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कोरोना के खिलाफ भारत की डिजिटल लड़ाई में आरोग्य सेतु ऐप की अहम भूमिका - एनआईसी

राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) की महानिदेशक डॉ नीता वर्मा से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने आरोग्य सेतु ऐप से संबंधित अपने कई विचार साझा किए. पढ़ें पूरी खबर...

interview of nic dg neeta verma on aarogya setu app
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Published : May 25, 2020, 10:40 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) की महानिदेशक डॉ नीता वर्मा से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने आरोग्य सेतु ऐप से संबंधित अपने कई विचार साझा किए.

उन्होंने कहा कि आरोग्य सेतु ऐप ने इस कोरोना महामारी के खिलाफ भारत की डिजिटल लड़ाई में अहम भूमिका निभाई है.

उन्होंने कहा कि नागरिक इस ऐप को कोरोना संक्रमित होने की अपनी संभावनाओं का आकलन करने के लिए आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं. आरोग्य सेतु ऐप एक राज्य के लिए कोविड-19 के खिलाफ लड़ने की एक तकनीकी कला है.

भारत भर में लगभग 110 मिलियन से अधिक लोगों ने आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड किया है. वास्तव में केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों ने भी कहा है कि यात्रा के दौरान लोगों के लिए आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना अनिवार्य है.

डॉ नीता वर्मा से ईटीवी भारत की बातचीत

इस मोबाइल ऐप्लिकेशन को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय व एनआईसी द्वारा कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए विकसित किया गया है.

वर्मा ने कहा कि ऐप द्वारा एकत्र किया गया डाटा एन्क्रिप्ट होता है और इसका इस्तेमाल चिकित्सक सुविधाएं देने के लिए किया जाता है.

उन्होंने कहा कि लोग भी आरोग्य सेतु ऐप के महत्व को समझते हैं और इसीलिए अधिक से अधिक लोग यह ऐप डाउनलोड कर रहे हैं. आरोग्य सेतु आईओएस और एंड्रॉइड दोनों पर उपलब्ध है. वर्तमान में यह ऐप 12 भाषाओं में उपलब्ध है.

अधिक जानकारी देते हुए वर्मा ने कहा कि उपयोगकर्ताओं को नेटवर्क पर पंजीकृत होने के लिए अपना जियोडाटा जमा करना होता है और ब्लूटूथ को ऑन रखना पड़ता है.

वर्मा ने कहा, 'एकत्र किए गए डेटा का विश्लेषण किया जाता है कि क्या उपयोगकर्ता किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आया है, जो वायरस संक्रमण के लिए सकारात्मक पाया गया हो.'

दिलचस्प बात यह है कि केवल 24 प्रतिशत भारतीय ही आज स्मार्ट फोन का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन सरकार ने इससे निपटने के लिए एक टोल फ्री आईवीआर आधारित 1921 नंबर लॉन्च किया है, जो लैंडलाइन उपयोगकर्ताओं को भी कोविड-19 से लड़ने में मदद कर सकता है.

नई दिल्ली : राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) की महानिदेशक डॉ नीता वर्मा से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने आरोग्य सेतु ऐप से संबंधित अपने कई विचार साझा किए.

उन्होंने कहा कि आरोग्य सेतु ऐप ने इस कोरोना महामारी के खिलाफ भारत की डिजिटल लड़ाई में अहम भूमिका निभाई है.

उन्होंने कहा कि नागरिक इस ऐप को कोरोना संक्रमित होने की अपनी संभावनाओं का आकलन करने के लिए आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं. आरोग्य सेतु ऐप एक राज्य के लिए कोविड-19 के खिलाफ लड़ने की एक तकनीकी कला है.

भारत भर में लगभग 110 मिलियन से अधिक लोगों ने आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड किया है. वास्तव में केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों ने भी कहा है कि यात्रा के दौरान लोगों के लिए आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना अनिवार्य है.

डॉ नीता वर्मा से ईटीवी भारत की बातचीत

इस मोबाइल ऐप्लिकेशन को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय व एनआईसी द्वारा कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए विकसित किया गया है.

वर्मा ने कहा कि ऐप द्वारा एकत्र किया गया डाटा एन्क्रिप्ट होता है और इसका इस्तेमाल चिकित्सक सुविधाएं देने के लिए किया जाता है.

उन्होंने कहा कि लोग भी आरोग्य सेतु ऐप के महत्व को समझते हैं और इसीलिए अधिक से अधिक लोग यह ऐप डाउनलोड कर रहे हैं. आरोग्य सेतु आईओएस और एंड्रॉइड दोनों पर उपलब्ध है. वर्तमान में यह ऐप 12 भाषाओं में उपलब्ध है.

अधिक जानकारी देते हुए वर्मा ने कहा कि उपयोगकर्ताओं को नेटवर्क पर पंजीकृत होने के लिए अपना जियोडाटा जमा करना होता है और ब्लूटूथ को ऑन रखना पड़ता है.

वर्मा ने कहा, 'एकत्र किए गए डेटा का विश्लेषण किया जाता है कि क्या उपयोगकर्ता किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आया है, जो वायरस संक्रमण के लिए सकारात्मक पाया गया हो.'

दिलचस्प बात यह है कि केवल 24 प्रतिशत भारतीय ही आज स्मार्ट फोन का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन सरकार ने इससे निपटने के लिए एक टोल फ्री आईवीआर आधारित 1921 नंबर लॉन्च किया है, जो लैंडलाइन उपयोगकर्ताओं को भी कोविड-19 से लड़ने में मदद कर सकता है.

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