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आरे के जंगलों पर जावड़ेकर खामोश, कहा- एक के बदले पांच पेड़ लगाए जाएंगे

मुंबई में आरे के जंगलों को काटे जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने आज रोक लगा दी. इस पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. एक सवाल के जवाब में जावड़ेकर ने कहा कि एक पेड़ काटे जाने के बदले पांच लगाए जाएंगे. जानें पूरा विवरण...

प्रेस कॉन्फ्रेंस में जावड़ेकर
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Published : Oct 7, 2019, 4:40 PM IST

Updated : Oct 7, 2019, 6:14 PM IST

मुंबईः आरे के जंगलों को काटे जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने आज रोक लगा दी. इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. एक सवाल के जवाब में जावड़ेकर ने कहा कि एक पेड़ काटे जाने के बदले पांच लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इस नीति से देश में काफी लाभ भी हुआ है.

पर्यावरण के संबंध में केंद्र सरकार की नीति पर जावड़ेकर ने कहा कि एक पेड़ गिराने के बदले पांच पेड़ लगाने की नीति है. ये पूरे देश के लिए है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में जावड़ेकर ने कहा 'सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला दिया है, इसलिए वे इस पर टिप्पणी नहीं करेंगे.'

जावड़ेकर ने कहा कि पेड़ों को काटे जाने के बदले सरकार की नीति पेड़ लगाने की है. इस नीति के तहत एक के बदले पांच पेड़ लगाए जाते हैं. इस कारण भारत के जंगल आच्छादित क्षेत्र में 15 हजार स्क्वायर किलोमीटर की बढ़ोतरी हुई है.

संवाददाताओं से बातचीत करते जावड़ेकर

केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने हाल ही में दिल्ली मेट्रो का उदाहरण देते हुए आरे वन में पेड़ों की कटाई को लेकर बयान दिया था. आरे के वन पर महाराष्ट्र सरकार का समर्थन करने के बाद जावड़ेकर विवादों में आ गए थे. उन्होंने दिल्ली-एनसीआर के क्षेत्र में प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कई उपायों का भी जिक्र किया.

जावड़ेकर ने दावा किया कि सरकार के केंद्रित कार्यों का वायु गुणवत्ता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा और 2016 की तुलना में वर्ष 2018 में सुधार पर ध्यान दिया गया, क्योंकि पिछले वर्षों की तुलना में 'गुड एयर क्वालिटी डेज' में वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में हवा की खराब गुणवत्ता का कारण वायु प्रदूषण ही है.

जावड़ेकर ने घोषणा की कि बीएस-VI कंप्लाइंट वाहन अप्रैल 2020 तक दिल्ली में पेश किए जाएंगे, जो राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण को कम करने में मदद करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि BS-VI ईंधन पर स्विच करने के लिए लगभग 60,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए.

केंद्रीय मंत्री ने लोगों से आग्रह किया कि वे इस त्योहारी सीजन के दौरान पटाखे न फोड़ें या फिर हरे पटाखे पसंद करें, जिन्हें हाल ही में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने लॉन्च किया है.

जावड़ेकर ने इस दौरान दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए कदमों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि 30000 से 40000 माल वाहनों को यातायात की भीड़ और प्रदूषण को कम करने के लिए पूर्वी और पश्चिमी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी से दूर भेज दिया जाता है.

पढ़ेंः SC ने आरे में पेड़ काटने पर रोक लगाई, अगली सुनवाई 21 को

बकौल जावड़ेकर, मेट्रो नेटवर्क के विस्तार ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण में कमी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने यह भी कहा कि प्रदूषण के मुद्दे पर बातचीत करने के लिए राज्य के मंत्रियों के साथ अगले सप्ताह एक बैठक भी आयोजित की जाएगी.

केंद्र सरकार की पहल का जिक्र करते हुए जावड़ेकर ने कहा, 'वर्तमान में, 5,49,348 मीट्रिक टन कचरे को रिसाइकिलड एग्रीगेट के रूप में संसाधित किया जा रहा है. औद्योगिक उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए बदरपुर थर्मल प्लांट को बंद कर दिया गया है.'

गौरतलब है कि त्योहारों के सीजन के समय पंजाब और हरियाणा के क्षेत्रों में पटाखे इत्यादि चीजें जलने की वजह से बहुत अधिक प्रदूषण होता है जो कि राजधानी दिल्ली को भी प्रभावित करता है.

जावड़ेकर ने फसल अवशेष के प्रबंधन के लिए कृषि मंत्रालय द्वारा शुरू की गई योजना का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की राज्य सरकारों को आवश्यक मशीनरी पर सब्सिडी प्रदान करने के लिए 1,151.80 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की गई है.

मुंबईः आरे के जंगलों को काटे जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने आज रोक लगा दी. इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. एक सवाल के जवाब में जावड़ेकर ने कहा कि एक पेड़ काटे जाने के बदले पांच लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इस नीति से देश में काफी लाभ भी हुआ है.

पर्यावरण के संबंध में केंद्र सरकार की नीति पर जावड़ेकर ने कहा कि एक पेड़ गिराने के बदले पांच पेड़ लगाने की नीति है. ये पूरे देश के लिए है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में जावड़ेकर ने कहा 'सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला दिया है, इसलिए वे इस पर टिप्पणी नहीं करेंगे.'

जावड़ेकर ने कहा कि पेड़ों को काटे जाने के बदले सरकार की नीति पेड़ लगाने की है. इस नीति के तहत एक के बदले पांच पेड़ लगाए जाते हैं. इस कारण भारत के जंगल आच्छादित क्षेत्र में 15 हजार स्क्वायर किलोमीटर की बढ़ोतरी हुई है.

संवाददाताओं से बातचीत करते जावड़ेकर

केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने हाल ही में दिल्ली मेट्रो का उदाहरण देते हुए आरे वन में पेड़ों की कटाई को लेकर बयान दिया था. आरे के वन पर महाराष्ट्र सरकार का समर्थन करने के बाद जावड़ेकर विवादों में आ गए थे. उन्होंने दिल्ली-एनसीआर के क्षेत्र में प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कई उपायों का भी जिक्र किया.

जावड़ेकर ने दावा किया कि सरकार के केंद्रित कार्यों का वायु गुणवत्ता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा और 2016 की तुलना में वर्ष 2018 में सुधार पर ध्यान दिया गया, क्योंकि पिछले वर्षों की तुलना में 'गुड एयर क्वालिटी डेज' में वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में हवा की खराब गुणवत्ता का कारण वायु प्रदूषण ही है.

जावड़ेकर ने घोषणा की कि बीएस-VI कंप्लाइंट वाहन अप्रैल 2020 तक दिल्ली में पेश किए जाएंगे, जो राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण को कम करने में मदद करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि BS-VI ईंधन पर स्विच करने के लिए लगभग 60,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए.

केंद्रीय मंत्री ने लोगों से आग्रह किया कि वे इस त्योहारी सीजन के दौरान पटाखे न फोड़ें या फिर हरे पटाखे पसंद करें, जिन्हें हाल ही में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने लॉन्च किया है.

जावड़ेकर ने इस दौरान दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए कदमों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि 30000 से 40000 माल वाहनों को यातायात की भीड़ और प्रदूषण को कम करने के लिए पूर्वी और पश्चिमी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी से दूर भेज दिया जाता है.

पढ़ेंः SC ने आरे में पेड़ काटने पर रोक लगाई, अगली सुनवाई 21 को

बकौल जावड़ेकर, मेट्रो नेटवर्क के विस्तार ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण में कमी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने यह भी कहा कि प्रदूषण के मुद्दे पर बातचीत करने के लिए राज्य के मंत्रियों के साथ अगले सप्ताह एक बैठक भी आयोजित की जाएगी.

केंद्र सरकार की पहल का जिक्र करते हुए जावड़ेकर ने कहा, 'वर्तमान में, 5,49,348 मीट्रिक टन कचरे को रिसाइकिलड एग्रीगेट के रूप में संसाधित किया जा रहा है. औद्योगिक उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए बदरपुर थर्मल प्लांट को बंद कर दिया गया है.'

गौरतलब है कि त्योहारों के सीजन के समय पंजाब और हरियाणा के क्षेत्रों में पटाखे इत्यादि चीजें जलने की वजह से बहुत अधिक प्रदूषण होता है जो कि राजधानी दिल्ली को भी प्रभावित करता है.

जावड़ेकर ने फसल अवशेष के प्रबंधन के लिए कृषि मंत्रालय द्वारा शुरू की गई योजना का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की राज्य सरकारों को आवश्यक मशीनरी पर सब्सिडी प्रदान करने के लिए 1,151.80 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की गई है.

Intro:New Delhi: Amidst the Aarey trees row, the Union Environment Ministry Prakash Javadekar refused to comment on this issue as the Supreme Court has given its order on the matter. However, the Union Minister also assured that there is clear policy of the government to plant five tress after each tree cut down, anywhere in the country.


Body:While addressing a press conference, Prakash Javadekar said, "Supreme Court has given a decision over the matter. So, I won't comment on that." He said that the policy on Afforestation is that for every tree cut, five more are to be planted and this policy has resulted into an increased green cover of 15,000 sq kms in the country.

Recently, the Minister came into controversy after he backed the Maharashtra Government over the felling of trees in the Aarey Forest, while giving an example of Delhi Metro.

He also listed out several measures taken by the government to curb pollution in the region of Delhi-NCR. He claimed that the 'focused actions' of the government had a positive impact on air quality and improvement was noted in the year 2018, in comparison to 2016, as the number of 'Good Air Quality days' are increased from the previous years.

Asserting vehicular pollution as a major contributor to the Delhi's bad air quality, Prakash Javadekar announced that BS-VI compliant vehicles will be introduced to Delhi by April 2020, which will help to reduce air pollution in the National capital. He also said that nearly Rs 60,000 crores were spent on switching over to the BS-VI fuels.

The Union Minister also urged the people for not bursting firecrackers during this festive season or rather prefer the green crackers which have been recently launched by Dr Harshvardhan, Minister of Science and Technology.

Listing out the steps taken by the Government to curb pollution in Delhi-NCR, he said that 30000 to 40000 goods vehicles are diverted away from the National capital through Eastern and Western Peripheral Expressways to reduce traffic congestion and pollution.

"Metro network expansion played an important role in pollution reduction in Delhi-NCR. At present, 5,49,348 metric tonnes waste is being processed as Recycled Aggregate. Badarpur Thermal Plant has been closed to control industrial emissions," he added.



Conclusion:Ahead of the festive season, during which a blanket of pollution covers the National capital due to stubble burning in areas of Punjab and Haryana, Javadekar also pointed the scheme launched by Ministry of Agriculture for in-situ Management of Crop Residue, to address air pollution. Under this scheme, Rs 1,151.80 crore funds have been provided to the state governments of Punjab, Haryana and Uttar Pradesh for providing subsidy on machinery required.

The Union Minister also said that a meeting will also be conducted, next week, along with the state ministers to address the issue of pollution.
Last Updated : Oct 7, 2019, 6:14 PM IST
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