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2008 जयपुर बम ब्लास्ट के चारों दोषियों को फांसी की सजा - राजद्रोह और विस्फोटक अधिनियम

जयपुर में 2008 में हुए बम ब्लास्ट मामले में कोर्ट ने चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है.

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जयपुर बम ब्लास्ट
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Published : Dec 20, 2019, 4:51 PM IST

Updated : Dec 20, 2019, 5:18 PM IST

नई दिल्ली : जयपुर में 2008 में हुए बम ब्लास्ट मामले में जयपुर अदालत ने चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है. बता दें, कोर्ट ने सीरियल बम धमाकों के चारों गुनहगारों को 11 साल बाद बुधवार को दोषी ठहराया था.

वहीं, मुजाहिदीन के नाम से धमाकों की जिम्मेदारी लेने वाले आरोपी मोहम्मद शहबाज हुसैन को जज अजय कुमार शर्मा प्रथम ने संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था.

13 मई, 2008 को जयपुर में हुए सीरियल ब्लास्ट में 71 लोगों की मौत हुई थी और 185 लोग घायल हुए थे.

जयपुर बम ब्लास्ट के दोषियों की फांसी की सजा.

राजधानी के माणक चौक और कोतवाली थाने में 4-4 एफआईआर दर्ज की गई थी, इनमें से केस दो में सैफुर्ररहमान, केस चार में सरवर, केस पांच में मोहम्मद सैफ और केस आठ में सलमान को दोषी घोषित किया गया है. चार केस में बम प्लांट करने वाले का पता नहीं लग सका, लेकिन सभी चार आरोपी षड़यंत्र के दोषी सिद्ध हुए थे.

कोर्ट ने मोहम्मद सैफ, सैफुर्रहमान, सरवर आजमी और मोहम्मद सलमान को हत्या, राजद्रोह और विस्फोटक अधिनियम के तहत दोषी पाया. शुक्रवार को कोर्ट इनकी सजा पर फैसला सुना सकता है. मामले कुल 13 लोगों को पुलिस ने आरोपी बनाया था. 3 आरोपी अब तक फरार हैं और 3 हैदराबाद और दिल्ली की जेल में बंद हैं. बाकी बचे दो गुनहगार दिल्ली में बाटला हाउस मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं.

पीड़ित परिजन ने चारों दोषियों को आंखों के सामने फांसी पर लटकाने की गुहार लगाई है. दोषियों ने शहर में बम धमाके करने के लिए जिन जगहों और दुकानदारों से साइकिलें खरीदी थीं, उन दुकानदारों ने उनकी पहचान की थी. 13 मई 2008 की शाम परकोटा इलाके में 12 से 15 मिनट के अंतराल में चांदपोल गेट, बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़, त्रिपोलिया बाजार, जौहरी बाजार और सांगानेरी गेट पर बम धमाके हुए थे.
पहला ब्लास्ट खंदा माणक चौक, हवामहल के सामने शाम 7:20 बजे हुआ था, फिर एक के बाद एक 8 धमाके हुए. बम ब्लास्ट केस में 8 केस दर्ज किए थे. अभियोजन की ओर से मामले में 1293 गवाहों के बयान कराए थे.

ऐसे पकड़ में आए थे आरोपी...
इस मामले की जांच करते हुए एसओजी ने सितंबर, साल 2008 में सबसे पहले इंडियन मुजाहिद्दीन को घटना की जानकारी मेल करने वाले आरोपी मोहम्मद शहबाज हुसैन को गिरफ्तार किया था. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने मार्च, 2009 में मोहम्मद सैफ उर्फ कैरीऑन और मोहम्मद सरवर आज़मी को भी गिरफ्तार कर लिया. बाद में मोहम्मद सलमान और सैफुर उर्फ सैफुर्रहमान अंसारी को गिरफ्तार किया गया. वहीं पिछले साल आरिज खान उर्फ जुनैद को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया. लेकिन अभी तक राजस्थान पुलिस ने उसे प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार नहीं किया है.

तीन आरोपी अब भी फरार...
सीरियल ब्लास्ट केस के दो आरोपी मोहम्मद आतिफ अमीन उर्फ बशीर और छोटा साज़िद बाटला एनकाउंटर में मारे गए, जबकि तीन आरोपी अभी भी फरार हैं. इनमें मिर्जा शादाब बेग उर्फ मलिक, साजिद बड़ा और मोहम्मद खालिद शामिल हैं. शुरुआत में तो मामले का ट्रायल काफी धीमी गति से चल रहा था. लेकिन पिछले 1 साल से इसने गति पकड़ी.

नई दिल्ली : जयपुर में 2008 में हुए बम ब्लास्ट मामले में जयपुर अदालत ने चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है. बता दें, कोर्ट ने सीरियल बम धमाकों के चारों गुनहगारों को 11 साल बाद बुधवार को दोषी ठहराया था.

वहीं, मुजाहिदीन के नाम से धमाकों की जिम्मेदारी लेने वाले आरोपी मोहम्मद शहबाज हुसैन को जज अजय कुमार शर्मा प्रथम ने संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था.

13 मई, 2008 को जयपुर में हुए सीरियल ब्लास्ट में 71 लोगों की मौत हुई थी और 185 लोग घायल हुए थे.

जयपुर बम ब्लास्ट के दोषियों की फांसी की सजा.

राजधानी के माणक चौक और कोतवाली थाने में 4-4 एफआईआर दर्ज की गई थी, इनमें से केस दो में सैफुर्ररहमान, केस चार में सरवर, केस पांच में मोहम्मद सैफ और केस आठ में सलमान को दोषी घोषित किया गया है. चार केस में बम प्लांट करने वाले का पता नहीं लग सका, लेकिन सभी चार आरोपी षड़यंत्र के दोषी सिद्ध हुए थे.

कोर्ट ने मोहम्मद सैफ, सैफुर्रहमान, सरवर आजमी और मोहम्मद सलमान को हत्या, राजद्रोह और विस्फोटक अधिनियम के तहत दोषी पाया. शुक्रवार को कोर्ट इनकी सजा पर फैसला सुना सकता है. मामले कुल 13 लोगों को पुलिस ने आरोपी बनाया था. 3 आरोपी अब तक फरार हैं और 3 हैदराबाद और दिल्ली की जेल में बंद हैं. बाकी बचे दो गुनहगार दिल्ली में बाटला हाउस मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं.

पीड़ित परिजन ने चारों दोषियों को आंखों के सामने फांसी पर लटकाने की गुहार लगाई है. दोषियों ने शहर में बम धमाके करने के लिए जिन जगहों और दुकानदारों से साइकिलें खरीदी थीं, उन दुकानदारों ने उनकी पहचान की थी. 13 मई 2008 की शाम परकोटा इलाके में 12 से 15 मिनट के अंतराल में चांदपोल गेट, बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़, त्रिपोलिया बाजार, जौहरी बाजार और सांगानेरी गेट पर बम धमाके हुए थे.
पहला ब्लास्ट खंदा माणक चौक, हवामहल के सामने शाम 7:20 बजे हुआ था, फिर एक के बाद एक 8 धमाके हुए. बम ब्लास्ट केस में 8 केस दर्ज किए थे. अभियोजन की ओर से मामले में 1293 गवाहों के बयान कराए थे.

ऐसे पकड़ में आए थे आरोपी...
इस मामले की जांच करते हुए एसओजी ने सितंबर, साल 2008 में सबसे पहले इंडियन मुजाहिद्दीन को घटना की जानकारी मेल करने वाले आरोपी मोहम्मद शहबाज हुसैन को गिरफ्तार किया था. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने मार्च, 2009 में मोहम्मद सैफ उर्फ कैरीऑन और मोहम्मद सरवर आज़मी को भी गिरफ्तार कर लिया. बाद में मोहम्मद सलमान और सैफुर उर्फ सैफुर्रहमान अंसारी को गिरफ्तार किया गया. वहीं पिछले साल आरिज खान उर्फ जुनैद को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया. लेकिन अभी तक राजस्थान पुलिस ने उसे प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार नहीं किया है.

तीन आरोपी अब भी फरार...
सीरियल ब्लास्ट केस के दो आरोपी मोहम्मद आतिफ अमीन उर्फ बशीर और छोटा साज़िद बाटला एनकाउंटर में मारे गए, जबकि तीन आरोपी अभी भी फरार हैं. इनमें मिर्जा शादाब बेग उर्फ मलिक, साजिद बड़ा और मोहम्मद खालिद शामिल हैं. शुरुआत में तो मामले का ट्रायल काफी धीमी गति से चल रहा था. लेकिन पिछले 1 साल से इसने गति पकड़ी.

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Last Updated : Dec 20, 2019, 5:18 PM IST
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