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CAB को लेकर JDU की सलाह - हितधारकों को विश्वास में ले सरकार

नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर JDU महासचिव केसी त्यागी का मानना है कि सरकार को इस विधेयक को पेश करने के पहले सभी हितधारकों का भरोसा जीतना चाहिए. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Nov 21, 2019, 5:40 PM IST

Updated : Nov 21, 2019, 7:40 PM IST

जनता दल यूनाइटेड (JDU) नेता केसी त्यागी

नई दिल्ली : जनता दल यूनाइटेड (JDU) महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि सरकार को संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) पेश करने से पहले सभी हितधारकों को विश्वास में लेना चाहिए.

त्यागी का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब सरकार संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में सीएबी प्रस्तुत करने का विचार कर रही है.

बता दें, इस विधेयक को लेकर अगली कैबिनेट की बैठक में चर्चा की जाएगी. इसके बाद इसे संसद में पेश किया जाएगा.

मीडिया से बातचीत करते JDU महासचिव केसी त्यागी

त्यागी ने इस बाबत कहा, 'कई संगठन असम और पूर्वोत्तर में CAB का विरोध कर रहे हैं. पूर्वोत्तर के लोगों को लगता है कि यह बिल उनके मौलिक अधिकारों को चुनौती देता है. इसलिए हमें उम्मीद है कि सरकार संसद में बिल पेश करने से पहले सभी हितधारकों को अपने विश्वास में लेगी.'

गौरतलब है कि गृह मंत्री अमित शाह हाल ही में गुवाहाटी में थे और उन्होंने सभी पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ सीएबी पर चर्चा भी की.

अहम बात है कि इसके पहले भी JDU पार्टी CAB को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर चुकी है. पार्टी ने सभी हितधारकों के साथ उचित ढंग से बातचीत करने की बात कही है.

गौरतलब है कि भाजपा सरकार ने 16वीं लोकसभा में इस विवादास्पद विधेयक को पारित किया था, लेकिन राज्यसभा में कड़े विरोध के कारण यह विधेयक उच्च सदन में पारित नहीं हो सका था.

ये भी पढ़ें : प्रशांत किशोर ने NRC को लेकर बिना नाम लिए BJP पर हमला बोला

केसी त्यागी ने कहा, 'अगर जरूरत पड़े तो इस बिल को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भी भेजा जाना चाहिए. जेपीसी सर्वसम्मति से जो भी निष्कर्ष निकालती है, हमारी पार्टी इसका समर्थन करेगी.'

मीडिया से बातचीत करते JDU महासचिव केसी त्यागी

आपकी जानकारी के लिए बता दें, नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई प्रवासियों सहित छह धार्मिक समुदायों को नागरिकता का दर्जा देता है. जो धार्मिक अभियोजन के कारण अवैध रूप से भारत आए थे.

वहीं, पैन इंडिया नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन का जिक्र करते हुए त्यागी ने कहा कि इस पर औपचारिक रूप से पहल करने के बाद ही उनकी पार्टी कुछ सोचेगी.

त्यागी ने बताया कि पैन इंडिया एनआरसी के बारे में सरकार की ओर से अभी तक कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है.

नई दिल्ली : जनता दल यूनाइटेड (JDU) महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि सरकार को संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) पेश करने से पहले सभी हितधारकों को विश्वास में लेना चाहिए.

त्यागी का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब सरकार संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में सीएबी प्रस्तुत करने का विचार कर रही है.

बता दें, इस विधेयक को लेकर अगली कैबिनेट की बैठक में चर्चा की जाएगी. इसके बाद इसे संसद में पेश किया जाएगा.

मीडिया से बातचीत करते JDU महासचिव केसी त्यागी

त्यागी ने इस बाबत कहा, 'कई संगठन असम और पूर्वोत्तर में CAB का विरोध कर रहे हैं. पूर्वोत्तर के लोगों को लगता है कि यह बिल उनके मौलिक अधिकारों को चुनौती देता है. इसलिए हमें उम्मीद है कि सरकार संसद में बिल पेश करने से पहले सभी हितधारकों को अपने विश्वास में लेगी.'

गौरतलब है कि गृह मंत्री अमित शाह हाल ही में गुवाहाटी में थे और उन्होंने सभी पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ सीएबी पर चर्चा भी की.

अहम बात है कि इसके पहले भी JDU पार्टी CAB को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर चुकी है. पार्टी ने सभी हितधारकों के साथ उचित ढंग से बातचीत करने की बात कही है.

गौरतलब है कि भाजपा सरकार ने 16वीं लोकसभा में इस विवादास्पद विधेयक को पारित किया था, लेकिन राज्यसभा में कड़े विरोध के कारण यह विधेयक उच्च सदन में पारित नहीं हो सका था.

ये भी पढ़ें : प्रशांत किशोर ने NRC को लेकर बिना नाम लिए BJP पर हमला बोला

केसी त्यागी ने कहा, 'अगर जरूरत पड़े तो इस बिल को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भी भेजा जाना चाहिए. जेपीसी सर्वसम्मति से जो भी निष्कर्ष निकालती है, हमारी पार्टी इसका समर्थन करेगी.'

मीडिया से बातचीत करते JDU महासचिव केसी त्यागी

आपकी जानकारी के लिए बता दें, नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई प्रवासियों सहित छह धार्मिक समुदायों को नागरिकता का दर्जा देता है. जो धार्मिक अभियोजन के कारण अवैध रूप से भारत आए थे.

वहीं, पैन इंडिया नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन का जिक्र करते हुए त्यागी ने कहा कि इस पर औपचारिक रूप से पहल करने के बाद ही उनकी पार्टी कुछ सोचेगी.

त्यागी ने बताया कि पैन इंडिया एनआरसी के बारे में सरकार की ओर से अभी तक कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है.

Intro:New Delhi: Senior JD (U) leader KC Tyagi on Thursday said that Government should taken all stakeholders into confidence before introducing Citizenship Amendment Bill (CAB) in the Parliament.


Body:The statement given by Tyagi assumes significance as the government is planning to bring CAB in the on going winter session of the Parliament.

The bill is likely to be passed in the next cabinet meeting after which it will be introduced in the Parliament.

"Various organisations have been opposing the CAB in Assam and Northeast. People in Northeast feel that this bill challenges their fundamental rights. So we hope that the government will take all stakeholders into confidence before introducing the bill in the Parliament," said Tyagi.

Home Minister Amit Shah had recently been in Guwahati and he has repprtedly discussed over CAB with the Chief Ministers of all northeastern states.

On earlier occasions also JD (U) has asked for a proper consultations with all stakeholders before introducing CAB. In fact, the BJP government in the 16th Lok Sabha had passed the contentious bill but due to the strong opposition in the Rajya Sabha, the bill did not get passed.

The JD (U) leader said that if necessary the bill should be sent to a Joint Parliamentary Committee (JPC) and "if the JPC unanimously comes to a conclusion our party will support it."

CAB intends to give citizenship status to six religious communities including Hindu, Sikh, Buddhist, Jain, Parsi and Christian immigrants from Pakistan, Bangladesh and Afganistan who have illegally migrated into India due to religious prosecution.


Conclusion:Being an alliance partners in NDA, JD (U) has six member in the Rajya Sabha and 16 in the Lok Sabha.

Referring to the pan-India level National Register of Citizen (NRC) issue, Tyagi said that his party will take a call once the initiative takes a formal shape.

"There is no notification from the government side over pan India NRC. Neither there is any more from the Parliament...once we get a formal communication over the matter, we will take a call," said Tyagi.

He, however, said that as far as NRC in Assam Governmnet is concerned "it was done under the guidance of the Supreme Court."

"...But now Assam Government itself is not accepting the NRC!" said Tyagi questioning the importance of the existing NRC in Assam.

Assam Minister Hemanta Biswa Sharma on Wednesday said that the Assam has not accepted the NRC.

"The Assam governmnet has not accepted the NRC. There are many flaws in the updated NRC in Assam. So we have requested the Home Minister to reject the NRC," Sharma has said.

end.
Last Updated : Nov 21, 2019, 7:40 PM IST
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