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इस साल नहीं होगी कांवड़ यात्रा, उत्तराखंड समेत तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों में बनी सहमति

जुलाई माह में कांवड़ यात्रा संचालित की जानी थी. यात्रा में करोड़ों की संख्या में कांवड़िये हरिद्वार पहुंचते हैं. हरिद्वार से गंगाजल कांवड़ में भरकर अपने यहां शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं. लेकिन इस बार कोरोना के मद्देनजर इस बार कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी गई है. पढ़ें विस्तार से...

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इस साल नहीं होगी कांवड़ यात्रा
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Published : Jun 21, 2020, 9:17 AM IST

देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कांवड़ यात्रा को लेकर आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के माध्यम से चर्चा की. बैठक में कोविड-19 की परिस्थितियों को देखते हुए कांवड़ यात्रा को स्थगित करने की सहमति दी गई. कांवड़ संघों और संतों ने भी कांवड़ यात्रा को निरस्त करने का प्रस्ताव दिया था. बैठक में तीनों राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.

गौरतलब है कि जुलाई माह में कांवड़ यात्रा संचालित की जानी थी. यात्रा में करोड़ों की संख्या में कांवड़िये हरिद्वार पहुंचते हैं. हरिद्वार से गंगाजल कांवड़ में भरकर अपने यहां शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं. यात्रा के दौरान सरकार के स्तर से कानून व्यवस्था व यातायात को लेकर कई तरह के इंतजाम करने पड़ते हैं.

पढ़ें : कोविड-19 के हल्के संक्रमण से उपचार के लिए दवा को मिली मंजूरी

वार्ता के दौरान तीनों राज्यों के अधिकारियों ने कोविड-19 के कारण संक्रमण फैलने को लेकर आशंका जताई. कोविड-19 की गाइडलाइन के तहत भारी भीड़ को नियंत्रित करने में असमर्थता जताई गई. बैठक में निर्णय लिया गया कि कोविड-19 को रोकने के लिए बहुत जरूरी है कि लोगों को बड़ी संख्या में एकत्र होने से रोका जाए. लोग जलाभिषेक स्थानीय स्तर पर निर्धारित गाइडलाइन का पालन करते हुए कर सकते हैं.

देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कांवड़ यात्रा को लेकर आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के माध्यम से चर्चा की. बैठक में कोविड-19 की परिस्थितियों को देखते हुए कांवड़ यात्रा को स्थगित करने की सहमति दी गई. कांवड़ संघों और संतों ने भी कांवड़ यात्रा को निरस्त करने का प्रस्ताव दिया था. बैठक में तीनों राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.

गौरतलब है कि जुलाई माह में कांवड़ यात्रा संचालित की जानी थी. यात्रा में करोड़ों की संख्या में कांवड़िये हरिद्वार पहुंचते हैं. हरिद्वार से गंगाजल कांवड़ में भरकर अपने यहां शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं. यात्रा के दौरान सरकार के स्तर से कानून व्यवस्था व यातायात को लेकर कई तरह के इंतजाम करने पड़ते हैं.

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वार्ता के दौरान तीनों राज्यों के अधिकारियों ने कोविड-19 के कारण संक्रमण फैलने को लेकर आशंका जताई. कोविड-19 की गाइडलाइन के तहत भारी भीड़ को नियंत्रित करने में असमर्थता जताई गई. बैठक में निर्णय लिया गया कि कोविड-19 को रोकने के लिए बहुत जरूरी है कि लोगों को बड़ी संख्या में एकत्र होने से रोका जाए. लोग जलाभिषेक स्थानीय स्तर पर निर्धारित गाइडलाइन का पालन करते हुए कर सकते हैं.

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