मुंबईः आरे के जंगलों को काटे जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने आज रोक लगा दी. इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. एक सवाल के जवाब में जावड़ेकर ने कहा कि एक पेड़ काटे जाने के बदले पांच लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इस नीति से देश में काफी लाभ भी हुआ है.
पर्यावरण के संबंध में केंद्र सरकार की नीति पर जावड़ेकर ने कहा कि एक पेड़ गिराने के बदले पांच पेड़ लगाने की नीति है. ये पूरे देश के लिए है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में जावड़ेकर ने कहा 'सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला दिया है, इसलिए वे इस पर टिप्पणी नहीं करेंगे.'
जावड़ेकर ने कहा कि पेड़ों को काटे जाने के बदले सरकार की नीति पेड़ लगाने की है. इस नीति के तहत एक के बदले पांच पेड़ लगाए जाते हैं. इस कारण भारत के जंगल आच्छादित क्षेत्र में 15 हजार स्क्वायर किलोमीटर की बढ़ोतरी हुई है.
केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने हाल ही में दिल्ली मेट्रो का उदाहरण देते हुए आरे वन में पेड़ों की कटाई को लेकर बयान दिया था. आरे के वन पर महाराष्ट्र सरकार का समर्थन करने के बाद जावड़ेकर विवादों में आ गए थे. उन्होंने दिल्ली-एनसीआर के क्षेत्र में प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कई उपायों का भी जिक्र किया.
जावड़ेकर ने दावा किया कि सरकार के केंद्रित कार्यों का वायु गुणवत्ता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा और 2016 की तुलना में वर्ष 2018 में सुधार पर ध्यान दिया गया, क्योंकि पिछले वर्षों की तुलना में 'गुड एयर क्वालिटी डेज' में वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में हवा की खराब गुणवत्ता का कारण वायु प्रदूषण ही है.
जावड़ेकर ने घोषणा की कि बीएस-VI कंप्लाइंट वाहन अप्रैल 2020 तक दिल्ली में पेश किए जाएंगे, जो राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण को कम करने में मदद करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि BS-VI ईंधन पर स्विच करने के लिए लगभग 60,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए.
केंद्रीय मंत्री ने लोगों से आग्रह किया कि वे इस त्योहारी सीजन के दौरान पटाखे न फोड़ें या फिर हरे पटाखे पसंद करें, जिन्हें हाल ही में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने लॉन्च किया है.
जावड़ेकर ने इस दौरान दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए कदमों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि 30000 से 40000 माल वाहनों को यातायात की भीड़ और प्रदूषण को कम करने के लिए पूर्वी और पश्चिमी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी से दूर भेज दिया जाता है.
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बकौल जावड़ेकर, मेट्रो नेटवर्क के विस्तार ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण में कमी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने यह भी कहा कि प्रदूषण के मुद्दे पर बातचीत करने के लिए राज्य के मंत्रियों के साथ अगले सप्ताह एक बैठक भी आयोजित की जाएगी.
केंद्र सरकार की पहल का जिक्र करते हुए जावड़ेकर ने कहा, 'वर्तमान में, 5,49,348 मीट्रिक टन कचरे को रिसाइकिलड एग्रीगेट के रूप में संसाधित किया जा रहा है. औद्योगिक उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए बदरपुर थर्मल प्लांट को बंद कर दिया गया है.'
गौरतलब है कि त्योहारों के सीजन के समय पंजाब और हरियाणा के क्षेत्रों में पटाखे इत्यादि चीजें जलने की वजह से बहुत अधिक प्रदूषण होता है जो कि राजधानी दिल्ली को भी प्रभावित करता है.
जावड़ेकर ने फसल अवशेष के प्रबंधन के लिए कृषि मंत्रालय द्वारा शुरू की गई योजना का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की राज्य सरकारों को आवश्यक मशीनरी पर सब्सिडी प्रदान करने के लिए 1,151.80 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की गई है.