नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने डोमिनिकन रिपब्लिक, फिजी और अंगोला के उच्चायुक्तों और राजदूतों की विदाई पर शुक्रवार को दोपहर का भोज आयोजित किया और भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने में उनके योगदान के लिए शुक्रिया अदा किया.
जयशंकर ने बांग्लादेश, त्रिनिदाद और टोबैगो, मालदीव, सेनेगल, उत्तर कोरिया, हंगरी, चाड और ताजिकिस्तान से हाल में आए दूतों का भी स्वागत किया.
जयशंकर ने ट्वीट किया, 'डोमिनिकन रिपब्लिक, फिजी और अंगोला के उच्चायुक्तों और राजदूतों की विदाई पर शुक्रवार को दोपहर का भोज आयोजित किया. हमारे द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने में उनके योगदान के लिए शुक्रिया अदा किया.'
विदेश मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'बांग्लादेश, त्रिनिदाद और टोबैगो, मालदीव, सेनेगल, उत्तर कोरिया, हंगरी, चाड और ताजिकिस्तान से हाल में आए दूतों का भी स्वागत किया. आशा है, उनका प्रवास सुखद रहेगा.'
इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज वर्चुअल माध्यम से आयोजित एक कार्यक्रम में चार देशों के राजदूतों और उच्चायुक्तों के परिचय पत्रों को स्वीकार किया, जिन लोगों ने परिचय पत्र पेश किए, वे इस प्रकार हैं:
- हंगरी के राजदूत अंद्रास लास्लो किराली
- मालदीव के उच्चायुक्त डॉ. हुसैन नियाज
- चाड के राजदूत सोंगुई अहमद
- ताजिकिस्तान के राजदूत लुकमन
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इस अवसर पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने राजदूतों की नियुक्ति पर उन्हें शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि भारत के इन चारों देशों के साथ मैत्री संबंध हैं और हमारे रिश्ते शांति तथा समृद्धि के समान दृष्टिकोण पर आधारित और बहुत गहरे हैं. उन्होंने इन सरकारों का इस बात के लिए शुक्रिया अदा किया कि उन्होंने भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 2021-22 की अवधि के लिए अस्थायी उम्मीदवारी का समर्थन किया.
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने इस बात को अनिवार्य बना दिया है कि हम सामूहिक स्वास्थ्य और मानवतामात्र के आर्थिक कल्याण के लिए वैश्विक सहयोग सुनिश्चित करें. उन्होंने उम्मीद जताई कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस महामारी का समाधान तलाशने के बहुत करीब पहुंच चुका है और वह इस संकट से अधिक शक्तिशाली होकर उबरेगा.