नई दिल्ली : इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लागू करने के निर्देश पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की है. आईयूएमएल ने याचिका में पूछा है कि क्या एनआरसी और एनपीआर से संबंधित प्रक्रिया एक दूसरे से जुड़ी होंगी.
याचिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए एक विरोधाभासी बयान पर स्पष्टीकरण मांगा गया है. दरअसल, पीएम मोदी ने अपने एक बयान में कहा था कि एनआरसी और एनपीआर एक ही हैं.
इसके अलावा याचिका में कहा गया है कि राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने 2014 में राज्यसभा में कहा था कि एनपीआर, एनआरसी के लिए पहला कदम है.
याचिका में अदालत से मांग की गई है कि जब तक याचिका सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है, तब तक एनआरसी और एनपीआर पर रोक लगाई जाए.
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दरअसल, आईयूएमएल ने सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दायर की हैं. इनमें से एक में सीएए पर रोक लगाने की मांग की गई है जबकि दूसरे में एनआरसी और एनपीआर पर.
गौरतलब है कि सीएए को चुनौती देने वाली याचिका पर इस माह 22 जनवरी को सुनवाई होनी है.
आईयूएमएल ने नागरिकता संशोधन विधेयक के संसद से पारित होने के बाद सबसे पहले इसके विरुद्ध याचिका दायर कर दी थी और इसकी संवैधानिक वैधता को चुनौती दी थी.