कानपुर : शोहदों की अब खैर नहीं, जी हां कानपुर की रहने वाली एक छात्रा ने ऐसा रिंग तैयार की है जिससे छेड़छाड़ करने वाले शोहदों को करेंट का जोरदार झटका लगेगा. ईटीवी भारत पर मिलिए विकास नगर के रहने वाले भाई और बहन से जिन्होंने एक ऐसी चाबी का गुच्छा बनाया है, जो बटन दबाते ही करंट मारता है. आए दिन होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं में महिलाओं के लिए यह काफी मददगार साबित होगा. यह उनके लिए एक कवच के रूप में कार्य करेगा.
आपको बता दें कि टिंकर इंडिया अभियान से जुड़े पूजा पटेल और शिवा पटेल ने इस गुच्छे को तैयार किया है और इसको नाम दिया है 'इमरजेंसी शॉक की चैन फॉर वूमेन सेफ्टी'. यह छोटा सा दिखने वाला चाभी का गुच्छा 440 वोल्ट तक करंट का झटका देने में सक्षम है.
कहां से आया आईडिया
इस डिवाइस को बनाने वाली पूजा पटेल ने बताया कि आए दिन दुष्कर्म और छेड़छाड़ की घटनाएं सामने आती रहती हैं. ऐसे में लड़कियों की सुरक्षा के लिए यह डिवाइस बनाने का ख्याल मन में आया. जिसके बाद उन्होंने अपने भाई की मदद से यह डिवाइस तैयार की है.
कैसे काम करता है यह डिवाइस
आपको बता दें कि यह डिवाइस वोल्टेज एमप्लीफिकेशन प्रक्रिया पर काम करता है. इसमें रिचार्जेबल बैटरी और कैपिस्टर लगा है. इसको चाबी के गुच्छे जैसी डिवाइस में लगाया गया है. इसमें एक बटन लगा है जिसको दबाते ही डिवाइस से एक निश्चित क्षेत्र में करंट का प्रवाह शुरू हो जाता है और शरीर में छूते ही करंट का झटका लगता है. जिसकी वजह से आदमी कुछ देर के लिए अनकॉन्शियस हो जाता है.
वूमेन सेफ्टी में काफी मददगार
यह डिवाइस बेहद कम कीमत में तैयार हुआ है. आपको बता दें कि इसको बनाने में लगभग 300 रुपये का खर्च आया है. आर्थिक रूप से कमजोर पूजा ने इस प्रोडक्ट को बनाने के लिए घर में पड़े वेस्ट मटेरियल से चीजें निकाल कर इस अनोखे गुच्छे को तैयार किया है. पूजा ने बताया कि वह चाहती है कि महिला सुरक्षा को लेकर यह काफी मददगार साबित हो. जिस प्रकार से हम सुनते हैं कि रोज महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं हो रही हैं ऐसे में यह तकनीक महिलाओं की रक्षा तो करेगी. साथ ही शोहदों को भी सबक सिखाएगी. इस डिवाइस को बनाने वाली पूजा पटेल चाहती हैं कि उनके द्वारा बनाया गई 'इमरजेंसी शॉक की चैन फॉर वूमेन सेफ्टी' डिवाइस हर महिला तक पहुंचे.
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टिंकर इंडिया देगा प्रोडक्ट का रूप
टिंकर इंडिया के संस्थापक कौस्तुभ ओमर ने बताया कि वह इसको छात्रा के नाम से पेटेंट कर बाजार में उतारना चाहते हैं. जिससे महिला सुरक्षा अभियान में मद्द मिल सके.