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जामिया छात्राओं का आरोप- पुलिस ने गुप्तांगों पर लात मारी, हिजाब फाड़ा और गालियां दीं - Jamia students allege police caa protest

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों ने दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाया है कि जब वे संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ संसद तक मार्च करने की कोशिश कर रहे थे तब पुलिस ने साथी छात्राओं के साथ मारपीट की और उनके गुप्तांगों पर पैर से मारा. पढ़ें विस्तार से

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फाइल फोटो
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Published : Feb 12, 2020, 9:07 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 3:26 AM IST

नई दिल्ली : जामिया मिल्लिया इस्लामिया की छात्राओं ने दिल्ली पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. छात्रों के एक समूह ने आरोप लगाया कि सोमवार को जब वे संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ संसद तक मार्च करने की कोशिश कर रहे थे, तब पुलिस ने छात्राओं के गुप्तांगों पर लात मारी, कपड़े और हिजाब फाड़ दिया और गालियां दीं.

हालांकि, पुलिस ने इन आरोपों पर फौरन कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया.

उल्लेखनीय है कि सोमवार को सीएए और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ जामिया के सैकड़ों छात्र और आसपास के लोग संसद तक मार्च करने की कोशिश कर रहे थे. पुलिस ने रास्ते में ही प्रदर्शनकारियों को रोक दिया था, जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारियों में झड़प हो गई थी.

जामिया समन्वय समिति (जेसीसी) के परचम तले करीब 20 छात्र बुधवार को मीडिया के सामने आए और उस दिन पुलिस द्वारा कथित तौर पर बरती गई बर्बरता को बयां किया.

इन छात्रों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने सोमवार को उन्हें होली फैमिली अस्पताल के पास रोका और जूते, डंडे, छड़ और लोहे के बने कवच से पिटाई की.

जामिया हिंसा में भी शरजील की संदिग्ध भूमिका, पड़ताल कर रही पुलिस

उल्लेखनीय है कि सोमवार की झड़प के बाद कम से कम 23 लोगों को अल शिफा और अंसारी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया था.

ये छात्र अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे. छात्राओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके गुप्तांगों पर लात मारी, उनकी जांघ पर चढ़ गए और हिजाब फाड़ दिया.

उल्लेखनीय है कि सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय के द्वार संख्या सात से दोपहर में संसद के लिए मार्च शुरू किया था. सीएए के खिलाफ करीब दो महीने से प्रदर्शन चल रहा है लेकिन गत शुक्रवार और शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने चुनाव के चलते प्रदर्शन स्थल को बदल दिया गया था.

जामिया हिंसा : दिल्ली पुलिस ने जारी कीं 70 लोगों की तस्वीरें

प्रदर्शनकारी जब दो किलोमीटर का रास्ता तय कर चुके थे तब पुलिस ने उन्हें रोका और अनुमति नहीं होने और निषेधाज्ञा लागू होने का हवाला देते हुए उनसे आगे नहीं बढ़ने की अपील की.

नई दिल्ली : जामिया मिल्लिया इस्लामिया की छात्राओं ने दिल्ली पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. छात्रों के एक समूह ने आरोप लगाया कि सोमवार को जब वे संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ संसद तक मार्च करने की कोशिश कर रहे थे, तब पुलिस ने छात्राओं के गुप्तांगों पर लात मारी, कपड़े और हिजाब फाड़ दिया और गालियां दीं.

हालांकि, पुलिस ने इन आरोपों पर फौरन कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया.

उल्लेखनीय है कि सोमवार को सीएए और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ जामिया के सैकड़ों छात्र और आसपास के लोग संसद तक मार्च करने की कोशिश कर रहे थे. पुलिस ने रास्ते में ही प्रदर्शनकारियों को रोक दिया था, जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारियों में झड़प हो गई थी.

जामिया समन्वय समिति (जेसीसी) के परचम तले करीब 20 छात्र बुधवार को मीडिया के सामने आए और उस दिन पुलिस द्वारा कथित तौर पर बरती गई बर्बरता को बयां किया.

इन छात्रों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने सोमवार को उन्हें होली फैमिली अस्पताल के पास रोका और जूते, डंडे, छड़ और लोहे के बने कवच से पिटाई की.

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उल्लेखनीय है कि सोमवार की झड़प के बाद कम से कम 23 लोगों को अल शिफा और अंसारी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया था.

ये छात्र अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे. छात्राओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके गुप्तांगों पर लात मारी, उनकी जांघ पर चढ़ गए और हिजाब फाड़ दिया.

उल्लेखनीय है कि सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय के द्वार संख्या सात से दोपहर में संसद के लिए मार्च शुरू किया था. सीएए के खिलाफ करीब दो महीने से प्रदर्शन चल रहा है लेकिन गत शुक्रवार और शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने चुनाव के चलते प्रदर्शन स्थल को बदल दिया गया था.

जामिया हिंसा : दिल्ली पुलिस ने जारी कीं 70 लोगों की तस्वीरें

प्रदर्शनकारी जब दो किलोमीटर का रास्ता तय कर चुके थे तब पुलिस ने उन्हें रोका और अनुमति नहीं होने और निषेधाज्ञा लागू होने का हवाला देते हुए उनसे आगे नहीं बढ़ने की अपील की.

Last Updated : Mar 1, 2020, 3:26 AM IST
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