श्रीनगर : सोशल मीडिया पर 'राष्ट्रविरोधी गतिविधियों' में लिप्त होने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक महिला फोटो जर्नलिस्ट के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
श्रीनगर की रहने वाली 26 वर्षीय मसरत जहरा पर सोशल मीडिया पर राष्ट्रविरोधी पोस्ट करने, युवाओं को भड़काने और शांति व्यवस्था भंग करने का आरोप है.
हालांकि, पुलिस ने जहरा द्वारा किए गए किसी गैरकानूनी पोस्ट का कोई विवरण नहीं दिया. पुलिस ने सिर्फ उनके दिए एक जेनेवा स्थित द न्यू ह्यूमैनिटेरियन (टीएनएच) समाचार एजेंसी में साल 2019 के लेख से ट्वीट की गई पोस्ट का हवाला दिया.
बता दें कि यूएपीए सरकार को व्यक्तियों के खिलाफ आतंकवादी के रूप में उसपर मुकदमा चलाने की अनुमति देता है. ये अधिनियम ऐसे मामलों की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सशक्त बनाता है. इस कानून के तहत आरोपी को सात साल तक की जेल हो सकती है.
जहरा ने ईटीवी भारत को कहा कि उनकी आवाज दबाने के लिए पुलिस ने उन कार्रवाई की है. वे (पुलिस) मुझे चुप कराना चाहती है. वो मुझे दबाना चाहते हैं क्योंकि मैं कश्मीर की दमित आवाजो और कहानियों को दुनिया के सामने लाती हूं.
उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों से मैं लगातार सीखने और अपना स्थान बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हूं. उन्होंने कहा कि कश्मीर में बहुत कम महिला फोटो जर्नलिस्ट हैं.
जहरा का कहना है कि जिन तस्वीरों को साझा करने के लिए मुझे गिरफ्तार किया गया है, वह पहले से अलग-अलग भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में प्रकाशित हो चुकी हैं.
गौरतलब है कि जहरा के काम को द वॉशिंगटन पोस्ट, द सन, द न्यू ह्यूमैनिटेरियन, टीआरटी वर्ल्ड, अल जजीरा, द कारवां सहित और अन्य कई प्रकाशनों में जगह मिली चुकी है.