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नाजुक दौर में 'अपनों' के बीच पहुंचे 'जिंदादिल' जुबिन, मदद के लिए बढ़ाये हाथ

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Published : Aug 8, 2020, 8:43 PM IST

Updated : Aug 8, 2020, 8:55 PM IST

जौनसार बावर के क्यारी गांव पहुंचे जुबिन नौटियाल इस संकट की घड़ी में जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत में जुबिन ने कहा कि गांव के लोग उनके अपने हैं और अपनों की मदद करना उनका फर्ज है.

jubin-nautiyal
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देहरादून: माया नगरी मुंबई में अपनी अवाज का जादू बिखरने वाले जुबिन नौटियाल आज अपने पैतृक गांव क्यारी पहुंचे. जहां जुबिन ने अपने से जुड़ी यादों को ताजा करते हुए, गांव और क्षेत्र के लोगों के दु:खों को साझा किया. ये जुबिन का पहाड़ों के प्रति प्यार ही है जो उन्हें ऐसे नाजुक दौर में अपनों के बीच ले आया, जौनसार बावर के क्यारी गांव पहुंचकर जुबिन ने जरूरतमंदों की मदद करते हुए उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया.

जौनसार-बावर की शांत, खूबसूरत वादियां जितनी सुकुन देती हैं, उतना ही कठिन यहां का जीवन भी है, जिसे समझते हुए जुबिन यहां हर किसी से अपनों की तरह मिले. संगीत की दुनिया में अपनी गायकी से धूम मचाने वाले जुबिन की सहजता, जमीनी जुड़ाव उनके स्वभाव में साफतौर पर झलकता है. यही कारण रहा कि बॉलीवुड के रॉकस्टार को अपने बीच पाकर क्षेत्रवासी भी काफी खुश दिखाई दिये. ये जुबिन का अपनी जन्मभूमि के लोगों से स्पेशल कनेक्शन ही था कि बिना कोई लाग लपेट के अपने इस हीरो से खुलकर वह अपनी परेशानियां को साझा कर रहे थे.

जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं जुबिन.

पढ़ें-बॉलीवुड सिंगर जुबिन नौटियाल ने जरूरतमंदों को बांटा राशन, कहा- खींच लाती है पहाड़ की खुशबू

दरअसल, लॉकडाउन के दौरान सिंगर जुबिन नौटियाल देहरादून स्थित अपने घर पर ही थे. अनलॉक-3 में मिली छूट और गांव की याद के बीच जुबिन एक बार फिर अपनों के बीच क्यारी गांव पहुंचे. जुबिन के इन खास पलों के बीच ETV BHARAT की टीम भी उनके साथ रही. इस दौरान जुबिन ने पहाड़ों के प्रति अपनी चाहत, यहां के लिए काम करने का जज्बा और हर उस पहलू पर बात की जिससे वे पहाड़ को पहचान दिलाना चाहते हैं. जुबिन नौटियाल ने कहा कि गांव की मिट्टी की खुशबू उन्हें अपने गांव की तरफ आकर्षित करती रहती है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद गांव और आस-पास के इलाकों का भ्रमण कर काफी सुकून मिला है. जुबिन ने कहा कि उन्हें ईश्वर से जो आवाज मिला है, वह क्यारी गांव की ही देने है.

ये भी पढ़ें: CORONA: अनलॉक-3 में मिली छूट, मंजिल की राह दूर

जुबिन नौटियाल ने कहा कि वह लंबे समय से अपने काम के चलते गांव से बाहर रहे. लेकिन कोरोना और लॉकडाउन की वजह से जो परिस्थितियां उत्पन्न हुई हैं. उसकी वजह से अब इत्मीनान से लोगों के साथ बैठकर बातचीत कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें लग रहा है कि जैसे 8 साल बाद उन्हें छुट्टी मिली है.

पढ़ें- LOCKDOWN: बॉलीवुड सिंगर जुबिन नौटियाल ने अपने फैंस का कैसे किया मनोरंजन, देखिए

भले ही इस वक्त देश में जगह-जगह लॉकडाउन खुल चुका है, लेक‍िन कई पर‍िवार ऐसे हैं जो घर चलाने की मुसीबत झेल रहे हैं. काम छूटने और कोरोना के डर से कहीं ना जा पाने की वजह से कई लोग अपने गांव तक ही सीमित होकर रह गए हैं. ऐसे में इन पर‍िवारों की मदद के लिए बॉलीवुड सिंगर जुबिन नौट‍ियाल ने हाथ बढ़ाया है.

पढ़ें- बॉलीवुड गायक जुबिन ने बयां किया दर्द, कहा- नेताओं ने उत्तराखंड पर नहीं दिया ध्यान

ईटीवी भारत से बातचीत में जुबिन ने कहा कि इस क्षेत्र में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. ऐसे में उन्होंने अपनों के बीच जाकर मदद करने का फैसला लिया है. जुबिन नौटियाल एक निजी फाउंडेशन की मदद से अपने पैतृक गांव में राहत सामग्री का वितरण कर रहे हैं.

पढ़ें- 'बंदेया तू मुंह मोड़ के ना जा, बंदेया दहलीज लांघ के ना जा, छोड़ गया तू किस के सहारे'....आ अब लौटें

कोरोना काल के इस नाजुक दौर में जब हर कोई घरों में कैद है, ऐसे में जुबिन नौटियाल लोगों के बीच पहुंचकर उनसे मिल रहे हैं. वे जरूरतमदों की मदद के लिए लगातार हाथ आगे बढ़ा रहे हैं, ऐसा नहीं है कि इस काम में वे अकेले हैं, उनके पिता रामशरण नौटियाल और अन्य कुछ संस्थाएं भी उनके साथ कंधें-से कंधा मिला रही हैं, जो कि जुबिन के हौसले को और बढ़ा रही हैं. जुबिन नौटियाल कहते हैं कि अपने लोगों का दर्द महसूस करना और उनसे जुड़ाव की प्रेरणा उन्हें पिता से ही मिली है.

देहरादून: माया नगरी मुंबई में अपनी अवाज का जादू बिखरने वाले जुबिन नौटियाल आज अपने पैतृक गांव क्यारी पहुंचे. जहां जुबिन ने अपने से जुड़ी यादों को ताजा करते हुए, गांव और क्षेत्र के लोगों के दु:खों को साझा किया. ये जुबिन का पहाड़ों के प्रति प्यार ही है जो उन्हें ऐसे नाजुक दौर में अपनों के बीच ले आया, जौनसार बावर के क्यारी गांव पहुंचकर जुबिन ने जरूरतमंदों की मदद करते हुए उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया.

जौनसार-बावर की शांत, खूबसूरत वादियां जितनी सुकुन देती हैं, उतना ही कठिन यहां का जीवन भी है, जिसे समझते हुए जुबिन यहां हर किसी से अपनों की तरह मिले. संगीत की दुनिया में अपनी गायकी से धूम मचाने वाले जुबिन की सहजता, जमीनी जुड़ाव उनके स्वभाव में साफतौर पर झलकता है. यही कारण रहा कि बॉलीवुड के रॉकस्टार को अपने बीच पाकर क्षेत्रवासी भी काफी खुश दिखाई दिये. ये जुबिन का अपनी जन्मभूमि के लोगों से स्पेशल कनेक्शन ही था कि बिना कोई लाग लपेट के अपने इस हीरो से खुलकर वह अपनी परेशानियां को साझा कर रहे थे.

जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं जुबिन.

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दरअसल, लॉकडाउन के दौरान सिंगर जुबिन नौटियाल देहरादून स्थित अपने घर पर ही थे. अनलॉक-3 में मिली छूट और गांव की याद के बीच जुबिन एक बार फिर अपनों के बीच क्यारी गांव पहुंचे. जुबिन के इन खास पलों के बीच ETV BHARAT की टीम भी उनके साथ रही. इस दौरान जुबिन ने पहाड़ों के प्रति अपनी चाहत, यहां के लिए काम करने का जज्बा और हर उस पहलू पर बात की जिससे वे पहाड़ को पहचान दिलाना चाहते हैं. जुबिन नौटियाल ने कहा कि गांव की मिट्टी की खुशबू उन्हें अपने गांव की तरफ आकर्षित करती रहती है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद गांव और आस-पास के इलाकों का भ्रमण कर काफी सुकून मिला है. जुबिन ने कहा कि उन्हें ईश्वर से जो आवाज मिला है, वह क्यारी गांव की ही देने है.

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जुबिन नौटियाल ने कहा कि वह लंबे समय से अपने काम के चलते गांव से बाहर रहे. लेकिन कोरोना और लॉकडाउन की वजह से जो परिस्थितियां उत्पन्न हुई हैं. उसकी वजह से अब इत्मीनान से लोगों के साथ बैठकर बातचीत कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें लग रहा है कि जैसे 8 साल बाद उन्हें छुट्टी मिली है.

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भले ही इस वक्त देश में जगह-जगह लॉकडाउन खुल चुका है, लेक‍िन कई पर‍िवार ऐसे हैं जो घर चलाने की मुसीबत झेल रहे हैं. काम छूटने और कोरोना के डर से कहीं ना जा पाने की वजह से कई लोग अपने गांव तक ही सीमित होकर रह गए हैं. ऐसे में इन पर‍िवारों की मदद के लिए बॉलीवुड सिंगर जुबिन नौट‍ियाल ने हाथ बढ़ाया है.

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ईटीवी भारत से बातचीत में जुबिन ने कहा कि इस क्षेत्र में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. ऐसे में उन्होंने अपनों के बीच जाकर मदद करने का फैसला लिया है. जुबिन नौटियाल एक निजी फाउंडेशन की मदद से अपने पैतृक गांव में राहत सामग्री का वितरण कर रहे हैं.

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कोरोना काल के इस नाजुक दौर में जब हर कोई घरों में कैद है, ऐसे में जुबिन नौटियाल लोगों के बीच पहुंचकर उनसे मिल रहे हैं. वे जरूरतमदों की मदद के लिए लगातार हाथ आगे बढ़ा रहे हैं, ऐसा नहीं है कि इस काम में वे अकेले हैं, उनके पिता रामशरण नौटियाल और अन्य कुछ संस्थाएं भी उनके साथ कंधें-से कंधा मिला रही हैं, जो कि जुबिन के हौसले को और बढ़ा रही हैं. जुबिन नौटियाल कहते हैं कि अपने लोगों का दर्द महसूस करना और उनसे जुड़ाव की प्रेरणा उन्हें पिता से ही मिली है.

Last Updated : Aug 8, 2020, 8:55 PM IST
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