नई दिल्ली/शिमला: हिमाचल प्रदेश के मतदाताओं के तीन शीर्ष प्राथमिकताएं हैं. इन प्राथमिकताओं के अनुसार रोजगार के लिए बेहतर अवसर, कृषि और प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों की उपलब्धता अनिवार्य होना चाहिए. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, बुधवार को इससे जुड़ी एक रिपोर्ट जारी की गई है.
एडीआर ने देश के 534 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाताओं का सर्वेक्षण किया. इसमें 2.73 लाख से अधिक मतदाता हैं. हिमाचल प्रदेश में सर्वेक्षण अक्टूबर और दिसंबर 2018 के बीच किया गया था और सभी चार संसदीय क्षेत्रों में लगभग 2,000 उत्तरदाताओं को शामिल किया गया था.
सर्वेक्षण से पता चला कि मतदाताओं की शीर्ष तीन परेशानियों पर सरकार का क्या प्रदर्शन रहा. इसके अनुसार रोजगार के अवसर, कृषि के लिए पानी की उपलब्धता , प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति औसत से काफी नीचे दर्ज किए गए हैं.
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एडीआर सर्वेक्षण को दो वर्गों, ग्रामीण और शहरी मतदाताओं की प्राथमिकताओं में वर्गीकृत किया गया था. हिमाचल प्रदेश में शहरी मतदाताओं के लिए सर्वोच्च प्राथमिकताओं में रोजगार के बेहतर अवसर 60%, स्कूली शिक्षा 60% और भ्रष्टाचार का उन्मूलन 44% थे. वहीं ग्रामीण शीर्ष मतदाताओं की प्राथमिकताएं में रोजगार के बेहतर अवसर जो कि 60% है, उपलब्धता कृषि के लिए पानी 53% और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 41% है.
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, 'हिमाचल प्रदेश सर्वेक्षण रिपोर्ट 2018, इस तथ्य की ओर इशारा करता है कि हिमाचल प्रदेश में मतदाताओं की प्राथमिकताओं को सरकार द्वारा सत्ता में बड़े पैमाने पर नजरअंदाज किया गया है. यह इस तथ्य से बिल्कुल स्पष्ट है कि सरकार ने मूल्यांकन के रूप में शीर्ष सरकारी प्रशासन के मुद्दों पर खराब प्रदर्शन किया है. हिमाचल प्रदेश के मतदाताओं द्वारा नीचे के पांच मुद्दों को पर आसत प्रदर्शन है और बाकी सभी की बाज करें तो बेहद निराशाजनक और औसत से काफी कम है.'
हिमाचल प्रदेश अपनी चार लोकसभा सीटों, जिसमें शिमला, कांगड़ा, हमीरपुर और मंडी शामिल है, वहां19 मई को अंतिम और सातवें चरण में मतदान होना है.