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राजस्थान : हाईकोर्ट ने जेपी नड्डा पर दर्ज एफआईआर पर लगाई रोक - Rajasthan High Court

राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर स्थित मुख्यपीठ ने हनुमानगढ़ थाने में जेपी नड्डा के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर आगामी कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है. वहीं जेपी नड्डा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश पीएस भाटी की एकलपीठ ने यह आदेश दिया. पढे़ं विस्तार से...

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राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा
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Published : May 5, 2020, 2:04 PM IST

जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर स्थित मुख्यपीठ ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के खिलाफ हनुमानगढ़ थाने में दर्ज एफआईआर पर आगामी कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है. न्यायाधीश पीएस भाटी की एकलपीठ ने यह आदेश जेपी नड्डा की ओर से दायर आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए है.

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राज दीपक रस्तोगी ने बताया कि कांग्रेसी कार्यकर्ता मनोज सैनी ने हनुमानगढ़ पुलिस थाने में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और आईटी सेल के राष्ट्रीय संयोजक अमित मालवीय के खिलाफ गत 23 अप्रैल को एफआईआर दर्ज कराई थी.

मामले के अनुसार अमित मालवीय ने 10 अप्रैल को अपने ट्विटर से एक न्यूज के आधार पर ट्वीट किया था. न्यूज में कहा गया था की भीलवाड़ा में 22 लाख लोगों के कोरोना टेस्ट किए गए हैं. जिस पर मालवीय ने ट्वीट में लिखा था की जहां भी राहुल गांधी होते हैं, वहां चीजों को बढ़ा चढ़ाकर बताया जाता है? वहीं याचिका में बताया गया कि मालवीय ने उसी ट्वीट को रीट्वीट किया था, जो समाचार में प्रकाशित किया गया था.

पढ़ेंः 26 जुलाई को नीट और 18 से 23 जुलाई तक होंगी जेईई परीक्षाएं

याचिका में यह भी कहा गया कि कांग्रेसी कार्यकर्ता ने केवल राजनीतिक द्वेषता के चलते मामला दर्ज कराया है. यहीं एफआईआर अलग-अलग लोगों ने बूंदी, कुचामन सिटी और जोधपुर सहित अन्य जगहों में भी दर्ज कराई थी. जिससे स्पष्ट है कि यह कार्रवाई केवल राजनीतिक दुर्भावना से की गई थी.

अमित मालवीय ने जो भी ट्वीट किए थे, उसमें कोई गलती नहीं थी. क्योंकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सात अप्रैल को भीलवाड़ा में 22 लाख टेस्ट किए जाने का बयान दिया था. याचिका में गुहार की गई है कि याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने एफआईआर पर अग्रिम कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है.

जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर स्थित मुख्यपीठ ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के खिलाफ हनुमानगढ़ थाने में दर्ज एफआईआर पर आगामी कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है. न्यायाधीश पीएस भाटी की एकलपीठ ने यह आदेश जेपी नड्डा की ओर से दायर आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए है.

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राज दीपक रस्तोगी ने बताया कि कांग्रेसी कार्यकर्ता मनोज सैनी ने हनुमानगढ़ पुलिस थाने में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और आईटी सेल के राष्ट्रीय संयोजक अमित मालवीय के खिलाफ गत 23 अप्रैल को एफआईआर दर्ज कराई थी.

मामले के अनुसार अमित मालवीय ने 10 अप्रैल को अपने ट्विटर से एक न्यूज के आधार पर ट्वीट किया था. न्यूज में कहा गया था की भीलवाड़ा में 22 लाख लोगों के कोरोना टेस्ट किए गए हैं. जिस पर मालवीय ने ट्वीट में लिखा था की जहां भी राहुल गांधी होते हैं, वहां चीजों को बढ़ा चढ़ाकर बताया जाता है? वहीं याचिका में बताया गया कि मालवीय ने उसी ट्वीट को रीट्वीट किया था, जो समाचार में प्रकाशित किया गया था.

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याचिका में यह भी कहा गया कि कांग्रेसी कार्यकर्ता ने केवल राजनीतिक द्वेषता के चलते मामला दर्ज कराया है. यहीं एफआईआर अलग-अलग लोगों ने बूंदी, कुचामन सिटी और जोधपुर सहित अन्य जगहों में भी दर्ज कराई थी. जिससे स्पष्ट है कि यह कार्रवाई केवल राजनीतिक दुर्भावना से की गई थी.

अमित मालवीय ने जो भी ट्वीट किए थे, उसमें कोई गलती नहीं थी. क्योंकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सात अप्रैल को भीलवाड़ा में 22 लाख टेस्ट किए जाने का बयान दिया था. याचिका में गुहार की गई है कि याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने एफआईआर पर अग्रिम कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है.

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