ETV Bharat / bharat

दिल्ली कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा से ईटीवी भारत की खास बातचीत

author img

By

Published : Jan 28, 2020, 11:27 AM IST

Updated : Feb 28, 2020, 6:27 AM IST

दिल्ली विधानसभा चुनावों की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. इस बीच ईटीवी के लिए वरिष्ठ पत्रकार अमित अग्निहोत्री ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा से खास बातचीत की. इस दौरान सुभाष ने विधानसभा चुनावों से जुड़े तमाम सवालों के जवाब दिए. आइए इस पर डालते हैं एक नजर...

interview-of-delhi-congress-president-subhash-chopra-by-amit-agnihotri
दिल्ली कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा

नई दिल्ली : दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों पर खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस की संभावनाओं को लेकर अपने आकलन पर भी चर्चा की. पढ़ें सुभाष चोपड़ा से हुए सवालों और जवाबों का सिलसिला...

सवाल- 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की संभावनाओं के बारे में आपका क्या आकलन है ? हालांकि, 2015 में पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली थी.
जवाब- यह कांग्रेस पार्टी के लिए एक वापसी चुनाव साबित होगा.

सवाल- आपके दावे का आधार क्या है?
जवाब- मैं आपको दिल्ली में 2013 के विधानसभा चुनावों में वापस ले जाऊंगा. 2013 का चुनाव अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन और जन लोकपाल बिल की मांग की पृष्ठभूमि में कराए गए थे. हर कोई चाहता था कि एक जन लोकपाल हो. लेकिन पिछले साढ़े छह साल में क्या हुआ? दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उस मुद्दे पर क्या किया है? उन्होंने कुछ नहीं किया है. इसके बजाय, वह इन सभी वर्षों से यह आरोप लगा रहे हैं कि केंद्र सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल उसे काम नहीं करने दे रहे.

सवाल- इस बार आपका मुख्य प्रतिद्वंद्वी कौन है, केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी या दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार?
जवाब- हमारे लिए दोनों एक ही तरह के हैं. देर से ही सही, लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भाजपा के भाई की तरह व्यवहार करना शुरू कर दिया है.

सवाल- आप केजरीवाल पर लगाए अपने आरोप के समर्थन में क्या कहेंगे ?
जवाब- पिछले साल हरियाणा में भाजपा और जननायक जनता पार्टी के बीच गठबंधन सरकार बनी. इस गठबंधन के लिए जिम्मेदार व्यक्ति केजरीवाल ही हैं.

जेजेपी प्रमुख दुष्यंत चौटाला पहले केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के साथ थे, दिल्ली सरकार ने दुष्यंत के पिता अजय चौटाला को बिना किसी नियम का पालन किए आधी रात को तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया. जेल मैनुअल में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि फाइल को राज्य के गृह विभाग के माध्यम से आगे भेजा जाना था. और यदि इस मामले में, दिल्ली के गृह मंत्री ने कहा कि उन्हें जानकारी नहीं है, तो मुझे लगता है कि उन्हें सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है.

सवाल- कांग्रेस का अभियान मुख्य रूप से तीन बार मुख्यमंत्री रह चुकीं स्वर्गीय शीला दीक्षित की विरासत पर आधारित है. क्या आप तीन कारण बता सकते हैं कि दिल्ली की जनता आपकी पार्टी को वोट क्यों देगी?
जवाब- छात्र देश के भविष्य हैं. वे नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध कर रहे थे और पुलिस द्वारा उन्हें बेरहमी से पीटा गया. पुलिस द्वारा जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय और जेएनयू के छात्रों के साथ अलग-अलग मानक अपनाए गए. जामिया में पुलिस बिना अनुमति के गई थी. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ हुई घटना में पुलिस ने परिसर में प्रवेश करने का इंतजार किया. इसी बीच कुछ लोगों ने बर्बरतापूर्ण तरीके से कैंपस में उत्पात किया.

मुख्यमंत्री लोगों की सुरक्षा के लिए चुना जाता है. पुलिस की कार्रवाई के दौरान मुख्यमंत्री क्या कर रहे थे? एक सरकार जो असहाय छात्रों को बचा नहीं सकती, उसे सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है. केजरीवाल को वहां होना चाहिए था और छात्रों के हितों को देखना चाहिए था.

ये भी पढ़ें : NPR पर शाह ने दी सफाई, यहां देखें पूरा इंटरव्यू

कुछ और मुद्दे हैं. जैसे, दिल्ली में प्रदूषण कम करने के मुख्यमंत्री के दावों का क्या हुआ ? शहर में पिछले साल सांस की बीमारियों के कारण प्रति दिन 58 लोगों की मौत हुई. प्याज की कीमतों में उछाल आया. ये मुद्दे मायने रखते हैं.

ऐसी सरकार जो लोगों को साफ पानी और हवा नहीं दे सकती और खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित नहीं कर सकती, उन्हें शासन का कोई अधिकार नहीं है. इसलिए हम चुनाव लड़ रहे हैं. हम केवल यह नहीं कह रहे हैं कि उन्होंने कुछ नहीं किया है, हम अपना दृष्टिकोण भी दे रहे हैं.

सवाल- लेकिन आप का दावा है वह दिल्ली में लोगों तक सस्ती बिजली पहुंचाएगी, इस पर आपका क्या कहना है...
जवाब- सस्ती बिजली देने का दावा करना गलत है. मुख्यमंत्री ने 200 यूनिट बिजली मुफ्त देने की घोषणा की है. हमने 600 यूनिट बिजली में राहत देने की घोषणा की है. उन्होंने वादा किया था कि ट्रांसकोस के माध्यम से सब्सिडी दी जाएगी फिर उन्होंने राज्य निजी कंपनियों के हवाले क्यों किया?
हमने छोटे दुकानदारों से वादा किया है कि छोटे वह 200 यूनिट तक बिजली पर कोई वाणिज्यिक शुल्क नहीं देंगे. हम किसानों को ट्यूब वेल चलाने के लिए मुफ्त बिजली देंगे. आज दिल्ली को इन्हीं सबकी जरूरत है. हम झूठे वादे नहीं करते. अगर हमने कहा है कि हम करेंगे तो मतलब हम करेंगे, जैसे की हम पहले भी कर चुके हैं.

एक समय था जब दिल्ली में पानी और बिजली नहीं था और लोग राष्ट्रीय राजधानी में आने से डरते थे. किसने दिल्ली को फ्लाईओवर और मेट्रो का दिया, किसने सीएनजी की शुरुआत की, अस्पतालों, स्कूलों और पांच विश्वविद्यालयों का निर्माण किसने किया? हमने दिल्ली को दुनिया की सबसे अच्छी राजधानी बनाया. यह कांग्रेस सरकार ने किया.

सवाल- कांग्रेस नागरिकता संशोधन अधिनियम का देशव्यापी विरोध कर रही है. आपने केजरीवाल पर सीएए के विरोध से बचने का आरोप लगाया. क्या यह भी दिल्ली चुनाव का मुद्दा है?
जवाब- सीएए एक राष्ट्रीय मुद्दा है और निश्चित रूप से दिल्ली में भी इसका प्रभाव पड़ेगा. सीएए एक विशेष समुदाय से संबंधित नहीं है, यह सभी नागरिकों के लिए चिंता का विषय है और प्रत्येक नागरिक को कानून के खिलाफ विरोध करने का अधिकार है. लेकिन जैसे दिल्ली छात्रों को पीटा गया, वैसे उनकी पिटाई नहीं की जा सकती.

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया हाल ही में सीएए के विरोध में सामने आए. लेकिन इससे एक महीने पहले तक जब छात्र सड़कों पर विरोध कर रहे थे और उनकी पिटाई की जा रही थी तब दिल्ली सीएम ने इसके प्रति कोई सहानुभूति नहीं दिखाई. जबकि हम प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ बराबरी से खड़े रहे और अब यही छात्र केजरीवाल को सबक सिखाएंगे.

सवाल- आपको क्या लगता है कि केंद्र सरकार सीएए क्यों लाई है?
जवाब- भाजपा सरकार सीएए को अपनी आर्थिक विफलताओं से ध्यान हटाने और देश में युवाओं को नौकरियां न देने पाने की अपनी असमर्थता को छुपाने के लिए लाई है. हमने संसद के अंदर और बाहर सीएए का विरोध किया. लेकिन हमने हमेशा शांतिपूर्ण विरोध का समर्थन किया है क्योंकि हम मानते हैं कि किसी भी आंदोलन में हिंसा की कोई जगह नहीं है.

मुझे उन महिलाओं पर गर्व है जो शाहीन बाग में बैठकर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. वह अपने बच्चों के समर्थन में सामने आईं हैं. मैं उन महिलाओं को नमन करता हूं.

नई दिल्ली : दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों पर खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस की संभावनाओं को लेकर अपने आकलन पर भी चर्चा की. पढ़ें सुभाष चोपड़ा से हुए सवालों और जवाबों का सिलसिला...

सवाल- 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की संभावनाओं के बारे में आपका क्या आकलन है ? हालांकि, 2015 में पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली थी.
जवाब- यह कांग्रेस पार्टी के लिए एक वापसी चुनाव साबित होगा.

सवाल- आपके दावे का आधार क्या है?
जवाब- मैं आपको दिल्ली में 2013 के विधानसभा चुनावों में वापस ले जाऊंगा. 2013 का चुनाव अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन और जन लोकपाल बिल की मांग की पृष्ठभूमि में कराए गए थे. हर कोई चाहता था कि एक जन लोकपाल हो. लेकिन पिछले साढ़े छह साल में क्या हुआ? दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उस मुद्दे पर क्या किया है? उन्होंने कुछ नहीं किया है. इसके बजाय, वह इन सभी वर्षों से यह आरोप लगा रहे हैं कि केंद्र सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल उसे काम नहीं करने दे रहे.

सवाल- इस बार आपका मुख्य प्रतिद्वंद्वी कौन है, केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी या दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार?
जवाब- हमारे लिए दोनों एक ही तरह के हैं. देर से ही सही, लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भाजपा के भाई की तरह व्यवहार करना शुरू कर दिया है.

सवाल- आप केजरीवाल पर लगाए अपने आरोप के समर्थन में क्या कहेंगे ?
जवाब- पिछले साल हरियाणा में भाजपा और जननायक जनता पार्टी के बीच गठबंधन सरकार बनी. इस गठबंधन के लिए जिम्मेदार व्यक्ति केजरीवाल ही हैं.

जेजेपी प्रमुख दुष्यंत चौटाला पहले केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के साथ थे, दिल्ली सरकार ने दुष्यंत के पिता अजय चौटाला को बिना किसी नियम का पालन किए आधी रात को तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया. जेल मैनुअल में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि फाइल को राज्य के गृह विभाग के माध्यम से आगे भेजा जाना था. और यदि इस मामले में, दिल्ली के गृह मंत्री ने कहा कि उन्हें जानकारी नहीं है, तो मुझे लगता है कि उन्हें सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है.

सवाल- कांग्रेस का अभियान मुख्य रूप से तीन बार मुख्यमंत्री रह चुकीं स्वर्गीय शीला दीक्षित की विरासत पर आधारित है. क्या आप तीन कारण बता सकते हैं कि दिल्ली की जनता आपकी पार्टी को वोट क्यों देगी?
जवाब- छात्र देश के भविष्य हैं. वे नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध कर रहे थे और पुलिस द्वारा उन्हें बेरहमी से पीटा गया. पुलिस द्वारा जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय और जेएनयू के छात्रों के साथ अलग-अलग मानक अपनाए गए. जामिया में पुलिस बिना अनुमति के गई थी. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ हुई घटना में पुलिस ने परिसर में प्रवेश करने का इंतजार किया. इसी बीच कुछ लोगों ने बर्बरतापूर्ण तरीके से कैंपस में उत्पात किया.

मुख्यमंत्री लोगों की सुरक्षा के लिए चुना जाता है. पुलिस की कार्रवाई के दौरान मुख्यमंत्री क्या कर रहे थे? एक सरकार जो असहाय छात्रों को बचा नहीं सकती, उसे सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है. केजरीवाल को वहां होना चाहिए था और छात्रों के हितों को देखना चाहिए था.

ये भी पढ़ें : NPR पर शाह ने दी सफाई, यहां देखें पूरा इंटरव्यू

कुछ और मुद्दे हैं. जैसे, दिल्ली में प्रदूषण कम करने के मुख्यमंत्री के दावों का क्या हुआ ? शहर में पिछले साल सांस की बीमारियों के कारण प्रति दिन 58 लोगों की मौत हुई. प्याज की कीमतों में उछाल आया. ये मुद्दे मायने रखते हैं.

ऐसी सरकार जो लोगों को साफ पानी और हवा नहीं दे सकती और खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित नहीं कर सकती, उन्हें शासन का कोई अधिकार नहीं है. इसलिए हम चुनाव लड़ रहे हैं. हम केवल यह नहीं कह रहे हैं कि उन्होंने कुछ नहीं किया है, हम अपना दृष्टिकोण भी दे रहे हैं.

सवाल- लेकिन आप का दावा है वह दिल्ली में लोगों तक सस्ती बिजली पहुंचाएगी, इस पर आपका क्या कहना है...
जवाब- सस्ती बिजली देने का दावा करना गलत है. मुख्यमंत्री ने 200 यूनिट बिजली मुफ्त देने की घोषणा की है. हमने 600 यूनिट बिजली में राहत देने की घोषणा की है. उन्होंने वादा किया था कि ट्रांसकोस के माध्यम से सब्सिडी दी जाएगी फिर उन्होंने राज्य निजी कंपनियों के हवाले क्यों किया?
हमने छोटे दुकानदारों से वादा किया है कि छोटे वह 200 यूनिट तक बिजली पर कोई वाणिज्यिक शुल्क नहीं देंगे. हम किसानों को ट्यूब वेल चलाने के लिए मुफ्त बिजली देंगे. आज दिल्ली को इन्हीं सबकी जरूरत है. हम झूठे वादे नहीं करते. अगर हमने कहा है कि हम करेंगे तो मतलब हम करेंगे, जैसे की हम पहले भी कर चुके हैं.

एक समय था जब दिल्ली में पानी और बिजली नहीं था और लोग राष्ट्रीय राजधानी में आने से डरते थे. किसने दिल्ली को फ्लाईओवर और मेट्रो का दिया, किसने सीएनजी की शुरुआत की, अस्पतालों, स्कूलों और पांच विश्वविद्यालयों का निर्माण किसने किया? हमने दिल्ली को दुनिया की सबसे अच्छी राजधानी बनाया. यह कांग्रेस सरकार ने किया.

सवाल- कांग्रेस नागरिकता संशोधन अधिनियम का देशव्यापी विरोध कर रही है. आपने केजरीवाल पर सीएए के विरोध से बचने का आरोप लगाया. क्या यह भी दिल्ली चुनाव का मुद्दा है?
जवाब- सीएए एक राष्ट्रीय मुद्दा है और निश्चित रूप से दिल्ली में भी इसका प्रभाव पड़ेगा. सीएए एक विशेष समुदाय से संबंधित नहीं है, यह सभी नागरिकों के लिए चिंता का विषय है और प्रत्येक नागरिक को कानून के खिलाफ विरोध करने का अधिकार है. लेकिन जैसे दिल्ली छात्रों को पीटा गया, वैसे उनकी पिटाई नहीं की जा सकती.

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया हाल ही में सीएए के विरोध में सामने आए. लेकिन इससे एक महीने पहले तक जब छात्र सड़कों पर विरोध कर रहे थे और उनकी पिटाई की जा रही थी तब दिल्ली सीएम ने इसके प्रति कोई सहानुभूति नहीं दिखाई. जबकि हम प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ बराबरी से खड़े रहे और अब यही छात्र केजरीवाल को सबक सिखाएंगे.

सवाल- आपको क्या लगता है कि केंद्र सरकार सीएए क्यों लाई है?
जवाब- भाजपा सरकार सीएए को अपनी आर्थिक विफलताओं से ध्यान हटाने और देश में युवाओं को नौकरियां न देने पाने की अपनी असमर्थता को छुपाने के लिए लाई है. हमने संसद के अंदर और बाहर सीएए का विरोध किया. लेकिन हमने हमेशा शांतिपूर्ण विरोध का समर्थन किया है क्योंकि हम मानते हैं कि किसी भी आंदोलन में हिंसा की कोई जगह नहीं है.

मुझे उन महिलाओं पर गर्व है जो शाहीन बाग में बैठकर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. वह अपने बच्चों के समर्थन में सामने आईं हैं. मैं उन महिलाओं को नमन करता हूं.

Intro:Body:

By Amit Agnihotri



New Delhi, Jan 27

 

What is your assessment of the Congress prospects in the 2020 Delhi assembly elections given the party could not win a single seat of the total 70 in the 2015 polls?



Well, this will prove to be a comeback election for the Congress party.





What is the basis of your claim?



Let me take you back to the 2013 assembly elections in Delhi which took place in the backdrop of activist Anna Hazare’s anti-corruption movement and a demand for the Jan Lokpal Bill to curb the menace. Everyone wanted that there should be a Jan Lokpal. But what happened in the last six and a half years? What has the chief minister of Delhi Arvind Kejriwal done on that issue? He has done nothing. Instead, he has been accusing all these years that the central government and the Lieutenant Governor of Delhi were not letting him work.





So who is your main opponent this time, the Bharatiya Janata Party ruling the centre or the Aam Aadmi Party government in Delhi?



For us both are hand in glove. Of late, Delhi chief minister Arvind Kejriwal has started behaving like a real brother of the BJP.



How do you support the charge?



Look, Kejriwal is the person responsible for the formation of BJP-Jannayak Janata Party alliance government in Haryana last year. Because JJP chief Dushyant Chautala was in league with Kejriwal’s Aam Aadmi Party earlier, the Delhi government released Dushyant’s father Ajay  Chautala from Tihar jail at midnight with following any rules. The jail manual clearly mentions that the file had to be routed through the state home department and if, in this case, the Delhi home minister said he was not aware, I think they have no right to be power.



The Congress campaign is harping mainly on the legacy for three-term former chief minister late Sheila Dikshit. Can you list three reasons why the people of Delhi will vote for your party?



The students are future of the country. They were protesting against the Citizenship Amendment Act and were beaten up brutally by the police. There were different standards adopted by the police with the students of Jamia Milia Islamia University where they barged in without permission and the students of Jawaharlal Nehru University, where the police waited to enter the gates as some vandalised the campus. A chief minister is elected to protect people. What was the chief minister doing then? A government which can’t save the hapless students has no right to be in power. He (Kejriwal) should have been there and watched their (students’) interest. Further, what happened to the chief minister’s claims of reducing pollution in Delhi. As many as 58 persons died per day due to respiratory diseases last year in the city. See the high onion prices. These issues do matter. A government which can’t give clean water and air to the people and check rising prices of food items has no right to be there. That’s why we are fighting the polls. We are giving our viewpoint and not merely saying he has done nothing.



But the AAP claims to have provided cheap power to residents. Your comments!



Cheap power is a false claim. The chief minister announced 200 units free. We have announced relief to the tune of 600 units. He had promised subsidy will be routed through Transcos. Why did he give state to private companies? It could have been routed through the consumer. We have promised small shop keepers will pay no commercial charges till 200 units. We will give free power to farmers for running tube wells. These things are needed in Delhi. We don’t give false promises. If we say, we do it. And we have done it earlier. There was a time when there was no water and power and people were scared of coming to the national capital. Who created the flyovers and the metro, who introduced CNG, who built hospitals, schools and 5 universities? We made Delhi the best capital in the world. It was the creation of Congress government. If people bless us, we will again make it the best city.



The Congress is protesting against the Citizenship Amendment Act nationwide. You have blamed Kejriwal of avoiding the CAA protests. Is this an issue in the Delhi elections as well?



The CAA is a national issue and, of course, it will have an impact in Delhi too. CAA is not concerning a particular community, it concerns all citizens and every citizen has a right to protest against the law. But they can’t be beaten up like students were in Delhi. Delhi deputy chief minister Manish Sisodia only recently came out against CAA. But for a month before that when the students were on the streets and were being beaten up, the Delhi CM showed no sympathy towards the cause. In comparison, we spent the night along with the protesting students. These students will teach Kejriwal a lesson.



Why do you think the centre brought the CAA?  



The BJP ruled centre brought the CAA to divert attention from its economic failures and inability to create jobs. We opposed CAA inside and outside parliament. But we have always supported peaceful protests. There is no place for violence in any movement. Otherwise it will be automatically defeated. I am proud of the ladies who are sitting at Shaheen Bagh. They came out in support of their children. We need such ladies. I bow my head before them.


Conclusion:
Last Updated : Feb 28, 2020, 6:27 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.