पटना : भारत-नेपाल की सीमा रक्सौल के पास मिले एक संदिग्ध विदेशी नागरिक को पुलिस ने दबोचा है. यह ईरानी नागरिक बताया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक रक्सौल के रास्ते नेपाल जाने के क्रम में इस संदिग्ध ईरानी नागरिक को गिरफ्तार किया गया. रक्सौल आव्रजन (इमिग्रेशन) अधिकारियों ने यह कार्रवाई की.
गिरफ्तार संदिग्ध का नाम हामिद अकबरी बताया जा रहा है. बीते 11 सालों से हामिद अकबरी बौद्ध भिक्षु के रूप में अवैध तरीके से भारत में रह रहा था. उसके पास भारतीय वीजा भी नहीं है. भारत नेपाल मैत्री बस से वह बोधगया से नेपाल जा रहा था, तभी पुलिस को उसपर शक हुआ.
संदिग्ध के पास मिला रिफ्यूजी कार्ड
बता दें कि हामिद के पास से यूनाइटेड नेशंस हाई कमिश्नर फॉर रिफ्यूजी द्वारा जारी पहचान पत्र मिला है. जिसमें पत्र संख्या 305 1301 342 अंकित है. यह पहचान पत्र एक शरणार्थी के रूप में है. फिलहाल एजेंसियां गिरफ्तार ईरानी नागरिक से पूछताछ कर रही हैं.
11 सालों से भारत में रह रहा था
बिहार के पूर्वी चंपारण के रक्सौल से आव्रजन कार्यालय के अधिकारियों द्वारा पकड़ा गया विदेशी नागरिक पिछले 11 सालों से भारत में रह रहा था. उक्त विदेशी नागरिक बौद्ध भिक्षु के वेश में था और नेपाल जा रहा था.आव्रजन विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि अधिकारियों ने रविवार को भारत-नेपाल मैत्री बस सेवा की जांच की. इस दौरान बगैर भारतीय वीजा संन्यासी के वेश में ईरान के एक नागरिक अहमद के पुत्र हेमेड अकबरी (40) को संदेह के आधार पर पकड़ा गया है. यह खुद को तेहरान का रहने वाला बता रहा है.
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ईरानी पासपोर्ट बरामद
रक्सौल के सहायक आव्रजन अधिकारी प्रेम कुमार सिंह के अनुसार पूछताछ के दौरान अकबरी ने बताया कि वह फिलहाल बोधगया में रह रहा था. उन्होंने बताया कि विदेशी नागरिक के पास से ईरानी पासपोर्ट बरामद किया गया है. उस पर जारी करने की तिथि 22 जून, 2018 और उसकी समाप्ति 22 जून, 2023 अंकित है.
उसके पास से संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) का कार्ड भी मिला है, जिसकी वैधता 13 जून, 2020 है. उस पर पता लेवल-2 नंबर-20, सोनबोल-2, गली-अमीर कबीर, ब्यूलवर्ड, वारैंन शहर राजाकरन केराज, तेहरान, ईरान लिखा हुआ है. उन्होंने बताया कि खुफिया एजेंसी के अधिकारी भी गिरफ्तार विदेशी नागरिक से पूछताछ कर रहे हैं. पूछताछ के दौरान उसने स्वीकार किया है कि वह 11 सालों से भारत में रह रहा है.