नई दिल्ली : दुनिया में अपने आपदा प्रबंधन (डिजास्टर मैनेजमेंट) के लिए मशहूर जापान अब भारतीय अफसरों को भी इसकी ट्रेनिंग देगा. जापान सरकार के सहयोग से देश के विभिन्न मंत्रालयों और राज्यों के अफसर जापान जाकर बाढ़ जैसी आपदा से निपटने की बारीकियां सीखेंगे. जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी के बुलावे पर केंद्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग ने संबंधित मंत्रालयों और राज्यों से ऐसे अफसरों के नाम मांगे हैं, जो आपदा प्रबंधन से जुड़े हों. ट्रेनिंग के बाद अफसरों की बाढ़ प्रबंधन के मोर्चे पर कार्यकुशलता में इजाफा होगा.
दरअसल, दुनिया के तमाम देश हर साल बाढ़ जैसी आपदा से जूझते हैं. जलवायु परिवर्तन के कारण आपदाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है. भारत के कई हिस्सों में हर साल बाढ़ के कारण भारी जान-माल का नुकसान होता है. जापान ने पानी से जुड़ी आपदा के प्रबंधन की दिशा में ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया है. यह ट्रेनिंग प्रोग्राम जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी की ओर से शुरू किया गया है. ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह ट्रेनिंग होगी.
मिनिस्ट्री ऑफ पर्सनल के ट्रेनिंग सेक्शन के अधिकारियों ने बताया, 'वाटर रिलेटेड डिजास्टर रिस्क रिडक्शन से जुड़ा ट्रेनिंग कार्यक्रम 30 नवंबर 2020 से 22 जनवरी 2021 तक ऑनलाइन चलेगा. ऑनलाइन ट्रेनिंग लेने वाले अफसरों को फिर जापान जाना होगा. वहां 13 मई से 28 मई 2021 तक फील्ड ट्रेनिंग होगी. इस दौरान उन्हें बाढ़ जैसी आपदा से निपटने की विशेष ट्रेनिंग मिलेगी. अफसर वहां साइट पर विजिट करेंगे. जापान सरकार के तकनीकी सहयोग से यह ट्रेनिंग कार्यक्रम चलेगा.'
ट्रेनिंग के लिए शर्तें-
डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग के अंडर सेक्रेटरी मनोज गुप्ता की ओर से अर्बन अफेयर्स मिनिस्ट्री, जल शक्ति, डिपार्टमेंट ऑफ ड्रिकिंग वाटर एंड सैनिटेशन के सचिवों के साथ सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र भेजकर अफसरों के आवेदन मांगे हैं. आईएएनएस के पास मौजूद पत्र में ट्रेनिंग के लिए आवेदन करने वाले अफसरों के लिए कुछ शर्ते भी रखी गई हैं.
मसलन, अफसरों की उम्र 28 वर्ष से 40 साल के बीच होनी चाहिए. उन्हें अंग्रेजी लिखने और बोलना आता हो. मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होना जरूरी है. इसके अलावा अफसरों को कुछ जानकारियां देनी होंगी. मसलन, बाढ़ जैसी आपदाओं के प्रबंधन में क्या उनके पास कम से कम पांच साल का अनुभव है?
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इससे पूर्व कभी विदेश में किसी ट्रेनिंग प्रोग्राम में भाग लेने के बारे में जानकारी देनी होगी. विजिलेंस क्लियरेंस भी करानी होगी. यह भी बताना होगा कि क्या उन्होंने कभी नार्थ-ईस्ट या जम्मू-कश्मीर में काम किया है. 50 से सौ शब्द में अपने आवेदन को सही ठहराने के बारे में लिखना होगा. मंत्रालयों के अफसरों का आवेदन 30 अक्टूबर तक मिनिस्ट्री ऑफ पर्सनल के ट्रेनिंग डिवीजन में उपलब्ध कराना अनिवार्य है.