ETV Bharat / bharat

गौरव का क्षण : भारत के आठ समुद्री तटों को मिला ब्लू फ्लैग का दर्जा

author img

By

Published : Oct 11, 2020, 7:46 PM IST

Updated : Oct 11, 2020, 10:43 PM IST

एक अंतरराष्ट्रीय जूरी की ओर से भारत के आठ समुद्री तटों को ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन दिया गया है. यह समुद्री तट भारत के पांच राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में फैले हैं. इनमें कर्नाटक के दो समुद्री तट शामिल हैं.

समुद्री तटों को ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन
समुद्री तटों को ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन

नई दिल्ली : भारत के आठ समुद्री तटों को ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन मिला है. इस पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि यह पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है.

दरअसल, भारत के तटीय क्षेत्रों में प्रदूषण नियंत्रण के लिए 'इंटरनेशनल बेस्ट प्रैक्टिसेज' श्रेणी के तहत अंतरराष्ट्रीय जूरी द्वारा तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.

इस पर केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने एक ट्वीट संदेश में कहा, 'यह इस मायने में एक उत्कृष्ट उपलब्धि है कि किसी भी देश के 8 समुद्री तटों को एक ही प्रयास में कभी भी सम्मानित नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन संरक्षण और सतत विकास की दिशा में भारत के प्रयासों को वैश्विक मान्यता देता है.

india
भारत के आठ समुद्री तटों को ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन मिलने पर जावड़ेकर का ट्वीट

जिन समुद्र तटों को UE BLUE FLAG से सम्मानित किया गया है इनमें आंध्र प्रदेश, केरल, गुजरात और ओडिशा के समुद्र तट शामिल हैं.

  1. शिवराजपुर (द्वारका-गुजरात)
  2. घोघला (दीव)
  3. कासरकोड (कर्नाटक)
  4. पदुबिद्री (कर्नाटक)
  5. कपड़ (केरल)
  6. रुशिकोंडा (आंध्र प्रदेश)
  7. गोल्डन (पुरी-ओडिशा)
  8. राधानगर ( अंडमान निकोबार द्वीपसमूह)

जिस अंतरराष्ट्रीय जूरी की ओर से यह सर्टिफिकेशन दिया गया है इनमें UNEP, UNWTO, FEE और IUCN शामिल हैं. जावडेकर ने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र का पहला देश है जिसने केवल 2 साल के समय में यह उपलब्धि हासिल की है.'

गौरतलब है कि जापान, दक्षिण कोरिया और संयुक्त अरब अमारात-यूएई के दो-दो समुद्र तटों को ब्लू फ्लैग से सम्मानित किया जा चुका है. इन देशों को लगभग 5 से 6 वर्ष में ब्लू फ्लैग से सम्मानित किया गया था.

भारत अब 50 'ब्लू फ्लैग' देशों के समूह में शामिल हो गया है. अगले पांच वर्षों में भारत 100 ऐसे समुद्र तटों के लिए ब्लू फ्लैग सम्मान प्राप्त करने की योजना बना रहा है.

बता दें कि भारत ने समुद्र तटों (प्रत्येक तटीय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में से एक) के विकास के लिए 2018 में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था. इसी के तहत आगामी पर्यटन सत्र-2020 के लिए भारत ने 8 समुद्र तटों को प्रमाणन के लिए प्रस्तुत किया था.

भारत के तटीय क्षेत्रों के 'सतत विकास' के लक्ष्य के साथ समुद्र तट पर्यावरण और सौंदर्य प्रबंधन प्रबंधन सेवाएं (बीईएएमएस) पर्यावरण मंत्रालय की फ्लैगशिप योजना है. यह पर्यावरण मंत्रालय की एकीकृत तटीय क्षेत्र प्रबंधन (आईसीजेडएम) परियोजना के तहत आता है. इसकी मकसद प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय ईको-लेबल 'ब्लू फ्लैग' प्राप्त करना था.

बता दें कि अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्था फाउंडेशन ऑफ एनवायरनमेंटल एजुकेशन (एफईई) डेनमार्क की ओर से ब्लू फ्लैग का प्रमाण दिया जाता है.

बीईएएमएस कार्यक्रम का उद्देश्य तटीय जल और समुद्र तटों में प्रदूषण को कम करना है. इसके अलावा समुद्र तट के पास मिलने वाली सुविधाएं और इनके सतत विकास को बढ़ावा देना भी बीईएएमएस का प्रमुख उद्देश्य है.

1. तटीय पारिस्थितिक तंत्र और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा और संरक्षण

2. स्थानीय अधिकारियों और हितधारकों को स्वच्छता के लिए प्रोत्साहित करना

3. स्वच्छता के उच्च मानकों को बनाए रखने के लिए लोगों को प्रेरित करना

इसके अलावा तटीय पर्यावरण मानदंडों और नियमों के अनुसार समुद्र तट पर सुरक्षा उपलब्ध कराना भी बीईएएमएस का अहम मकसद है. यह कार्यक्रम प्रकृति के साथ पूर्ण सामंजस्य में समुद्र तट पर्यटन और मनोरंजन को बढ़ावा भी देता है.

नई दिल्ली : भारत के आठ समुद्री तटों को ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन मिला है. इस पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि यह पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है.

दरअसल, भारत के तटीय क्षेत्रों में प्रदूषण नियंत्रण के लिए 'इंटरनेशनल बेस्ट प्रैक्टिसेज' श्रेणी के तहत अंतरराष्ट्रीय जूरी द्वारा तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.

इस पर केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने एक ट्वीट संदेश में कहा, 'यह इस मायने में एक उत्कृष्ट उपलब्धि है कि किसी भी देश के 8 समुद्री तटों को एक ही प्रयास में कभी भी सम्मानित नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन संरक्षण और सतत विकास की दिशा में भारत के प्रयासों को वैश्विक मान्यता देता है.

india
भारत के आठ समुद्री तटों को ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन मिलने पर जावड़ेकर का ट्वीट

जिन समुद्र तटों को UE BLUE FLAG से सम्मानित किया गया है इनमें आंध्र प्रदेश, केरल, गुजरात और ओडिशा के समुद्र तट शामिल हैं.

  1. शिवराजपुर (द्वारका-गुजरात)
  2. घोघला (दीव)
  3. कासरकोड (कर्नाटक)
  4. पदुबिद्री (कर्नाटक)
  5. कपड़ (केरल)
  6. रुशिकोंडा (आंध्र प्रदेश)
  7. गोल्डन (पुरी-ओडिशा)
  8. राधानगर ( अंडमान निकोबार द्वीपसमूह)

जिस अंतरराष्ट्रीय जूरी की ओर से यह सर्टिफिकेशन दिया गया है इनमें UNEP, UNWTO, FEE और IUCN शामिल हैं. जावडेकर ने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र का पहला देश है जिसने केवल 2 साल के समय में यह उपलब्धि हासिल की है.'

गौरतलब है कि जापान, दक्षिण कोरिया और संयुक्त अरब अमारात-यूएई के दो-दो समुद्र तटों को ब्लू फ्लैग से सम्मानित किया जा चुका है. इन देशों को लगभग 5 से 6 वर्ष में ब्लू फ्लैग से सम्मानित किया गया था.

भारत अब 50 'ब्लू फ्लैग' देशों के समूह में शामिल हो गया है. अगले पांच वर्षों में भारत 100 ऐसे समुद्र तटों के लिए ब्लू फ्लैग सम्मान प्राप्त करने की योजना बना रहा है.

बता दें कि भारत ने समुद्र तटों (प्रत्येक तटीय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में से एक) के विकास के लिए 2018 में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था. इसी के तहत आगामी पर्यटन सत्र-2020 के लिए भारत ने 8 समुद्र तटों को प्रमाणन के लिए प्रस्तुत किया था.

भारत के तटीय क्षेत्रों के 'सतत विकास' के लक्ष्य के साथ समुद्र तट पर्यावरण और सौंदर्य प्रबंधन प्रबंधन सेवाएं (बीईएएमएस) पर्यावरण मंत्रालय की फ्लैगशिप योजना है. यह पर्यावरण मंत्रालय की एकीकृत तटीय क्षेत्र प्रबंधन (आईसीजेडएम) परियोजना के तहत आता है. इसकी मकसद प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय ईको-लेबल 'ब्लू फ्लैग' प्राप्त करना था.

बता दें कि अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्था फाउंडेशन ऑफ एनवायरनमेंटल एजुकेशन (एफईई) डेनमार्क की ओर से ब्लू फ्लैग का प्रमाण दिया जाता है.

बीईएएमएस कार्यक्रम का उद्देश्य तटीय जल और समुद्र तटों में प्रदूषण को कम करना है. इसके अलावा समुद्र तट के पास मिलने वाली सुविधाएं और इनके सतत विकास को बढ़ावा देना भी बीईएएमएस का प्रमुख उद्देश्य है.

1. तटीय पारिस्थितिक तंत्र और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा और संरक्षण

2. स्थानीय अधिकारियों और हितधारकों को स्वच्छता के लिए प्रोत्साहित करना

3. स्वच्छता के उच्च मानकों को बनाए रखने के लिए लोगों को प्रेरित करना

इसके अलावा तटीय पर्यावरण मानदंडों और नियमों के अनुसार समुद्र तट पर सुरक्षा उपलब्ध कराना भी बीईएएमएस का अहम मकसद है. यह कार्यक्रम प्रकृति के साथ पूर्ण सामंजस्य में समुद्र तट पर्यटन और मनोरंजन को बढ़ावा भी देता है.

Last Updated : Oct 11, 2020, 10:43 PM IST

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.