श्री हरिकोटाः भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रयान-2 की प्रक्षेपण अभ्यास सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. यह मिशन 22 जुलाई को प्रक्षेपण किया जायेगा.
इसरो ने ट्वीट करके जानकारी दी कि जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-मार्क तृतीय (जीएसएलवी-एमके तृतीय-एम प्रथम) सफलतापूर्वक पूरी हो गई. इसका प्रदर्शन सामान्य रहा.
चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण 15 जुलाई को सुनिश्चित किया गया था. रॉकेट में हुई तकनीकी खराबी के कारण इसे प्रक्षेपण के कुछ देर पहले ही प्रक्षेपण से रोक दिया गया था.
पढ़ेंः चंद्रयान-2: जानें चंद्रमा की सतह पर क्या होंगी चुनौतियां, कैसे काम करेगा लैंडर
चंद्रयान-2 देश में पूरी तरह से देश में विकसित किया हुआ है. यान-2 को भारत के सबसे ताकतवर जीएसएलवी मार्क-III रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा. चंद्रयान -2 ऐसे क्षेत्रों की पता लगायेगा जहां पर किसी ने कदम नहीं रखा है. इसके स्पेस क्राफ्ट बॉडी में लैंडर और रोवर है. इस यान का कुल वजन 3.8 टन है. अनुमान है कि यान इसी वर्ष 6 या 7 सितम्बर को चन्द्रमा पर पंहुच जायेगा.
पढ़ेंः मिशन चंद्रयान-2 के डिजाइन से जुड़ी हर खास बात, यहां जानें
भारत के द्वारा चंद्रमा के सतह पर यान उतारने का पहला प्रयास है. इसके साथ ही भारत चंद्रमा की सतह पर उतराने वाला चौथा देश बन जायेगा. इससे पहले अमेरिका, रुस ,चीन है.