नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के जनसंपर्क अभियान में भाग लेने के लिए राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी और भाजपा नेता सतीश उपाध्याय पूर्व सांसद और अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष त्रिलोचन सिंह के आवास पर पहुंचे.
ईटीवी भारत से बात करते हुए सतीश उपाध्याय ने कहा कि संपर्क अभियान और जन जागरण अभियान के तहत हमने मुलाकात की. यहां से वो लोगों के बीच जाकर अनुच्छेद 370 निरस्त करने के बारे में लोगों को सही जानकारी देंगे.
उन्होंने कहा कि क्योंकि यह जनसंपर्क अभियान है इसलिए इसके माध्यम से हम यह जानने कि कोशिश करेंगे कि हमने जो निर्णय लिया है उस पर लोगों को क्या राय है.
उन्होंने कहा कि त्रिलोचन सिंह क्योंकि अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष रहे हैं ऐसे में भाजपा चाहती है कि उनके माध्यम से सरकार के फैसलों को ठीक ढंग से आम लोगों तक पहुंचाना चाहती है.
इस मामले पर त्रिलोचन सिंह ने कहा कि 1948 में सैनिकों का पहला जत्था पटियाला रॉयल सेना के सिख थे. उन्होंने देश के लिए लड़ाई लड़ी. 1965 में जब युद्ध विराम घोषित किया गया तो सैनिक इसके खिलाफ थे.उन्होंने कहा कि पीओके को वापस लिया जा सकता था.
1978 में सिखों को अल्पसंख्यक घोषित किया गया था लेकिन जम्मू कश्मीर ने कभी भी सिखों को अल्पसंख्यक नहीं माना. सिखों को हमेशा वहां नुकसान उठाना पड़ा है.
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अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष के रूप में मैंने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री से मिला और सिखों को अल्पसंख्यक घोषित करने की मांग की , लेकिन सिखों को अल्पसंख्यक सूची में कभी नहीं जोड़ा गया. यहां तक कि पीओके से जम्मू-कश्मीर आने वालों को भी कभी नागरिकता नहीं मिली.
राष्ट्र सब कुछ से ऊपर है और सिखों ने हमेशा भारत के लिए बलिदान दिया है. 370 का निरस्तीकरण स्वागत योग्य कदम है और यह राज्य में सिखों की मदद करेगा.