पटनाः बिहार में मछली विक्रेताओं के लिए अच्छी खबर है. अब मछली के चोईंटे से भी कमाई होगी. हजारों लोगों को इससे रोजगार भी मिलेगा. बिहार राज्य मत्स्य जीवी सहकारी संघ ने मछली के चोईंटे की बिक्री के लिए जापानी कंपनी नीजोना से एग्रीमेंट किया है. जहां मछली के चोईंटा (scales) से प्रोटीन की दवा बनेगी.
हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार
बिहार राज्य मत्स्य जीवी सहकारी संघ ने मछली के चोईंटा की बिक्री के लिए जापानी कंपनी नीजोना से एग्रीमेंट किया है. इसके तहत 3 माह में 3 टन मछली के चोईंटा को जापान भेजा जा चुका है. विभाग का कहना है कि अब मछली के चोईंटे से लोगों की अच्छी कमाई होगी. हजारों लोगों को इससे रोजगार का फायदा मिलेगा. इससे जुड़कर काम करने वाले लोगों को हर महीने लगभग 20 हजार रुपये की आय होगी. मत्स्य जीवी सहकारी संघ ने चोईंटा के संग्रह और व्यापार में हजारों लोगों को रोजगार देने का निर्णय लिया है. यह अभियान फिलहाल राजधानी पटना में चलाया जा रहा है.
1 साल में निकलता है लगभग 12000 टन चोईंटा
मत्स्य जीवी सहकारी संघ के प्रधान निदेशक ऋषिकेश कश्यप ने बताया कि राज्य भर में 1 साल में लगभग 12000 टन चोईंटा निकलता है. जिससे मछुआरों को इससे कोई लाभ नहीं हो रहा था. बल्कि इसे शहर की सड़को पर फेंकने से चारों तरफ गंदगी ही फैल रही थी. इससे कई तरह की बीमारी फैलने की भी आशंका बनी रहती थी. लेकिन अब मछली का चोईंटा विदेश भेजा जाएगा. जापानी कंपनी मत्स्य जीवी सहकारी संघ के सहयोग से राजधानी पटना के मछली बाजारों से 70 रुपये किलो के हिसाब से चोईंटा खरीद रही है.
चोईंटा में प्रचुर मात्रा में होती है प्रोटीन
निजोना कॉरपोरेशन के बिजनेस डेवलपमेंट हेड मयूरी दवे ने बताया कि मछली के चोईंटा में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन पाई जाती है. जो मानव शरीर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. जापान में इससे दवाएं बनाई जाती हैं, जिसकी आपूर्ति पूरी दुनिया भर में की जाती है. मानव शरीर की अंदर कई ऐसे प्रोटीन हैं जिसको शरीर नहीं बनाता है, जहां पर यह दवा काम करेगी. इस दवा से लीवर और पेट से संबंधित बीमारियों को दूर किया जा सकेगा.