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ओडिशा : मिसाल बनीं 'जुलीमा', 12 बाल विवाह रोकने में हुईं सफल - बाल विवाह अपराध

ओडिशा के बंधुड़ी की रहने वाली जुलीमा नाम की लड़की जिन्होंने समाज में बाल विवाह जैसे अपराध को रोक कर मिसाल पेश की है. उन्होंने इस बुराई के खिलाफ समाज में लड़ाई लड़ी. उनका यह साहसिक कदम उन्हीं के क्षेत्र में 12 बाल विवाह रोकने में सफल रहा. पढ़ें पूरा विवरण...

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Published : Dec 18, 2019, 9:14 AM IST

Updated : Dec 18, 2019, 10:05 AM IST

भूवनेश्वर : ओडिशा के बंधुड़ी की रहने वाली जुलीमा नाम की लड़की जिन्होंने छोटी सी ही उम्र में समाज में बाल विवाह जैसे अपराध को रोक कर मिसाल पेश की है. बता दें कि जुलीमा कोंडो जनजाति के एक गरीब परिवार से हैं.

जुलिमा ने अपनी पढ़ाई लिखाई छोड़ अपने परिवार को आर्थिक रूप से मदद करने के लिए काम करना शुरु किया.

वह स्वयंसेवी के तौर पर एक गैर सरकारी संगठन में शामिल हुईं और समाज में बाल विवाह की सामाजिक बुराई के खिलाफ लड़ाई लड़ी. जुलीमा का यह साहसिक कदम उन्हीं के क्षेत्र में 12 बाल विवाह रोकने में सफल रहा.

पढे़ं : नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : इस पंचायत के लोग कचरे से बनाते हैं ईंट, फूलदान और टाइल

ओपन स्कूलिंग में अपनी पढ़ाई जारी रखते हुए उन्होंने अपने दोस्तों और साथियों को पढ़ने और शिक्षित होने के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया है. साथ ही वह अपने साथ के लोगों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं.

वर्तमान में जुलिमा बाल अधिकारों की रक्षा, बाल विवाह पर अंकुश लगाने की दिशा में काम कर रही हैं. शिक्षा के अधिकार और बाल विवाह की सामाजिक बुराई के खिलाफ लड़ने के लिए उन्हें यूनिसेफ पुरस्कार मिला.

जुलिमा पूरे देश में इस पुरस्कार के लिए चुने गए 10 लोगों में से एक हैं. बता दें कि यूनिसेफ पुरस्कार उन लोगों के लिए प्रस्तुत किया जाता है जो समाज में अपने जीवन और अपने आसपास के लोगों के उत्थान के लिए काम करते हैं.

भूवनेश्वर : ओडिशा के बंधुड़ी की रहने वाली जुलीमा नाम की लड़की जिन्होंने छोटी सी ही उम्र में समाज में बाल विवाह जैसे अपराध को रोक कर मिसाल पेश की है. बता दें कि जुलीमा कोंडो जनजाति के एक गरीब परिवार से हैं.

जुलिमा ने अपनी पढ़ाई लिखाई छोड़ अपने परिवार को आर्थिक रूप से मदद करने के लिए काम करना शुरु किया.

वह स्वयंसेवी के तौर पर एक गैर सरकारी संगठन में शामिल हुईं और समाज में बाल विवाह की सामाजिक बुराई के खिलाफ लड़ाई लड़ी. जुलीमा का यह साहसिक कदम उन्हीं के क्षेत्र में 12 बाल विवाह रोकने में सफल रहा.

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ओपन स्कूलिंग में अपनी पढ़ाई जारी रखते हुए उन्होंने अपने दोस्तों और साथियों को पढ़ने और शिक्षित होने के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया है. साथ ही वह अपने साथ के लोगों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं.

वर्तमान में जुलिमा बाल अधिकारों की रक्षा, बाल विवाह पर अंकुश लगाने की दिशा में काम कर रही हैं. शिक्षा के अधिकार और बाल विवाह की सामाजिक बुराई के खिलाफ लड़ने के लिए उन्हें यूनिसेफ पुरस्कार मिला.

जुलिमा पूरे देश में इस पुरस्कार के लिए चुने गए 10 लोगों में से एक हैं. बता दें कि यूनिसेफ पुरस्कार उन लोगों के लिए प्रस्तुत किया जाता है जो समाज में अपने जीवन और अपने आसपास के लोगों के उत्थान के लिए काम करते हैं.

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Last Updated : Dec 18, 2019, 10:05 AM IST
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