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कर्नाटक सरकार ने की वीरशैव-लिंगायत विकास निगम के गठन की घोषणा

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Published : Nov 17, 2020, 8:09 PM IST

कर्नाटक सरकार ने राज्य के वीरशैव-लिंगायत समुदाय के उत्थान के लिए वीरशैव-लिंगायत विकास निगम के गठन की घोषणा की है. मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के आदेश के मुताबिक, तत्काल प्रभाव से निगम को गठन होगा. कर्नाटक में वीरशैव-लिंगायत समुदाय के लोगों की संख्या सबसे अधिक है.

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बीएस येदियुरप्पा

बेंगलुरु : कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने मंगलवार को वीरशैव-लिंगायत विकास निगम (वीएलडीसी) स्थापित करने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने आदेश में कहा है कि तत्काल प्रभाव से निगम का गठन किया जाएगा.

इससे पहले 13 नवंबर को सीएम यदियुरप्पा ने मराठ विकास बोर्ड गठित करने की घोषणा थी. इसके बाद, लिंगायत समुदाय के नेताओं सहित मंत्रियों ने वीरशैव-लिंगायत विकास निगम की स्थापना के लिए राज्य सरकार पर दबाव डाला. परिणामस्वरूप, आज मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने लिंगायत विकास बोर्ड की स्थापना करने की घोषणा की.

कर्नाटक में वीरशैव-लिंगायत समुदाय के लोगों की संख्या सबसे अधिक है. समुदाय की मांग है कि उनके विकास के लिए वीरशैव-लिंगायत विकास निगम की स्थापना की आवश्यकता है.

सोमवार को कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी के नेतृत्व में मंत्रियों और लिंगायत विधायकों के एक समूह ने वीएलडीसी की स्थापना की मांग की थी.

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, मराठा विकास बोर्ड का गठन बीदर जिले में बसाव कल्याण विधानसभा क्षेत्र की बहुसंख्यक मराठा आबादी को लुभाने के लिए किया गया है. यह क्षेत्र महाराष्ट्र की सीमा से लगता है. बसाव कल्याण क्षेत्र के कांग्रेस विधायक बी नारायण राव का कोरोना संक्रमण से निधन के बाद यह सीट खाली हो गई है. अब यहां उपचुनाव होगा.

पढ़ें- कर्नाटक : सीएम येदियुरप्पा ने मराठा विकास बोर्ड के गठन का लिया फैसला

सीएम येदियुरप्पा ने मुख्य सचिव टीएम विजय भास्कर को भेजे नोट में कहा है कि वीरशैव-लिंगायत समुदाय के लोग आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े हैं. वीरशैव-लिंगायत विकास निगम तत्काल प्रभाव से अस्तित्व में आएगा, जो समुदाय के समग्र विकास के लिए काम करेगा.

बेंगलुरु : कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने मंगलवार को वीरशैव-लिंगायत विकास निगम (वीएलडीसी) स्थापित करने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने आदेश में कहा है कि तत्काल प्रभाव से निगम का गठन किया जाएगा.

इससे पहले 13 नवंबर को सीएम यदियुरप्पा ने मराठ विकास बोर्ड गठित करने की घोषणा थी. इसके बाद, लिंगायत समुदाय के नेताओं सहित मंत्रियों ने वीरशैव-लिंगायत विकास निगम की स्थापना के लिए राज्य सरकार पर दबाव डाला. परिणामस्वरूप, आज मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने लिंगायत विकास बोर्ड की स्थापना करने की घोषणा की.

कर्नाटक में वीरशैव-लिंगायत समुदाय के लोगों की संख्या सबसे अधिक है. समुदाय की मांग है कि उनके विकास के लिए वीरशैव-लिंगायत विकास निगम की स्थापना की आवश्यकता है.

सोमवार को कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी के नेतृत्व में मंत्रियों और लिंगायत विधायकों के एक समूह ने वीएलडीसी की स्थापना की मांग की थी.

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, मराठा विकास बोर्ड का गठन बीदर जिले में बसाव कल्याण विधानसभा क्षेत्र की बहुसंख्यक मराठा आबादी को लुभाने के लिए किया गया है. यह क्षेत्र महाराष्ट्र की सीमा से लगता है. बसाव कल्याण क्षेत्र के कांग्रेस विधायक बी नारायण राव का कोरोना संक्रमण से निधन के बाद यह सीट खाली हो गई है. अब यहां उपचुनाव होगा.

पढ़ें- कर्नाटक : सीएम येदियुरप्पा ने मराठा विकास बोर्ड के गठन का लिया फैसला

सीएम येदियुरप्पा ने मुख्य सचिव टीएम विजय भास्कर को भेजे नोट में कहा है कि वीरशैव-लिंगायत समुदाय के लोग आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े हैं. वीरशैव-लिंगायत विकास निगम तत्काल प्रभाव से अस्तित्व में आएगा, जो समुदाय के समग्र विकास के लिए काम करेगा.

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