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जाति के आधार पर भर्ती का विज्ञापन, रेलवे ने विक्रेता पर कार्रवाई की

बृंदावन फूड प्रोडक्ट्स ने तीन पदों पर नौकरी के लिए आवेदन मंगाए थे, जिसमें कहा गया था कि आवेदक अग्रवाल समुदाय से होना चाहिए. मामला सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर आईआरसीटीसी की खिंचाई हुई. जानें क्या है पूरा मामला

आईआरसीटीसी
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Published : Nov 8, 2019, 8:02 AM IST

नई दिल्ली : आईआरसीटीसी ने भर्ती के विज्ञापन में जातिगत प्राथमिकता की बात करने वाले रेलवे के एक विक्रेता पर कार्रवाई की है. इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर आईआरसीटीसी की काफी खिंचाई हुई.

बृंदावन फूड प्रोडक्ट्स ने अपने यहां ट्रेन कैटरिंग मैनेजर, बेस किचन मैनेजर और स्टोर मैनेजर के तीन पदों के लिए 100 पुरुष उम्मीदवारों से आवेदन मांगे थे. विज्ञापन में कहा गया था कि आवेदक अग्रवाल वैश्य समुदाय से होना चाहिए और कम से कम 12वीं तक की शैक्षणिक योग्यता के साथ अच्छी पारिवारिक पृष्ठभूमि से होना चाहिए.

इस मसले पर अपना रोष दिखाते हुए कुमार विश्वास ने भी ट्वीट कर सरकार को आड़े हाथों लिया.

Railways pulls up vendor for recruitment ad
कुमार विश्वास ने ट्वीट किया...

इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) ने गुरुवार को कहा कि कंपनी ने आलोचनाओं के बाद विज्ञापन जारी करने वाले मानव संसाधन विभाग कर्मी को हटा दिया है.

रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'आईआरसीटीसी ने इसे गंभीरता से लिया है और ठेकेदार को जातिगत आधार पर नोटिस निकालने से मना किया है. उनसे किसी भी जाति, धर्म या क्षेत्र के उचित लोगों की भर्ती करने के लिए कहा गया है.'

उन्होंने कहा, 'ठेकेदार ने आईआरसीटीसी से इस बात की पुष्टि की है कि विज्ञापन के लिए जिम्मेदार एचआर मैनेजर को नौकरी से हटा दिया गया है.'

इसे भी पढ़ें- लोगों को IRCTC का खास तोहफा! विशेष पैकेज के तहत कराएगा मंदिर भ्रमण

विक्रेता ने भी आईआरसीटीसी से विज्ञापन के लिए माफी मांगते हुए कहा है कि 'लिपिकीय गलती' के चलते ऐसा हुआ.

विक्रेता ने कहा, 'दो अलग-अलग विज्ञापन दिए जाने थे - एक रेलगाड़ी और रेस्टोरेंट में कर्मचारियों की भर्ती के लिए और दूसरा हमारे सामाजिक कल्याण कार्यक्रम के लिए. लिपिकीय गलती के कारण यह विज्ञापन छप गया... हमारा उद्देश्य किसी को आहत करना और किसी खास समुदाय को नौकरी की पेशकश करना नहीं था.'

सोशल मीडिया पर लोगों ने इस इश्तेहार की काफी आलोचना की.

एक शख्स ने ट्विटर पर लिखा, 'शर्मनाक और बेतुका. क्या अब निजी संचालक भी जाति के आधार पर नौकरी देंगे? क्या हमने अपने देश को बहुत ज्यादा नहीं बांट दिया है?'

नई दिल्ली : आईआरसीटीसी ने भर्ती के विज्ञापन में जातिगत प्राथमिकता की बात करने वाले रेलवे के एक विक्रेता पर कार्रवाई की है. इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर आईआरसीटीसी की काफी खिंचाई हुई.

बृंदावन फूड प्रोडक्ट्स ने अपने यहां ट्रेन कैटरिंग मैनेजर, बेस किचन मैनेजर और स्टोर मैनेजर के तीन पदों के लिए 100 पुरुष उम्मीदवारों से आवेदन मांगे थे. विज्ञापन में कहा गया था कि आवेदक अग्रवाल वैश्य समुदाय से होना चाहिए और कम से कम 12वीं तक की शैक्षणिक योग्यता के साथ अच्छी पारिवारिक पृष्ठभूमि से होना चाहिए.

इस मसले पर अपना रोष दिखाते हुए कुमार विश्वास ने भी ट्वीट कर सरकार को आड़े हाथों लिया.

Railways pulls up vendor for recruitment ad
कुमार विश्वास ने ट्वीट किया...

इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) ने गुरुवार को कहा कि कंपनी ने आलोचनाओं के बाद विज्ञापन जारी करने वाले मानव संसाधन विभाग कर्मी को हटा दिया है.

रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'आईआरसीटीसी ने इसे गंभीरता से लिया है और ठेकेदार को जातिगत आधार पर नोटिस निकालने से मना किया है. उनसे किसी भी जाति, धर्म या क्षेत्र के उचित लोगों की भर्ती करने के लिए कहा गया है.'

उन्होंने कहा, 'ठेकेदार ने आईआरसीटीसी से इस बात की पुष्टि की है कि विज्ञापन के लिए जिम्मेदार एचआर मैनेजर को नौकरी से हटा दिया गया है.'

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विक्रेता ने भी आईआरसीटीसी से विज्ञापन के लिए माफी मांगते हुए कहा है कि 'लिपिकीय गलती' के चलते ऐसा हुआ.

विक्रेता ने कहा, 'दो अलग-अलग विज्ञापन दिए जाने थे - एक रेलगाड़ी और रेस्टोरेंट में कर्मचारियों की भर्ती के लिए और दूसरा हमारे सामाजिक कल्याण कार्यक्रम के लिए. लिपिकीय गलती के कारण यह विज्ञापन छप गया... हमारा उद्देश्य किसी को आहत करना और किसी खास समुदाय को नौकरी की पेशकश करना नहीं था.'

सोशल मीडिया पर लोगों ने इस इश्तेहार की काफी आलोचना की.

एक शख्स ने ट्विटर पर लिखा, 'शर्मनाक और बेतुका. क्या अब निजी संचालक भी जाति के आधार पर नौकरी देंगे? क्या हमने अपने देश को बहुत ज्यादा नहीं बांट दिया है?'

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PRI GEN NAT
.NEWDELHI DEL33
RAIL-LD AD-CASTE
Railways pulls up vendor for recruitment ad seeking candidates on caste lines
(Eds: adding vendor's statement)
         New Delhi, Nov 7 (PTI) A railway vendor, which alluded to caste preferences in its recruitment advertisement, has been ticked off by the IRCTC after severe backlash on the social media.
         Brandavan Food Products sought 100 male candidates for three posts -- train catering manager, base kitchen manager and store manager.
         It said candidates should belong to "Agrawal Vaish Community" and have "good family background", besides educational qualification of '10+2' in its recruitment advertisement.
         Indian Railway Catering and Tourism Corporation (IRCTC) on Thursday said that the company has removed the human resource personnel who posted the advertisement after severe reprimand.
         "Serious view is taken by the IRCTC and the contractor has been asked to refrain giving notice on caste lines but to recruit suitable persons belonging to any caste/creed/religion or region.
         "It has been confirmed by the contractor to the IRCTC that the HR manager responsible for the advertisement has since been removed from the job," a senior railway official said.
         The vendor also wrote to the IRCTC apologising for the advertisement and said that it was a "clerical mistake".
         "Two different advertisements were supposed to be placed -- one for recruitment of staff in trains and restaurant and another for our social welfare program. Due to clerical mistake this advertisement has been placed publicly...our objective was not to hurt anyone and to offer jobs to any specific community," it said.
         Netizens lashed out at the ad and said that caste cannot be a yardstick by which a candidate should be judged for a job.
         "Shameful and disgusting! Even the private operators will give job on the basis of caste?? Haven't we divided our Country enough?" said Shahab Jafri, a twitter user.
         Another user blamed the political classes and said that casteism was being promoted in every sphere for votes. "There shouldn't be any casteism, but politicians promote it to divide castes and get votes," she said. PTI ASG ASG
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