अमरावती : भारत ने आज आंध्र प्रदेश के तट पर 3,500 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली के-4 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया. DRDO द्वारा विकसित इस मिसाइल को नौसेना के स्वदेशी INS अरिहंत-श्रेणी के परमाणु-संचालित पनडुब्बियों पर लगाया जा सकेगा.
के-4 की आसानी से दुश्मन के रडार पर की पकड़ में नहीं आती है, यह 200 किलो तक के परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है और इस पानी के अंदर से प्रक्षेपित किया जा सकता है.
इस मिसाइल को समुद्र के भीतर बने प्लेटफार्म से लांच किया गया.
वहीं के-4 के सफल परिक्षण के साथ अब समुद्र के अंदर भी भारत की ताकत बढ़ गई है. इसके साथ ही अब भारत के पास पानी के अंदर मार करने वाली दो स्वदेशी मिसाइलें हो गईं हैं.
इससे पहले भारत ने 700 किलोमीटर तक मारक क्षमात वाली बीओ-5 और इस बेडे़ में अब के-4 के जुड़ गई है.
भारत लगातार बैलेस्टिक एण्ड अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का परिक्षण कर रहा है और अपनी क्षमता को बढ़ा रहा है. आज के समय में बैलेस्टिक मिसाइल युद्ध में अहम भुमिका निभा सकती हैं.
बैलेस्टिक मिसाइल में नेविगेशन सिस्टम से लैस होती है. यह एक रॉकेट से छोड़ी जाने वाली स्व-निर्देशित रणनीतिक-हथियार प्रणाली है. इसे प्रक्षेप पथ पर निर्धारित स्थान को निशाना बनाने के लिए निर्देशित किया जा सकता है. बैलिस्टिक मिसाइलें पारंपरिक उच्च विस्फोटकों के साथ-साथ रासायनिक, जैविक या परमाणु विस्फोटक ले जा सकती हैं.