नई दिल्ली : आईआरसीटीसी ने भर्ती के विज्ञापन में जातिगत प्राथमिकता की बात करने वाले रेलवे के एक विक्रेता पर कार्रवाई की है. इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर आईआरसीटीसी की काफी खिंचाई हुई.
बृंदावन फूड प्रोडक्ट्स ने अपने यहां ट्रेन कैटरिंग मैनेजर, बेस किचन मैनेजर और स्टोर मैनेजर के तीन पदों के लिए 100 पुरुष उम्मीदवारों से आवेदन मांगे थे. विज्ञापन में कहा गया था कि आवेदक अग्रवाल वैश्य समुदाय से होना चाहिए और कम से कम 12वीं तक की शैक्षणिक योग्यता के साथ अच्छी पारिवारिक पृष्ठभूमि से होना चाहिए.
इस मसले पर अपना रोष दिखाते हुए कुमार विश्वास ने भी ट्वीट कर सरकार को आड़े हाथों लिया.
इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) ने गुरुवार को कहा कि कंपनी ने आलोचनाओं के बाद विज्ञापन जारी करने वाले मानव संसाधन विभाग कर्मी को हटा दिया है.
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'आईआरसीटीसी ने इसे गंभीरता से लिया है और ठेकेदार को जातिगत आधार पर नोटिस निकालने से मना किया है. उनसे किसी भी जाति, धर्म या क्षेत्र के उचित लोगों की भर्ती करने के लिए कहा गया है.'
उन्होंने कहा, 'ठेकेदार ने आईआरसीटीसी से इस बात की पुष्टि की है कि विज्ञापन के लिए जिम्मेदार एचआर मैनेजर को नौकरी से हटा दिया गया है.'
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विक्रेता ने भी आईआरसीटीसी से विज्ञापन के लिए माफी मांगते हुए कहा है कि 'लिपिकीय गलती' के चलते ऐसा हुआ.
विक्रेता ने कहा, 'दो अलग-अलग विज्ञापन दिए जाने थे - एक रेलगाड़ी और रेस्टोरेंट में कर्मचारियों की भर्ती के लिए और दूसरा हमारे सामाजिक कल्याण कार्यक्रम के लिए. लिपिकीय गलती के कारण यह विज्ञापन छप गया... हमारा उद्देश्य किसी को आहत करना और किसी खास समुदाय को नौकरी की पेशकश करना नहीं था.'
सोशल मीडिया पर लोगों ने इस इश्तेहार की काफी आलोचना की.
एक शख्स ने ट्विटर पर लिखा, 'शर्मनाक और बेतुका. क्या अब निजी संचालक भी जाति के आधार पर नौकरी देंगे? क्या हमने अपने देश को बहुत ज्यादा नहीं बांट दिया है?'