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ISRO ने मुश्किल हालातों में साथ देने के लिए देशवासियों का आभार जताया - लैंडर के साथ संपर्क टूटने के बाद

इसरो ने कहा कि हमारे साथ खड़े रहने के लिये आपका शुक्रिया. हम दुनियाभर में सभी भारतीयों की आशाओं और सपनों को पूरा करने की कोशिश करते रहेंगे.' इसरो ने कहा है, 'हमें प्रेरित करने के लिये धन्यवाद.' पढ़ें विस्तार से...

के सिवन
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Published : Sep 18, 2019, 8:43 AM IST

Updated : Oct 1, 2019, 12:48 AM IST

बेंगलुरू: देश के दूसरे चंद्र अभियान 'चंद्रयान 2' के लैंडर के साथ संपर्क टूटने के बाद मिले समर्थन पर इसरो ने मंगलवार को सभी देशवासियों का आभार प्रकट किया है.

बता दें, सात सितंबर को चंद्रमा की सतह पर पहुंचने के कुछ ही मिनट पहले इसरो का लैंडर से संपर्क टूट गया था.

इसरो ने ट्वीट किया, 'हमारे साथ खड़े रहने के लिये आपका शुक्रिया. हम दुनियाभर में सभी भारतीयों की आशाओं और सपनों को पूरा करने की कोशिश करते रहेंगे.'

ISRO thanks all Indians
इसरो ने ट्वीट कर जताया देशवासियों को आभार
इसरो ने कहा, 'हमें प्रेरित करने के लिये धन्यवाद.'

उल्लेखनीय है सात सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में चन्द्रयान-2 का प्रक्षेपण होना था, लेकिन ऐन मौके पर असफल हो गया.

हालांकि, चंद्रयान- 2 ने अपने 47 दिनों की यात्रा के दौरान कई मुश्किल पड़ाव पार कर लिए थे. उसे विक्रम लैंडर के जरिए रोवर प्रज्ञान के चांद की सतह पर उतरना था. इस दौरान विक्रम को चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिग करनी थी, लेकिन नहीं हो पाया.

इसे भी पढे़ं- कर्नाटक: DRDO का मानवरहित एयरक्राफ्ट क्रैश, ट्रायल के दौरान हुआ हादसा

बीते दिनों चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने चांद की सतह पर तिरछे पड़े विक्रम की तस्वीर भेजी, जिसके बाद उससे दोबारा संपर्क स्थापित करने की भरपूर कोशिश हुई, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई.

गौरतलब है कि इसरो के साथ-साथ दुनियाभर की अंतरिक्ष एजेंसियों और वैज्ञानिकों ने माना कि चंद्रयान- 2 मिशन अपने लक्ष्य का 95% सफलता प्राप्त की है.

विक्रम लैंडर से संपर्क करने के लिए अब नासा भी सहायता कर रहा है.

बेंगलुरू: देश के दूसरे चंद्र अभियान 'चंद्रयान 2' के लैंडर के साथ संपर्क टूटने के बाद मिले समर्थन पर इसरो ने मंगलवार को सभी देशवासियों का आभार प्रकट किया है.

बता दें, सात सितंबर को चंद्रमा की सतह पर पहुंचने के कुछ ही मिनट पहले इसरो का लैंडर से संपर्क टूट गया था.

इसरो ने ट्वीट किया, 'हमारे साथ खड़े रहने के लिये आपका शुक्रिया. हम दुनियाभर में सभी भारतीयों की आशाओं और सपनों को पूरा करने की कोशिश करते रहेंगे.'

ISRO thanks all Indians
इसरो ने ट्वीट कर जताया देशवासियों को आभार
इसरो ने कहा, 'हमें प्रेरित करने के लिये धन्यवाद.'

उल्लेखनीय है सात सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में चन्द्रयान-2 का प्रक्षेपण होना था, लेकिन ऐन मौके पर असफल हो गया.

हालांकि, चंद्रयान- 2 ने अपने 47 दिनों की यात्रा के दौरान कई मुश्किल पड़ाव पार कर लिए थे. उसे विक्रम लैंडर के जरिए रोवर प्रज्ञान के चांद की सतह पर उतरना था. इस दौरान विक्रम को चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिग करनी थी, लेकिन नहीं हो पाया.

इसे भी पढे़ं- कर्नाटक: DRDO का मानवरहित एयरक्राफ्ट क्रैश, ट्रायल के दौरान हुआ हादसा

बीते दिनों चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने चांद की सतह पर तिरछे पड़े विक्रम की तस्वीर भेजी, जिसके बाद उससे दोबारा संपर्क स्थापित करने की भरपूर कोशिश हुई, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई.

गौरतलब है कि इसरो के साथ-साथ दुनियाभर की अंतरिक्ष एजेंसियों और वैज्ञानिकों ने माना कि चंद्रयान- 2 मिशन अपने लक्ष्य का 95% सफलता प्राप्त की है.

विक्रम लैंडर से संपर्क करने के लिए अब नासा भी सहायता कर रहा है.

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.BENGALURU MDS19
KA-CHANDRAYAAN-ISRO
ISRO thanks all Indians for support after it lost contact with
lander
Bengaluru, Sep 17 (PTI) ISRO on Tuesday thanked Indians
in the country and abroad for the support it received after
the space agency lost contact with the lander of the country's
second lunar mission Chandrayaan-2, minutes before touchdown
on the lunar surface on September 7
"Thank you for standing by us. We will continue to keep
going forward propelled by the hopes and dreams of Indians
across the world!" ISRO tweeted.
"Thank you for inspiring us to always aim for the sky,"
the Indian Space Research Organisation said.
The space agency had got support from the entire nation,
despite it losing communication with the lander ahead of the
touchdown, with people from all walks of life praising ISRO
and its scientists for the achievement.
Prime Minister Modi, who had flown down to Bengaluru to
watch the planned touchdown of Vikram, had told ISRO
scientists not to get dejected and disheartened and said the
country was proud of them.
"I see disappointment on your faces. No need to get
dejected. We have learnt a lot," Modi had said.
"These are moments to be courageous, and courageous we
will be! We remain hopeful and will continue working hard on
our space programme", he had said.
Lander Vikram, with rover Pragyan housed inside it, lost
communication with ground-stations early on September 7 during
its final descent, just 2.1 kms above the lunar surface,
minutes before the planned touch-down on the Moon.
Efforts to reestablish the link has been going on since
then.
On September 8, ISRO said the lander was spotted on the
lunar surface by camera on-board of the Chandrayaan-2 orbiter.
Vikram had a hard-landing.
The lander, designed to execute a soft-landing on the
lunar surface, and rover have a mission life of one Lunar day,
which is equivalent to 14 earth days.
The space agency after losing contact with the lander had
said that till date, 90 to 95 per cent of the Chandrayaan-2
mission objectives have been accomplished and it would
continue contribute to Lunar science, notwithstanding the loss
of communication with the Lander.
It had also noted that the precise launch and mission
management has ensured a long life of almost 7 years instead
of the planned one year for the orbiter. PTI KSU
APR
APR
09172247
NNNN
Last Updated : Oct 1, 2019, 12:48 AM IST
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