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उन्नाव दुष्कर्म मामला, एम्स में विशेष अदालत शुरू

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Published : Sep 11, 2019, 1:12 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 5:29 AM IST

उन्नाव बलात्कार मामले में एम्स में बुधवार को अस्थायी अदालत लगाई गई. बलात्कार पीड़िता के बयान दर्ज करने के लिए जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा एम्स पहुंच गए हैं और कार्यवाही शुरू कर दी है. पढ़ें विस्तार से...

उन्नाव रेप मामला में अब एम्स में ही होगी सुनवाई

नई दिल्ली: उन्नाव सामूहिक दुष्कर्म मामले में प्रस्तावित विशेष अदालत दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के जय प्रकाश नारायण ट्रॉमा सेंटर स्थित सेमिनार हॉल में लग चुकी है. विशेष अदालत में दिल्ली पश्चिम के जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने कार्यवाही शुरू कर दी है.

विशेष अदालत लगने से पहले ही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने वहां की सुरक्षा के खास इंतजाम कर दिए थे. सीबीआई की टीम मामले से जुड़े तमाम संबंधित दस्तावेजों सहित अदालत शुरू होने से पहले ही सुबह करीब नौ बजे परिसर पहुंच चुकी थी. फिलहाल विशेष अदालत द्वारा पीड़िता के बयान दर्ज किए जाने की कार्यवाही चल रही है.

मामले के एक प्रमुख आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को इसके लिए एम्स लाया गया. उसके साथ सह-आरोपी शशि सिंह को भी लाया गया है.

बता दें, भाजपा सेंगर को पार्टी से निष्कासित कर चुकी है.

पढ़ें- सावधान! राजधानी में अपने ही लूट रहे मासूमों की इज्जत, रेप की इस रिपोर्ट से 'डर' जाएंगे आप

न्यायाधीश ने शनिवार को एम्स के जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में एक अस्थायी अदालत स्थापित करने के निर्देश दिए थे, जहां महिला को 28 जुलाई को एक दुर्घटना के बाद भर्ती कराया गया था. उच्च न्यायालय ने इस मामले में शुक्रवार को अनुमति दी थी.

उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को प्रशासनिक पक्ष से इस आशय की एक अधिसूचना जारी की, जिसमें कहा गया कि मामले की सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश शर्मा पीड़िता के बयान दर्ज करेंगे.

महिला ने 2017 में सेंगर पर उसके साथ कथित तौर पर बलात्कार करने का आरोप लगाया था. घटना के वक्त वह नाबालिग थी. 28 जुलाई को उत्तर प्रदेश के रायबरेली में हुये सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हुई पीड़िता फिलहाल जीवन के लिए जूझ रही है. उस दुर्घटना में उसकी मौसी और चाची दोनों की मौत हो गई थी. हादसे में उनका वकील भी घायल हो गया था.

नई दिल्ली: उन्नाव सामूहिक दुष्कर्म मामले में प्रस्तावित विशेष अदालत दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के जय प्रकाश नारायण ट्रॉमा सेंटर स्थित सेमिनार हॉल में लग चुकी है. विशेष अदालत में दिल्ली पश्चिम के जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने कार्यवाही शुरू कर दी है.

विशेष अदालत लगने से पहले ही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने वहां की सुरक्षा के खास इंतजाम कर दिए थे. सीबीआई की टीम मामले से जुड़े तमाम संबंधित दस्तावेजों सहित अदालत शुरू होने से पहले ही सुबह करीब नौ बजे परिसर पहुंच चुकी थी. फिलहाल विशेष अदालत द्वारा पीड़िता के बयान दर्ज किए जाने की कार्यवाही चल रही है.

मामले के एक प्रमुख आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को इसके लिए एम्स लाया गया. उसके साथ सह-आरोपी शशि सिंह को भी लाया गया है.

बता दें, भाजपा सेंगर को पार्टी से निष्कासित कर चुकी है.

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न्यायाधीश ने शनिवार को एम्स के जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में एक अस्थायी अदालत स्थापित करने के निर्देश दिए थे, जहां महिला को 28 जुलाई को एक दुर्घटना के बाद भर्ती कराया गया था. उच्च न्यायालय ने इस मामले में शुक्रवार को अनुमति दी थी.

उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को प्रशासनिक पक्ष से इस आशय की एक अधिसूचना जारी की, जिसमें कहा गया कि मामले की सुनवाई कर रहे विशेष न्यायाधीश शर्मा पीड़िता के बयान दर्ज करेंगे.

महिला ने 2017 में सेंगर पर उसके साथ कथित तौर पर बलात्कार करने का आरोप लगाया था. घटना के वक्त वह नाबालिग थी. 28 जुलाई को उत्तर प्रदेश के रायबरेली में हुये सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हुई पीड़िता फिलहाल जीवन के लिए जूझ रही है. उस दुर्घटना में उसकी मौसी और चाची दोनों की मौत हो गई थी. हादसे में उनका वकील भी घायल हो गया था.

Intro:नई दिल्ली। उन्नाव रेप मामले की सुनवाई कर रहे जज धर्मेश शर्मा आज से पीड़िता का एम्स जाकर बयान दर्ज करेंगे। जज धर्मेश शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए एम्स को अस्थायी कोर्ट बनाने की अनुमति दी जाए। उनकी अर्जी और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले 6 सितंबर को एम्स के ट्रामा सेंटर के परिसर को अस्थायी कोर्ट बनाने की अनुमति दी थी। 



Body:पिछले 6 सितंबर को जज धर्मेश शर्मा ने ट्रायल पूरा करने के लिए 45 दिन की समयसीमा को बढ़ाये जाने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसकी इजाजत देते हुए कहा था कि आगे भी समयसीमा बढ़ाये जाने की ज़रूरत महसूस होने पर वो सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं।




Conclusion:पिछले 2 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप मामले की सुनवाई कर रही दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट से पूछा था कि मामले की सुनवाई करने में कितना समय लगेगा। दरअसल इस मामले के एक आरोपी शशि सिंह ने कोर्ट को बताया कि इस केस से जुड़े दुर्घटना मामले में सीबीआई की ओर से अभी तक आरोपपत्र दाखिल नहीं किया गया है।
Last Updated : Sep 30, 2019, 5:29 AM IST
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