जालना : इस्लामिक संगठन ‘जमात-ए-इस्लामी हिंद’ की महाराष्ट्र इकाई ने शांति और मानवता के संदेश का प्रचार-प्रसार करने और लोगों से नफरत तथा भौतिकतावाद को छोड़ने की अपील के लिए राज्यभर में 10 दिन का अभियान शुरू किया है.
शुक्रवार से शुरू किए गए इस अभियान का नाम ‘डार्कनेस टू लाइट’ है. संगठन के राज्य समन्वयक नौशाद उस्मान ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा कि ऐसे वक्त में जब ध्रुवीकरण एक ‘राजनीतिक हथियार’ बन गया है, तब ये अभियान और प्रासंगिक हो गया है.
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने भी आध्यात्म की खोज को बढ़ा दिया है.
उस्मान ने कहा,‘ इसका उद्देश्य हमारे समाज को अज्ञानता के अंधकार से, घृणा से और भौतिकतावाद से बचाना है और इसे ज्ञान और समझ के उजाले की ओर ले जाना है '. उन्होंने कहा कि अभियान का मकसद प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के माध्यम से राज्य में सभी जाति और धर्मों के लोगों तक पहुंचना और व्यक्तिगत तौर पर भी लोगों तक यह संदेश पहुंचाना है.
महाराष्ट्र में शांति का प्रचार-प्रसार करने जमात-ए-इस्लामी हिंद का अभियान शुरू - जमात-ए-इस्लामी हिंद का अभियान
इस्लामिक संगठन जमात-ए-इस्लामी ने हिंद की महाराष्ट्र इकाई शांति का प्रसार करने राज्यभर में 10 दिन का अभियान शुरू किया है. इसका मकसद सभी जाति और धर्मों के लोगों तक पहुंचना है.
जालना : इस्लामिक संगठन ‘जमात-ए-इस्लामी हिंद’ की महाराष्ट्र इकाई ने शांति और मानवता के संदेश का प्रचार-प्रसार करने और लोगों से नफरत तथा भौतिकतावाद को छोड़ने की अपील के लिए राज्यभर में 10 दिन का अभियान शुरू किया है.
शुक्रवार से शुरू किए गए इस अभियान का नाम ‘डार्कनेस टू लाइट’ है. संगठन के राज्य समन्वयक नौशाद उस्मान ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा कि ऐसे वक्त में जब ध्रुवीकरण एक ‘राजनीतिक हथियार’ बन गया है, तब ये अभियान और प्रासंगिक हो गया है.
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने भी आध्यात्म की खोज को बढ़ा दिया है.
उस्मान ने कहा,‘ इसका उद्देश्य हमारे समाज को अज्ञानता के अंधकार से, घृणा से और भौतिकतावाद से बचाना है और इसे ज्ञान और समझ के उजाले की ओर ले जाना है '. उन्होंने कहा कि अभियान का मकसद प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के माध्यम से राज्य में सभी जाति और धर्मों के लोगों तक पहुंचना और व्यक्तिगत तौर पर भी लोगों तक यह संदेश पहुंचाना है.