पटना: पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में जेडीयू 75 सीटों पर भाग्य आजमाएगी. वहां वह एनडीए से इतर अकेले मैदान में उतरेगी. पश्चिम बंगाल के जेडीयू प्रभारी और विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि जेडीयू का केवल बिहार में भाजपा से गठबंधन है. बंगाल में हम अकेले लड़ेंगे.
उन्होंने कहा कि पार्टी लंबे समय से पश्चिम बंगाल में काम कर रही है और इसका लाभ चुनाव में देखने को भी मिलेगा.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि जेडीयू पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को चुनौती पेश करने जा रही है. हम वहां पूरी ताकत के साथ 75 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. नीतीश कुमार ने बिहार में जिस प्रकार से गरीबों, पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों के लिए काम किया है. इससे वहां की जनता को लगता है कि नीतीश कुमार बेहतर काम कर सकते हैं.
उन्होंने कहा, 'बिहार में नीतीश कुमार ने जिस प्रकार से शराबबंदी को लागू किया और कम संसाधन के बाद इतनी प्रगति की है. इससे पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल की जनता काफी प्रभावित है और इसका लाभ भी हमें चुनाव में मिलेगा.'
कहीं यह भाजपा पर दबाव बनाने की कोशिश तो नहीं
क्या यह भाजपा पर दबाव बनाने की कोशिश है, इस सवाल पर गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि पहले भी हम कई राज्यों में चुनाव लड़ चुके हैं. हमारी पार्टी किसी पर दबाव नहीं बनाती है. हम अपने नेता की विचारधारा को लेकर आगे बढ़ते हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी लगातार कई राज्यों में प्रयास कर रही है, इसी क्रम में पश्चिम बंगाल में भी चुनाव लड़ने की तैयारी है.
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बिहार में जेडीयू को लगा है झटका
बता दें कि पश्चिम बंगाल चुनाव पर पूरे देश की नजर है. बिहार विधानसभा चुनाव में जिस प्रकार से जेडीयू को झटका लगा है, ऐसे में पार्टी अपना विस्तार करना चाह रही है.
बंगाल चुनाव में भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. चुनाव में उतरना जेडीयू की तरफ से भाजपा पर दबाव बनाने की रणनीति भी हो सकती है, लेकिन फिलहाल जेडीयू इससे इनकार कर रही है.