हैदराबाद : पंजाब में सीमा पार से आतंकियों द्वारा ड्रोन से एके-47 जैसे खतरनाक हथियार भेजे जाने का मामला सामने आने के बाद गृह मंत्रालय ने देशभर में अलर्ट जारी किया है. इसके बावजूद तेलंगाना में ड्रोन, जिन्हें मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) के रूप में भी जाना जाता है, का उपयोग मनमाने ढंग से किया जा रहा है.
गृह मंत्रालय ने आतंकवाद के खतरे वाले शहरों में ड्रोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है, लेकिन ड्रोन का इस्तेमाल विभिन्न कार्यों, राजनीतिक दलों की सार्वजनिक बैठकों और विवाह की वीडियोग्राफी में हो रहा है. ये बड़े खतरे का कारण बन सकते हैं. ऐसे में ड्रोन के उपयोग को लेकर सख्त नियम तैयार करने की आवश्यकता है.
सरकार ने चार साल पहले जारी किए थे आदेश
कई देश ऐसे ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो स्थानीय रडार पर पकड़े बिना भी दुश्मन के इलाकों में उड़ाए जा रहे हैं. उनसे उत्पन्न खतरे को स्वीकार करते हुए, केंद्र सरकार ने लगभग चार साल पहले ही आदेश जारी कर दिए थे कि सार्वजनिक, निजी, कॉर्पोरेट या व्यक्तिगत रूप से ड्रोन का उपयोग करने से पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुमति लेनी चाहिए.
पिछले तीन से चार वर्षों से रियल एस्टेट कंपनियों के लिए शादियों, कार्यों, निजी कंपनियों और मार्केटिंग की रिकॉर्डिंग के उद्देश्य से, हैदराबाद सहित राज्य के कस्बों और शहरों में ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है. उनमें से 99% स्थानीय पुलिस से अनुमति नहीं लेते हैं. विज्ञापनों में भी ड्रोन को लोकप्रिय बनाया जा रहा है.
ई-कॉमर्स कंपनियों में भी उपलब्ध है ड्रोन
निजी कंपनियों ने कम लागत वाले ड्रोन बाजार में उतार दिए हैं, जिससे इनकी उपलब्धता बढ़ गई है. ई-कॉमर्स कंपनियों में भी ड्रोन उपलब्ध हैं, जो हजारों लोगों को इन साइटों से खरीदने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. हैदराबाद में भी ड्रोन की बिक्री में काफी वृद्धि हुई है. छात्रों के साथ इवेंट मैनेजमेंट कंपनियां भी बड़े पैमाने पर ड्रोन खरीद रही हैं.
क्या हैं आम नियम
देश में रिहायशी इलाकों में बिना परमीशन ड्रोन नहीं उड़ाया जा सकता.
एयरपोर्ट या हेलिपैड के पांच किलोमीटर के आस-पास ड्रोन नहीं उड़ाया जा सकता.
दिन के समय और अच्छे मौसम में ही ड्रोन उड़ाया जाए.
सेंसिटिव जोन या हाईप्रोफाइल सिक्योरिटी वाले इलाके में ड्रोन न उड़ाया जाए.
पढ़ें- इंडिया गेट के पास ड्रोन उड़ाते पकड़ा गया यूट्यूबर, मचा हड़कंप