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पृथ्वीराज चव्हाण से विशेष साक्षात्कार- 'बेहतर होता यदि हम NCP के साथ मिलकर रैलियां करते'

महाराष्ट्र चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के साथ समझौता किया है. इसके बावजूद दोनों पार्टियां एक साथ चुनावी रैलियां आयोजित नहीं कर पा रही हैं. पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण ने ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत में कांग्रेस पार्टी की चुनावी संभावनाओं पर विस्तार से बातचीत की है. जानें, क्या कहा उन्होंने.

पृथ्वीराज चौहान.
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Published : Oct 15, 2019, 7:11 PM IST

Updated : Oct 16, 2019, 2:51 AM IST

1. कांग्रेस के जीतने की कितनी संभावना है, खासकर तब जबकि हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी को 48 में से सिर्फ एक सीट ही मिली थी.

2019 का लोकसभा चुनाव राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रीयता के मुद्दे पर लड़ा गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों को ये विश्वास दिलाने में सफल रहे कि उन्होंने पाकिस्तान का मुद्दा बेहतर तरीके से संभाला है. हकीकत ये है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गंधी ने 1971 में पाकिस्तान को निर्णायक तरीके से हराया था और बांग्लादेश बनाकर उनके दो टुकड़े कर दिए थे. अब वो पीढ़ी रही नहीं. नई पीढ़ी हमारे सामने है. विधानसभा का यह चुनाव स्थानीय मुद्दों पर लड़ा जाएगा.

2. क्या चनाव से पूर्व बना गठबंधन कांग्रेस के लिए लाभकारी होगा ?

पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन नहीं था. इस बार हमने कई समान विचारधारा वाले दलों के साथ मजबूत साझेदारी की है. साथ ही प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन आघाडी पार्टी और एआईएमआईएम भी हमारा वोट नहीं काटेंगे क्योंकि 2014 के चुनाव में इन दोनों पार्टियों से गठबंधन किया था. इस बार दोनों अलग-अलग चुनाव लड़ रही हैं. प्रकाश आंबेडकर से हमे इस बार नुकसान नहीं पहुंचेगा. मेरी राय में लोकसभा चुनाव के मुकाबले कांग्रेस बेहतर करेगी. खासकर दक्षिण-पश्मिच और विदर्भ इलाके में.

3. कांग्रेस और एनसीपी ने इस बार संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया है. इसके बाद दोनों पार्टियों के एक होने की खबरें आने लगी हैं. इस पर आप क्या कहेंगे.

यह तो सिर्फ बाते हैं. विलय के मुद्दे पर कोई गंभीर चर्चा चुनाव के बाद ही होगी और बहुत कुछ चुनाव परिणाम पर निर्भर करेगा. मुख्य बात यह है कि क्या नेतृत्व के मुद्दे को हल किया जा सकता है. नेतृत्व का मुद्दा अनसुलझा हुआ है. एनसीपी केवल नेतृत्व के मुद्दे पर ही कांग्रेस से अलग हो गई थी.

4. आप को क्या लगता है, इसबार कितनी सीटें कांग्रेस के खाते में जाने वाली हैं?

अनुमान के आधार पर जवाब देना नहीं चाहता हूं.

5. कांग्रेस चुनाव प्रचार इस बार किन अहम मुद्दों पर केंद्रित हैं?

भाजपा सरकार की विफलता, बेरोजगारी, भारी कृषि संकट, किसानों का लगातार आत्महत्या करना, गिरता हुआ निर्यात, विकास दर में कमी और फडणवीस सरकार में हुए भ्रष्टाचार और घोटाले पर हमारा अभियान मुख्य रूप से केंद्रित है. भाजपा स्थानीय मुद्दों से भाग रही है और जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के मुद्दे को बार-बार हवा दे रही है. हालांकि, इस कदम की वैधता उच्चतम न्यायालय की एक संवैधानिक पीठ के समक्ष लंबित है. हम बुनियादी मुद्दे, जैसी रोटी-पानी को आधार बना रहे हैं, लेकिन भाजपा भावनात्मक मुद्दों को उठाने की कोशिश कर रही है.

6. राहुल गांधी राज्य के कई क्षेत्रों में प्रचार कर रहे हैं, क्या सोनिया गंधी भी प्रचार करने महाराष्ट्र आएंगी?

मुझे व्यक्तिगत रूप से संदेह है क्योंकि उन्होंने कहा कि उन्हे कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं और वह यात्रा नहीं कर सकतीं.

7. राज्य और मुंबई में कांग्रेसी नेताओं के बीच पैदा हो रहे आंतरिक मतभेद पर आप क्या कहना चाहेंगे?

मुझे नहीं लगता कि कोई गंभीर मतभेद हैं.

8. मुंबई में विधानसभा क्षेत्रों पर जीत हासिल करने के लिए क्या कोई खास योजना है?

हमें रैलियों में ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाना होगा, लेकिन वर्तमान परिस्थिति बदल गई है और रैलियां चुनावी प्रचार का महज एक हिस्सा बन कर रह गई हैं. ये बेहतर होता कि हम एनसीपी के साथ संयुक्त रैलियां करते. ऐसे में दोनों ही पार्टियां लोगों के बीच अपना पक्ष रख सकतीं.

9. आपको क्या लगता है कि आपका मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यकाल मतदाताओं को संदेश देने के लिए किस हद तक इस्तेमाल किया जा सकता है ?

मराठा और मुस्लिम आरक्षण, शासन प्रबंधन में सुधार, गरीबों और महिलाओं को सशक्त करना मेरे कार्यकाल के मुख्य बिंदु रहे हैं. ये सभी बातें हम अपने मतदाताओं तक पहुंचा रहे हैं.

10. क्या राहुल गांधी को लोकसभा चुनाव से पहले न्यूनतम आय गारंटी योजना एनवाईएवाई की सलाह देने वाले अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी को नोबेल पुरस्कार दिया जाना, उनके प्रयासों को प्रमाणित करता है ?

बहरहाल, कोई सलाह देना और पुरस्कार जीतना, दो अलग चीजें हैं. कोई योजना अच्छी है या नहीं यह केवल तभी पता चलता है, जब इसे लागू किया जाता है और इसके लिए हमें सत्ता में रहना आवश्यक है.

नोट- (साक्षात्कार अमित अग्निहोत्री ने ली है)

1. कांग्रेस के जीतने की कितनी संभावना है, खासकर तब जबकि हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी को 48 में से सिर्फ एक सीट ही मिली थी.

2019 का लोकसभा चुनाव राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रीयता के मुद्दे पर लड़ा गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों को ये विश्वास दिलाने में सफल रहे कि उन्होंने पाकिस्तान का मुद्दा बेहतर तरीके से संभाला है. हकीकत ये है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गंधी ने 1971 में पाकिस्तान को निर्णायक तरीके से हराया था और बांग्लादेश बनाकर उनके दो टुकड़े कर दिए थे. अब वो पीढ़ी रही नहीं. नई पीढ़ी हमारे सामने है. विधानसभा का यह चुनाव स्थानीय मुद्दों पर लड़ा जाएगा.

2. क्या चनाव से पूर्व बना गठबंधन कांग्रेस के लिए लाभकारी होगा ?

पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन नहीं था. इस बार हमने कई समान विचारधारा वाले दलों के साथ मजबूत साझेदारी की है. साथ ही प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन आघाडी पार्टी और एआईएमआईएम भी हमारा वोट नहीं काटेंगे क्योंकि 2014 के चुनाव में इन दोनों पार्टियों से गठबंधन किया था. इस बार दोनों अलग-अलग चुनाव लड़ रही हैं. प्रकाश आंबेडकर से हमे इस बार नुकसान नहीं पहुंचेगा. मेरी राय में लोकसभा चुनाव के मुकाबले कांग्रेस बेहतर करेगी. खासकर दक्षिण-पश्मिच और विदर्भ इलाके में.

3. कांग्रेस और एनसीपी ने इस बार संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया है. इसके बाद दोनों पार्टियों के एक होने की खबरें आने लगी हैं. इस पर आप क्या कहेंगे.

यह तो सिर्फ बाते हैं. विलय के मुद्दे पर कोई गंभीर चर्चा चुनाव के बाद ही होगी और बहुत कुछ चुनाव परिणाम पर निर्भर करेगा. मुख्य बात यह है कि क्या नेतृत्व के मुद्दे को हल किया जा सकता है. नेतृत्व का मुद्दा अनसुलझा हुआ है. एनसीपी केवल नेतृत्व के मुद्दे पर ही कांग्रेस से अलग हो गई थी.

4. आप को क्या लगता है, इसबार कितनी सीटें कांग्रेस के खाते में जाने वाली हैं?

अनुमान के आधार पर जवाब देना नहीं चाहता हूं.

5. कांग्रेस चुनाव प्रचार इस बार किन अहम मुद्दों पर केंद्रित हैं?

भाजपा सरकार की विफलता, बेरोजगारी, भारी कृषि संकट, किसानों का लगातार आत्महत्या करना, गिरता हुआ निर्यात, विकास दर में कमी और फडणवीस सरकार में हुए भ्रष्टाचार और घोटाले पर हमारा अभियान मुख्य रूप से केंद्रित है. भाजपा स्थानीय मुद्दों से भाग रही है और जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के मुद्दे को बार-बार हवा दे रही है. हालांकि, इस कदम की वैधता उच्चतम न्यायालय की एक संवैधानिक पीठ के समक्ष लंबित है. हम बुनियादी मुद्दे, जैसी रोटी-पानी को आधार बना रहे हैं, लेकिन भाजपा भावनात्मक मुद्दों को उठाने की कोशिश कर रही है.

6. राहुल गांधी राज्य के कई क्षेत्रों में प्रचार कर रहे हैं, क्या सोनिया गंधी भी प्रचार करने महाराष्ट्र आएंगी?

मुझे व्यक्तिगत रूप से संदेह है क्योंकि उन्होंने कहा कि उन्हे कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं और वह यात्रा नहीं कर सकतीं.

7. राज्य और मुंबई में कांग्रेसी नेताओं के बीच पैदा हो रहे आंतरिक मतभेद पर आप क्या कहना चाहेंगे?

मुझे नहीं लगता कि कोई गंभीर मतभेद हैं.

8. मुंबई में विधानसभा क्षेत्रों पर जीत हासिल करने के लिए क्या कोई खास योजना है?

हमें रैलियों में ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाना होगा, लेकिन वर्तमान परिस्थिति बदल गई है और रैलियां चुनावी प्रचार का महज एक हिस्सा बन कर रह गई हैं. ये बेहतर होता कि हम एनसीपी के साथ संयुक्त रैलियां करते. ऐसे में दोनों ही पार्टियां लोगों के बीच अपना पक्ष रख सकतीं.

9. आपको क्या लगता है कि आपका मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यकाल मतदाताओं को संदेश देने के लिए किस हद तक इस्तेमाल किया जा सकता है ?

मराठा और मुस्लिम आरक्षण, शासन प्रबंधन में सुधार, गरीबों और महिलाओं को सशक्त करना मेरे कार्यकाल के मुख्य बिंदु रहे हैं. ये सभी बातें हम अपने मतदाताओं तक पहुंचा रहे हैं.

10. क्या राहुल गांधी को लोकसभा चुनाव से पहले न्यूनतम आय गारंटी योजना एनवाईएवाई की सलाह देने वाले अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी को नोबेल पुरस्कार दिया जाना, उनके प्रयासों को प्रमाणित करता है ?

बहरहाल, कोई सलाह देना और पुरस्कार जीतना, दो अलग चीजें हैं. कोई योजना अच्छी है या नहीं यह केवल तभी पता चलता है, जब इसे लागू किया जाता है और इसके लिए हमें सत्ता में रहना आवश्यक है.

नोट- (साक्षात्कार अमित अग्निहोत्री ने ली है)

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Last Updated : Oct 16, 2019, 2:51 AM IST
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