नई दिल्ली : राज्य सभा के लिए मनोनीत होने के बाद विपक्ष के निशाने पर आए पूर्व न्यायधीश रंजन गोगोई ने कहा कि मैं शायद कल दिल्ली जाऊंगा. उसके बाद बताऊंगा कि मैंने राज्यसभा सभा जाने का फैसला क्यों किया. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'मैं शायद कल दिल्ली जाऊंगा. पहले मुझे शपथ लेने दीजिए फिर मैं मीडिया से विस्तार से बात करूंगा कि मैंने यह क्यों स्वीकार किया और मैं राज्यसभा क्यों जा रहा हूं. इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने पर कहा है कि गोगोई न्यायपालिका और खुद की ईमानदारी से समझौता करने के लिए याद किए जाएंगे.
सिब्बल ने कहा कि जो विश्वास न्याय व्यवस्था पर था, वह अब कम होता जा रहा है. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने ऐसे काम किए हैं, जिससे कोर्ट से लोगों का विश्वास उठता जा रहा है.
कांग्रेस नेता ने कहा लोगों को यकीन था कि एक यही संस्थान जो उनके मानवाधिकारों की रक्षा करेगी, लेकिन आज लोगों का यह विश्वास भी खत्म हो गया.
सिब्बल ने कहा कि गोगोई ने केवल एक राज्यसभा की सीट के लिए अपने नुकसान के साथ-साथ उन जजों का भी नुकसान किया है जो आज अदालतों में बैठे हैं.
इससे पहले इस मामले में उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि न्यायमूर्ति गोगोई राज्यसभा जाने की खातिर सरकार के साथ खड़े होने और सरकार एवं अपनी ईमानदारी के साथ समझौता करने के लिए याद किए जाएंगे. जबकि जस्टिस एचआर खन्ना अपनी ईमानदारी, सरकार के सामने खड़े होने और कानून का शासन बरकरार रखने के लिए याद किए जाते हैं.
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वहीं, दूसरी ओर शिवसेना संजय राउत ने कहा है कि जो व्यक्ति देश का न्यायधीश रहा है, उसे राजनीति से दूर रहना चाहिए.
उन्होंने कहा कि आज कल रिटायर्मेंट के बाद मुख्य न्याधीश भी राज्यपाल बनना चाहते हैं. अब हमारे लोक तंत्र में इस तरह की आदत हो गई.
उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले में लेना वाला भी खुश होता और देने वाला भी खुश होता है. लेकिन कुछ संस्थाओं को इससे दूर रहना चाहिए.
बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को गोगोई का नाम राज्यसभा के लिए मनोनीत किया. गोगोई 17 नवंबर 2019 को उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए थे. उनके सेवानिवृत्त होने से पहले उन्हीं की अध्यक्षता में बनी पीठ ने अयोध्या मामले तथा कुछ अन्य महत्वपूर्ण मामलों में फैसला सुनाया था.