उनके इस्तीफे वजह नहीं बताया जा सकता है. रोहतागी ने कहा, 'पूरी बात प्रतिशोध और दुर्भावना के कारण बनी है. यह भी तर्क दिया गया कि अयोग्यता केवल ताजा चुनावों तक ही मान्य है.'

पढ़ें ः कर्नाटक : 17 अयोग्य विधायकों के मामले में हाई कोर्ट की कार्यवाही पर SC की रोक

हालांकि सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई,लेकिन न्यायमूर्ति एनवी रमना ने यह स्पष्ट कर दिया कि इसे कल तक समाप्त कर दिया जाना चाहिए.

गौरतलब है कि तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस-जदएस सरकार को गिरने की स्थिति तक पहुंचाने वाले इन विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था.

नई दिल्ली : कर्नाटक के अयोग्य विधायकों ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था, इस बात के सबूत उनके पास मौजूद हैं और यह नहीं कहा जा सकता कि उन्होंने अपनी मर्जी से इस्तीफा दिया था.

अयोग्य विधायकों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने भी कहा कि राज्यपाल द्वारा विधायकों के खिलाफ ह्विप जारी करना अदालत का उल्लंघन है.

रोहतगी ने अदालत से कहा कि न्यूनतम सात दिनों में जवाब देने के लिए कहा गया था. लेकिन उन्हें केवल तीन दिन का समय दिया गया और फिर उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया.

मुकुल ने यह भी कहा कि विधायकों ने छह जुलाई को इस्तीफा दे दिया और सभी चार्टर्ड फ्लाइट, होटल, कैंपिंग जैसे कारणों को उनके इस्तीफे वजह नहीं बताया जा सकता है. रोहतागी ने कहा, 'पूरी बात प्रतिशोध और दुर्भावना के कारण बनी है. यह भी तर्क दिया गया कि अयोग्यता केवल ताजा चुनावों तक ही मान्य है.'

पढ़ें ः कर्नाटक : 17 अयोग्य विधायकों के मामले में हाई कोर्ट की कार्यवाही पर SC की रोक

हालांकि सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई,लेकिन न्यायमूर्ति एनवी रमना ने यह स्पष्ट कर दिया कि इसे कल तक समाप्त कर दिया जाना चाहिए.

गौरतलब है कि तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस-जदएस सरकार को गिरने की स्थिति तक पहुंचाने वाले इन विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था.

Intro:The disqualified Karnataka MLAs told the Supreme Court today that unless there is an evidence that they were forced to resign, it can't be said that their resignation was involuntarily. Senior advocate Mukup Rohtagi appearing for them also said that issuing a whip against the MLAs was in violation of the court.


Body:Rohtagi told the court that minimum 7 days have to be given for repply but only 3 days were given and then they were disqualified. He also said that the MLAs resigned on 6th july and all the chartered flight, hotel, camping happened later than that and could not be used as the reasons.

"The whole thing smacks of vengeance and mala fide", said Rohtagi.

It was also contended that disqualification is valid only till the fresh elections.


Conclusion:The hearing was adjourned for tomorrow. Justice NV Ramana had made it clear that it should be wrapped up by tomorrow.
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