नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (JNUSU) ने गुरुवार को सरकार पर निशाना साधा. छात्र संघ ने मांग की कि विश्वविद्यालय के छात्रावास से गायब हुए 27 वर्षीय छात्र नजीब अहमद के मामले में निष्पक्ष और त्वरित जांच हो. नजीब 15 अक्टूबर, 2016 को कैंपस हॉस्टल से लापता हो गया था.
छात्र संघ अध्यक्ष आईशी घोष ने कहा कि नजीब को लापता हुए चार साल हो गए. दिल्ली पुलिस ने मामले की जांच घटना के एक माह बाद शुरू की, जब सारे सबूत मिट चुके थे. यदि उन्होंने मामले को गंभीरता से लिया होता, तो नजीब सबके साथ होता.
घोष ने आरोप लगाए कि नजीब के गायब होने के बाद कुछ लोगों ने यह अफवाह फैलाई कि नजीब आतंकी संगठन की हिस्सा बन गया है. घोष ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह दिल्ली पुलिस की लापरवाही से हुआ.
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घोष ने पांच जानवरी की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि पुलिस मूक दर्शक बनकर तमाशा देख रही थी. उन्होंने कहा कि उन्हें न्याय व्यवस्था पर पूरा विश्वास है, इसलिए उन्होंने और लापता नजीब का मां ने मामले में सीबीआई जांच की मांग की है.
विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं की सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए घोष ने कहा कि जेएनयू केंद्रीय गृह मंत्रालय से महज कुछ किलोमीटर की दूरी पर है और यहां से एक छात्र गायब हो जाता है? यह कैसे मुमकिन है?
15 अक्टूबर, 2016 को नजीब कैंपस हॉस्टल से लापता हो गया था. उससे एक दिन पहले उसकी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों से झड़प हुई थी. दो साल तक मामले की जांच करने के बाद सीबीआई ने केस बंद कर दिया था.