तिरुवनंतपुरम : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की अदालत ने आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के सदस्य सुभानी हाजा मोइदीन को इराक सरकार के खिलाफ युद्ध में भाग लेने का दोषी पाया है. केरल के थोडुपुझा निवासी सुभानी हाजा मोइदीन इस मामले में एकमात्र आरोपी है. इस मामले में कोच्चि की एनआईए अदालत सोमवार को सजा का एलान करेगी.
सुभानी पर आईपीसी धारा 125 (भारत सरकार के साथ गठबंधन में एशियाई शक्ति के खिलाफ युद्ध छेड़ने), 120B (आपराधिक साजिश रचने) और यूएपीए के तहत मामले दर्ज हैं.
सुनवाई के दौरान एनआईए ने कोर्ट से आरोपी की सजा कम न करने को कहा.
सुभानी हाजा मोइदीन, जो केरल के इडुक्की जिले का निवासी है, 2015 में कथित रूप से आतंकी संगठन में शामिल हुआ था और उसे इराक और सीरिया में प्रशिक्षित किया गया था. उसने इराक सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने में भाग लिया.
एनआईए के अनुसार, मोइदीन को 2016 में आतंकी संगठन आईएसआईएस की गतिविधियों का कथित रूप से समर्थन करने के लिए गिरफ्तार किया गया था.
एजेंसी को यह भी संदेह था कि उसे पेरिस में 2015 के आतंकी हमलों के बारे में विस्तृत जानकारी हो सकती है, जिसमें 130 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए थे.
पेरिस में 2015 के आतंकी हमलों के सिलसिले में मोइदीन से पूछताछ करने के लिए बुधवार को एक फ्रांसीसी जांच दल त्रिशूर के वियूर जेल पहुंचा था.
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बता दें कि केरल के इडुक्की जिला अंतर्गत थोडुपुझा नगरपालिका क्षेत्र के मूल निवासी सुभानी हजा मोइदीन इस मामले में एकमात्र आरोपी हैं. यह भारत में एशियाई देश के खिलाफ युद्ध में भाग लेने के लिए केरल में दर्ज किया गया अपनी तरह का पहला मामला है.
वहीं, आरोपी ने कहा कि उसने देश के खिलाफ कुछ नहीं किया है और वह पिछले चार साल से जेल में है. सुभानी ने आगे कहा कि वह शांति में विश्वास रखता है और उसका मानना है कि हिंसा से शांति प्राप्त नहीं की जा सकती.