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कर्नाटक मंत्रिमंडल विस्तार: उमेश कट्टी समेत 7 नए विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ

राजभवन में राज्यपाल वजुभाई वाला ने सात नये विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई हैं, जिसके बाद सातों नये मंत्री येदियुरप्पा कैबिनेट में शामिल होंगे.

कर्नाटक मंत्रिमंडल
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Published : Jan 13, 2021, 11:59 AM IST

Updated : Jan 13, 2021, 5:52 PM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक मंत्रिमंडल का विस्तार आज (बुधवार) सात नये विधायकों के शपथ लेने के साथ पूरा हो गया. इन विधायकों में एमटीबी नागराज, उमेश कट्टी, अरविंद लिंबावली, मुर्गेश निरानी, आर शंकर, सीपी योगेश्वर, अंगारा ने मंत्री पद की शपथ ली.

7 नए विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ

बता दें कि कर्नाटक मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत 27 मंत्री हैं. मंत्रिमंडल में सात की जगह खाली थी. अब 7 नए विधायकों के शपथ लेने के बाद खाली जगहों की पूर्ति कर ली गई है.

इससे पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा ने बीते मंगलवार को कहा था कि उनके मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित विस्तार 13 जनवरी को होने की संभावना है और इसमें शामिल होने वाले नए मंत्रियों की सूची शाम को जारी की जाएगी. मुख्यमंत्री ने हालांकि सात नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने का संकेत दिया, लेकिन किसी भी मौजूदा मंत्री को मंत्रिमंडल से हटाए जाने को लेकर कुछ खुलकर नहीं कहा.

येदियुरप्पा ने बीते सोमवार को कहा था कि शपथ-ग्रहण समारोह के लिए भाजपा अध्यक्ष जे. पी. नड्डा और पार्टी के राज्य महासचिव अरुण सिंह को आमंत्रित किया जाएगा.

इससे पहले येदियुरप्पा ने बीते रविवार को नई दिल्ली में मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद पर नड्डा और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बातचीत की थी. इसके बाद उन्होंने मंत्रिमंडल में सात नए चेहरे शामिल करने का संकेत दिया था.

पढ़ें : तमिलनाडु में चुनावी 'पोंगल', भाजपा-कांग्रेस की रेस

मंत्रिमंडल से हटाये जाने की खबरों पर आबकारी मंत्री एच नागेश ने कहा, उन्हें ऐसे किसी कदम की जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा था, यह मैं ही हूं जिसने भाजपा सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त किया तथा मुख्यमंत्री एवं राज्य के लोग जानते हैं.

येदियुरप्पा लंबे समय से मंत्रिमंडल का विस्तार करना चाहते रहे हैं. भाजपा अध्यक्ष ने गत 18 नवम्बर को नई दिल्ली में उनसे मुलाकात के दौरान इस कवायद के लिए केन्द्रीय नेतृत्व की मंजूरी की प्रतीक्षा करने को कहा था.

मंत्रिमंडल विस्तार/ फेरबदल एक मुश्किल भरी कवायद होने की संभावना है क्योंकि पार्टी के पुराने नेताओं के साथ-साथ कांग्रेस और जनता दल (सेकुलर) से आये नेता मंत्रिपरिषद में जगह पाने की आस में हैं. इन दो विपक्षी दलों से बगावत कर आये नेताओं की वजह से ही भाजपा की सरकार बन पायी थी.

राज्य में कांग्रेस-जद (एस) की सरकार गिरने के बाद बीजेपी ने जुलाई 2019 में सत्ता हासिल की थी. वर्तमान में कैबिनेट में सात पद रिक्त हैं. इससे पहले फरवरी 2020 में मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ था.

बेंगलुरु : कर्नाटक मंत्रिमंडल का विस्तार आज (बुधवार) सात नये विधायकों के शपथ लेने के साथ पूरा हो गया. इन विधायकों में एमटीबी नागराज, उमेश कट्टी, अरविंद लिंबावली, मुर्गेश निरानी, आर शंकर, सीपी योगेश्वर, अंगारा ने मंत्री पद की शपथ ली.

7 नए विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ

बता दें कि कर्नाटक मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत 27 मंत्री हैं. मंत्रिमंडल में सात की जगह खाली थी. अब 7 नए विधायकों के शपथ लेने के बाद खाली जगहों की पूर्ति कर ली गई है.

इससे पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा ने बीते मंगलवार को कहा था कि उनके मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित विस्तार 13 जनवरी को होने की संभावना है और इसमें शामिल होने वाले नए मंत्रियों की सूची शाम को जारी की जाएगी. मुख्यमंत्री ने हालांकि सात नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने का संकेत दिया, लेकिन किसी भी मौजूदा मंत्री को मंत्रिमंडल से हटाए जाने को लेकर कुछ खुलकर नहीं कहा.

येदियुरप्पा ने बीते सोमवार को कहा था कि शपथ-ग्रहण समारोह के लिए भाजपा अध्यक्ष जे. पी. नड्डा और पार्टी के राज्य महासचिव अरुण सिंह को आमंत्रित किया जाएगा.

इससे पहले येदियुरप्पा ने बीते रविवार को नई दिल्ली में मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद पर नड्डा और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बातचीत की थी. इसके बाद उन्होंने मंत्रिमंडल में सात नए चेहरे शामिल करने का संकेत दिया था.

पढ़ें : तमिलनाडु में चुनावी 'पोंगल', भाजपा-कांग्रेस की रेस

मंत्रिमंडल से हटाये जाने की खबरों पर आबकारी मंत्री एच नागेश ने कहा, उन्हें ऐसे किसी कदम की जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा था, यह मैं ही हूं जिसने भाजपा सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त किया तथा मुख्यमंत्री एवं राज्य के लोग जानते हैं.

येदियुरप्पा लंबे समय से मंत्रिमंडल का विस्तार करना चाहते रहे हैं. भाजपा अध्यक्ष ने गत 18 नवम्बर को नई दिल्ली में उनसे मुलाकात के दौरान इस कवायद के लिए केन्द्रीय नेतृत्व की मंजूरी की प्रतीक्षा करने को कहा था.

मंत्रिमंडल विस्तार/ फेरबदल एक मुश्किल भरी कवायद होने की संभावना है क्योंकि पार्टी के पुराने नेताओं के साथ-साथ कांग्रेस और जनता दल (सेकुलर) से आये नेता मंत्रिपरिषद में जगह पाने की आस में हैं. इन दो विपक्षी दलों से बगावत कर आये नेताओं की वजह से ही भाजपा की सरकार बन पायी थी.

राज्य में कांग्रेस-जद (एस) की सरकार गिरने के बाद बीजेपी ने जुलाई 2019 में सत्ता हासिल की थी. वर्तमान में कैबिनेट में सात पद रिक्त हैं. इससे पहले फरवरी 2020 में मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ था.

Last Updated : Jan 13, 2021, 5:52 PM IST
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