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पाक का आतंकवाद 'उद्योग', इसलिए सामान्य पड़ोसी जैसा व्यवहार नहीं : विदेश मंत्री जयशंकर

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान में वहां की सरकार की मदद से आतंकवाद बढ़ रहा है और यही कारण है कि पाक अपने पड़ोसी मुल्कों से सामान्य व्यवहार नहीं रख पाता. जानें क्या कुछ कहा विदेश मंत्री ने.....

एस जयशंकर और इमरान खान
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Published : Jun 27, 2019, 12:05 AM IST

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि पाकिस्तान में सरकार के सहयोग से बड़े पैमाने पर आतंकवाद का उद्योग फल-फूल रहा है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद ही पाक सरकार को एक सामान्य पड़ोसी की तरह व्यवहार करने से रोकता है.

लंदन के पास बकिंघमशायर में 'यूके इंडिया-वीक' के हिस्से के तौर पर आयोजित 'लीडर्स सम्मिट' को नई दिल्ली से वीडियो लिंक के जरिए संबोधित करते हुए जयशंकर ने यह बात कही. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून आधारित व्यवस्था में खलल डालने वाले देशों की आलोचना करने के लिए ब्रिटेन जैसे मुल्कों से और सक्रिय होने का आह्वान किया क्योंकि पाकिस्तान आज जो कर रहा है उससे ब्रिटेन समेत शेष विश्व खासा प्रभावित होता है.

उन्होंने कहा, 'इस तरह से देश के सहयोग से बड़े पैमान पर आतंकवाद का फलता-फूलता उद्योग है क्योंकि वह देश सोचता है कि यह पड़ोसी के खिलाफ एक जरूरी तरीका है... यह भारत को कतई स्वीकार्य नहीं है और ज्यादा से ज्यादा देश इस विचार से सहमति जता रहे हैं.'

जयशंकर ने कहा, 'मेरे ख्याल से आज बड़ी समस्या यह है कि क्या पाकिस्तान एक सामान्य देश और एक सामान्य पड़ोसी के रूप में व्यवहार करने के लिए तैयार है. मैं नहीं समझता कि आज दुनिया में कहीं भी आपको ऐसा देश मिलेगा जिसने आतंकवादी कृत्य का उद्योग तैयार किया है.'

विदेश मंत्री ने कहा कि गैर-भेदभावपूर्ण व्यापार के लिए पाकिस्तान को सबसे तरजीह राष्ट्र का दर्जा दिया लेकिन पाकिस्तान ऐसा करने में विफल रहा.

उन्होंने कहा 'कनेक्टिविटी दक्षिण एशिया के केंद्र में है लेकिन पाकिस्तान भारत से संबंधित कनेक्टिविटी का विरोध कर रहा है. तो चुनौती यह है कि अगर एक देश आतंकवाद का इस्तेमाल करता है, सामान्य व्यापार नहीं करता है, कनेक्टिविटी को बाधित करता है तो भारत ऐसे मुल्क के साथ कैसे काम कर सकता है?'

उन्होंने कहा, 'यह कोई आसान चुनौती नहीं है. हम इससे वर्षों से जूझ रहे हैं. यह कोई ऐसी चुनौती नहीं जिससे हम अकेले निपट सकते हैं.'

मंत्री ने कहा कि वह 'निराशावादी दृष्टिकोण' अख्तियार नहीं करते हैं और भारत पाकिस्तान के बीच अच्छे रिश्तों से बड़कर उनके लिए कोई खुशी नहीं हो सकती है, लेकिन मौजूदा हालात में हमारे सामने यह शायद सबसे मुश्किल चुनौती है.

जयंशकर ने कहा कि भारत मुद्दे पर मजबूत वैश्विक सहमति की उम्मीद करता है ताकि पाकिस्तान पर सही चीज़े करने के लिए दबाव डाला जा सके और समझाया जा सके.

(भाषा इनपुट)

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि पाकिस्तान में सरकार के सहयोग से बड़े पैमाने पर आतंकवाद का उद्योग फल-फूल रहा है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद ही पाक सरकार को एक सामान्य पड़ोसी की तरह व्यवहार करने से रोकता है.

लंदन के पास बकिंघमशायर में 'यूके इंडिया-वीक' के हिस्से के तौर पर आयोजित 'लीडर्स सम्मिट' को नई दिल्ली से वीडियो लिंक के जरिए संबोधित करते हुए जयशंकर ने यह बात कही. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून आधारित व्यवस्था में खलल डालने वाले देशों की आलोचना करने के लिए ब्रिटेन जैसे मुल्कों से और सक्रिय होने का आह्वान किया क्योंकि पाकिस्तान आज जो कर रहा है उससे ब्रिटेन समेत शेष विश्व खासा प्रभावित होता है.

उन्होंने कहा, 'इस तरह से देश के सहयोग से बड़े पैमान पर आतंकवाद का फलता-फूलता उद्योग है क्योंकि वह देश सोचता है कि यह पड़ोसी के खिलाफ एक जरूरी तरीका है... यह भारत को कतई स्वीकार्य नहीं है और ज्यादा से ज्यादा देश इस विचार से सहमति जता रहे हैं.'

जयशंकर ने कहा, 'मेरे ख्याल से आज बड़ी समस्या यह है कि क्या पाकिस्तान एक सामान्य देश और एक सामान्य पड़ोसी के रूप में व्यवहार करने के लिए तैयार है. मैं नहीं समझता कि आज दुनिया में कहीं भी आपको ऐसा देश मिलेगा जिसने आतंकवादी कृत्य का उद्योग तैयार किया है.'

विदेश मंत्री ने कहा कि गैर-भेदभावपूर्ण व्यापार के लिए पाकिस्तान को सबसे तरजीह राष्ट्र का दर्जा दिया लेकिन पाकिस्तान ऐसा करने में विफल रहा.

उन्होंने कहा 'कनेक्टिविटी दक्षिण एशिया के केंद्र में है लेकिन पाकिस्तान भारत से संबंधित कनेक्टिविटी का विरोध कर रहा है. तो चुनौती यह है कि अगर एक देश आतंकवाद का इस्तेमाल करता है, सामान्य व्यापार नहीं करता है, कनेक्टिविटी को बाधित करता है तो भारत ऐसे मुल्क के साथ कैसे काम कर सकता है?'

उन्होंने कहा, 'यह कोई आसान चुनौती नहीं है. हम इससे वर्षों से जूझ रहे हैं. यह कोई ऐसी चुनौती नहीं जिससे हम अकेले निपट सकते हैं.'

मंत्री ने कहा कि वह 'निराशावादी दृष्टिकोण' अख्तियार नहीं करते हैं और भारत पाकिस्तान के बीच अच्छे रिश्तों से बड़कर उनके लिए कोई खुशी नहीं हो सकती है, लेकिन मौजूदा हालात में हमारे सामने यह शायद सबसे मुश्किल चुनौती है.

जयंशकर ने कहा कि भारत मुद्दे पर मजबूत वैश्विक सहमति की उम्मीद करता है ताकि पाकिस्तान पर सही चीज़े करने के लिए दबाव डाला जा सके और समझाया जा सके.

(भाषा इनपुट)

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.LONDON FGN26
JAISHANKAR-PAK-TERRORISM
Pak's large-scale terrorism industry prevents it from behaving like 'normal neighbour': Jaishankar
By Aditi Khanna
         London, Jun 26 (PTI) Pakistan's state-sponsored "large-scale industry of terrorism" prevents its government from behaving like a "normal neighbour", External Affairs Minister S Jaishankar said on Wednesday.
         In a live video link from New Delhi to address the Leaders' Summit as part of UK-India Week in Buckinghamshire near London, he called on countries like Britain to be more proactive in calling out nations that obstruct the international rules-based order because "a lot of what Pakistan is doing today, affects the rest of the world, including the UK".
         "This kind of large-scale industry of terrorism, which is done with the blessing of the state because the state thinks it is an instrument against the neighbour... it is increasingly unacceptable to India, and more and more countries are coming around to that view," he said, in response to a question about the political situation vis--vis Pakistan.
         "I think a lot of the problem today is whether Pakistan is prepared to behave as a normal country and as a normal neighbour. I don't think anywhere in the world today, you will have a country which has an industry geared towards committing acts of terror," Jaishankar said.
         The former diplomat-turned-minister highlighted that while India has offered Pakistan a Most Favoured Nation (MFN) status in favour of non-discriminatory trade, Pakistan has failed to reciprocate.
         He said: "Connectivity is at the heart of South Asia but Pakistan is resisting connectivity concerning India. So, the challenge that I see is really if a country practises terrorism, denies normal trade, is obstructing connectivity, how can India work with such a country.
         "It is not an easy challenge. We have struggled with it now for many, many years. It's not a challenge we can address alone, but also I think it is not a challenge we should be addressing alone".
         The minister stressed that he does not have a "pessimistic view" and that nothing would please him more than to see good India-Pakistan relations, but "given the current situation, it is probably one of the hardest challenges we face".
         Jaishankar said that the Indian government hopes for a stronger global consensus over the issue so that Pakistan can be "pressurised and persuaded" to do the right thing.
         "Whenever there is a deviation from good governance or common sense or rules of international relations, it is important for the international community not to look away, not to make excuses, not to play some balancing game for its political convenience," he added. PTI AK AKJ
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