नैनीताल : कोरोना संक्रमण के चलते इस बार हिन्दू धर्मावलंबियों की सबसे बड़ी और पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा रद कर दी गई है. इस यात्रा के रद होने से कुमाऊं मंडल विकास निगम को करीब 56 लाख रुपये का नुकसान होगा.
बता दें कि, 12 जून से कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू होती थी और 15 जून को यात्रियों का पहला दल दिल्ली से उत्तराखंड के काठगोदाम पहुंचता था. काठगोदाम पहुंचने के बाद इन यात्रियों का कुमाऊनी रीति रिवाज और परंपराओं के अनुसार स्वागत किया जाता था. अगले दिन यात्रा अपने अगले पड़ाव अल्मोड़ा के लिए रवाना होती थी. अल्मोड़ा से पिथौरागढ़, धारचूला, नजंग, बूंदी, कालापानी, गूंजी लिपुलेख समेत विभिन्न पड़ाव को पूरा करते हुए पैदल यात्रा मार्ग से चाइना में प्रवेश करती थी.
पढ़ें:- कोरोना इफेक्ट : 21 जुलाई से शुरू होगी अमरनाथ यात्रा, इस बार अवधि सिर्फ 15 दिन
गौरतलब है कि कैलाश मानसरोवर यात्रा में करीब 18 दल शामिल होते हैं और हर दल में करीब 60 भक्त बाबा के दर्शन करने के लिए जाते हैं. लेकिन इस बार कोरोना वायरस संक्रमण के चलते इस यात्रा को रद कर दिया गया है, जिससे बाबा के दर्शन करने वाले सैकड़ों भक्तों के सपने अधूरे रह गए हैं.
कुमाऊं मंडल विकास निगम द्वारा 1980 से लगातार कैलाश मानसरोवर यात्रा का आयोजन किया जाता रहा है. इस बार भी निगम ने यात्रा की सभी तैयारियां पूरी कर ली थीं.
कुमाऊं मंडल विकास निगम के जीएम अशोक कुमार जोशी ने बताया कि यात्रा को लेकर हर साल करीब 2000 के आसपास यात्री अपना पंजीकरण कराते थे. करीब 1080 यात्रियों का चयन मेडिकल परीक्षण के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए किया जाता था, जिससे कुमाऊं मंडल विकास निगम को करीब 56 लाख से अधिक की आमदनी प्राप्त होती थी, लेकिन इस बार यात्रा रद होने से कुमाऊं मंडल विकास निगम को नुकसान हुआ है.