नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कुलपति जगदीश कुमार का कार्यकाल विवादों में घिरा रहा है. इस दौरान 2016 के चर्चित राजद्रोह मामले से लेकर सोमवार को छात्रों के आंदोलन के कारण केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री के छह घंटे तक फंसे रहने जैसी घटनाएं हुईं. कई बार प्रदर्शन के दौरान उनके कार्यालय की तालाबंदी भी हुई.
गौरतलब है कि कुमार को जनवरी 2016 में कुलपति बनाया गया था और उनका कार्यकाल पूरा होने में अभी एक वर्ष से अधिक का समय बाकी है.
अपनी नियुक्ति के एक सप्ताह बाद ही कुलपति के रूप में उनका विवाद से सामना हुआ, जब छात्रों ने संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ कार्यक्रम करने की कोशिश की और उनका प्रशासन से टकराव हुआ.
इस कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं मिलने के बाद छात्रों ने नौ फरवरी, 2016 को एक बहस आयोजित की, जिसमें कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी नारे लगाये गये.
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इसके बाद छात्रों के खिलाफ राजद्रोह के आरोप में मामला दर्ज किया गया.
आपको बता दें जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को गिरफ्तार किया गया था और छात्रों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था.
नौ महीने बाद, नजीब अहमद नामक एक छात्र आरएसएस से जुड़े एबीवीपी के सदस्यों के साथ विवाद के बाद विश्वविद्यालय परिसर से लापता हो गया.
नजीब का अब तक पता नहीं चल सका है और इस मुद्दे पर परिसर में कई बार बंद और विरोध प्रदर्शन हुए हैं.
छात्रों द्वारा कुलपति आवास और कार्यालय का घेराव किए जाने की कई घटनाएं हुई हैं.
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक सोमवार को एआईसीटीई मुख्यालय के अंदर फंसे रहे, जब विश्वविद्यालय के छात्रों ने शुल्क वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन किया.