नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के प्रमुख वायसी मोदी ने सोमवार को कहा कि जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) भारत में अपने पांव पसारने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि 125 संदिग्धों की सूची विभिन्न राज्यों के साथ साझा की गई है.
आतंकवाद विरोधी दस्तों (एटीएस) के प्रमुखों की एक बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि जेएमबी ने झारखंड, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल में बांग्लादेशी अप्रवासियों की आड़ में अपनी गतिविधियां शुरू कर दी हैं.
उन्होंने कहा, 'एनआईए ने जेएमबी नेतृत्व से करीबी संबंध रखने वाले 125 संदिग्धों की सूची संबंधित राज्यों के साथ साझा की है.'
एनआईए के महानिरीक्षक आलोक मित्तल ने कहा कि 2014 से 2018 के बीच जेएमबी ने बेंगलुरु में 20 से 22 ठिकाने स्थापित किए और दक्षिण भारत में अपने पैर पसारने की कोशिश की.
उन्होंने कहा, 'जेएमबी ने कर्नाटक सीमा के पास कृष्णागिरी हिल्स में ‘रॉकेट लॉन्चर्स’ का परीक्षण भी किया.'
मित्तल ने कहा कि म्यामां में रोहिंग्या मुस्लिमों की हालत के लिए प्रतिशोध स्वरूप जेएमबी बौद्ध मंदिरों पर भी हमला करना चाहता था.
कब आया अस्तित्व में जेएमबी
संगठन 1998 में अस्तित्व में आया था. इसका उद्देश्य जिहाद के जरिए खलीफा राज्य स्थापित करना है.
दो अक्टूबर 2014 के बर्दवान बम विस्फोट और 19 जनवरी, 2018 के बोध गया विस्फोट में इसकी भूमिका संदिग्ध पाई जा चुकी है.