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डीडीसी चुनाव में भाजपा ने रचा इतिहास, 75 सीटों के साथ बनी सबसे बड़ी पार्टी

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Published : Dec 23, 2020, 10:23 AM IST

Updated : Dec 23, 2020, 11:32 AM IST

जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद के पहले चुनाव में फारुक अब्दुल्ला नीत सात दलों का गुपकर गठबंधन 280 में से 110 सीटों पर जीत दर्ज कर चुका है. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने अपने दम पर 75 सीटें लाकर इतिहास रच दिया है.

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डीडी चुनाव

श्रीनगर/जम्मू: जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद के पहले चुनाव में फारुक अब्दुल्ला नीत सात दलों का गुपकार गठबंधन 280 में से 110 सीटों पर जीत दर्ज कर चुका है. वहीं अब तक भाजपा 75 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है.

केन्द्र शासित प्रदेश के चुनाव आयोग के अनुसार गुपकार गठबंधन 110 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है. भाजपा ने पहली बार कश्मीर में घाटी में तीन सीटें जीतकर अपना खाता खोला. डीडीसी चुनाव में पचास निर्दलीय उम्मीदवारों को विजेता घोषित किया गया है.

कांग्रेस ने 26 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि जम्मू और कश्मीर पार्टी (JKAP) ने 12 काउंसिल की सीटों पर जीत दर्ज कर निराशाजनक प्रदर्शन किया है.

हकीम मोहम्मद यासीन की पीडीएफ और जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी को दो-दो सीटें मिलीं, जबकि बसपा भी एक सीट जीतने में सफल रही.

बांदीपुरा के हाजिन में एक और कुपवाड़ा के ड्रामुल्ला में दो सीटों पर मतगणना रोक दी गई.

पीडीपी के युवा नेता वहीद पारा, जो राष्ट्रीय जांच एजेंसी के एक आतंकी फंडिंग मामले में गिरफ्तार होने के बाद जेल में हैं, उन्होंने पुलवामा एक से जीत हासिल की और भाजपा के सज्जाद अहमद रैना के खिलाफ 1,323 वोट हासिल किए, जिन्होंने केवल 321 वोट हासिल किए.

केन्द्र शासित प्रदेश में डीडीसी का चुनाव 28 नवम्बर से शुरू होकर आठ चरणों में पूरा हुआ. अगस्त, 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त कर जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म किए जाने के बाद प्रदेश में यह पहला चुनाव है. चुनाव में कुल 280 सीटें (जम्मू की 140 और कश्मीर की 140) पर मतदान हुआ है.

डीडीसी चुनावों का परिणाम अनुमान के अनुरुप ही दिख रहा है. जम्मू क्षेत्र में भाजपा मजबूती बनाए हुए है, वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी जैसी क्षेत्रीय पार्टियों के गठबंधन गुपकर का प्रदर्शन कश्मीर घाटी और जम्मू के पीर पंजाल और चेनाब घाटी क्षेत्रों में बेहतर है.

वोटों की गिनती से महज एक दिन पहले प्रशासन ने नईम अख्तर, सरताज मदनी, पीर मंसूर और हिलाल अहमद लोन सहित पीडीपी और नेकां के कई नेताओं को हिरासत में लिया गया. उन्हें हिरासत में लेने की कोई वजह नहीं बतायी गई है.

पढ़ें:डीडीसी चुनाव में चकनाचूर हुआ खानदानी गुरूर और सुरूर : नकवी

ऐसा पहली बार हुआ है जब कश्मीर घाटी में पीडीपी और नेकां के खिलाफ भाजपा को जीत मिली है.

घाटी में जीत से उत्साहित भाजपा के महासचिव विबोध गुप्ता ने पार्टी के विजेता उम्मीदवारों को, विशेष रूप से घाटी के उम्मीदवारों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि घाटी के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अपना विश्वास जताया है.

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा, श्रीनगर से भाजपा के तीन उम्मीदवारों को जीत मिली है. यह सत्यापित करता है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को केन्द्र शासित प्रदेश के विकास के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण पर भरोसा है.

वहीं पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि डीडीसी चुनाव परिणाम ने स्पष्ट कर दिया है कि जम्मू-कश्मीर ने गुपकर के पक्ष में वोट दिया है और अनुच्छेद 370 हटाने के केन्द्र के फैसले को खारिज किया.

श्रीनगर/जम्मू: जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद के पहले चुनाव में फारुक अब्दुल्ला नीत सात दलों का गुपकार गठबंधन 280 में से 110 सीटों पर जीत दर्ज कर चुका है. वहीं अब तक भाजपा 75 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है.

केन्द्र शासित प्रदेश के चुनाव आयोग के अनुसार गुपकार गठबंधन 110 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है. भाजपा ने पहली बार कश्मीर में घाटी में तीन सीटें जीतकर अपना खाता खोला. डीडीसी चुनाव में पचास निर्दलीय उम्मीदवारों को विजेता घोषित किया गया है.

कांग्रेस ने 26 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि जम्मू और कश्मीर पार्टी (JKAP) ने 12 काउंसिल की सीटों पर जीत दर्ज कर निराशाजनक प्रदर्शन किया है.

हकीम मोहम्मद यासीन की पीडीएफ और जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी को दो-दो सीटें मिलीं, जबकि बसपा भी एक सीट जीतने में सफल रही.

बांदीपुरा के हाजिन में एक और कुपवाड़ा के ड्रामुल्ला में दो सीटों पर मतगणना रोक दी गई.

पीडीपी के युवा नेता वहीद पारा, जो राष्ट्रीय जांच एजेंसी के एक आतंकी फंडिंग मामले में गिरफ्तार होने के बाद जेल में हैं, उन्होंने पुलवामा एक से जीत हासिल की और भाजपा के सज्जाद अहमद रैना के खिलाफ 1,323 वोट हासिल किए, जिन्होंने केवल 321 वोट हासिल किए.

केन्द्र शासित प्रदेश में डीडीसी का चुनाव 28 नवम्बर से शुरू होकर आठ चरणों में पूरा हुआ. अगस्त, 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त कर जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म किए जाने के बाद प्रदेश में यह पहला चुनाव है. चुनाव में कुल 280 सीटें (जम्मू की 140 और कश्मीर की 140) पर मतदान हुआ है.

डीडीसी चुनावों का परिणाम अनुमान के अनुरुप ही दिख रहा है. जम्मू क्षेत्र में भाजपा मजबूती बनाए हुए है, वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी जैसी क्षेत्रीय पार्टियों के गठबंधन गुपकर का प्रदर्शन कश्मीर घाटी और जम्मू के पीर पंजाल और चेनाब घाटी क्षेत्रों में बेहतर है.

वोटों की गिनती से महज एक दिन पहले प्रशासन ने नईम अख्तर, सरताज मदनी, पीर मंसूर और हिलाल अहमद लोन सहित पीडीपी और नेकां के कई नेताओं को हिरासत में लिया गया. उन्हें हिरासत में लेने की कोई वजह नहीं बतायी गई है.

पढ़ें:डीडीसी चुनाव में चकनाचूर हुआ खानदानी गुरूर और सुरूर : नकवी

ऐसा पहली बार हुआ है जब कश्मीर घाटी में पीडीपी और नेकां के खिलाफ भाजपा को जीत मिली है.

घाटी में जीत से उत्साहित भाजपा के महासचिव विबोध गुप्ता ने पार्टी के विजेता उम्मीदवारों को, विशेष रूप से घाटी के उम्मीदवारों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि घाटी के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अपना विश्वास जताया है.

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा, श्रीनगर से भाजपा के तीन उम्मीदवारों को जीत मिली है. यह सत्यापित करता है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को केन्द्र शासित प्रदेश के विकास के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण पर भरोसा है.

वहीं पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि डीडीसी चुनाव परिणाम ने स्पष्ट कर दिया है कि जम्मू-कश्मीर ने गुपकर के पक्ष में वोट दिया है और अनुच्छेद 370 हटाने के केन्द्र के फैसले को खारिज किया.

Last Updated : Dec 23, 2020, 11:32 AM IST
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