ETV Bharat / bharat

2023 तक 40 प्रतिशत इंटरनेट यूजर्स की संख्या में होगा इजाफा - mckinsey report

मैकिन्जी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 तक इंटरनेट यूजर्स की संख्या बढ़कर 40 प्रतिशत हो जाएगी. वहीं स्मार्टफोन रखने वालों की संख्या दोगुनी हो जाएगी.

इंटरनेट उपभोक्ताओं मे होगा इजाफा
author img

By

Published : Apr 25, 2019, 10:09 PM IST

नई दिल्लीः मैकिन्जी की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार के प्रयासों तथा रिलायंस जियो जैसी निजी कंपनियों के कारण देश में डेटा पिछले छः महीने में 95 प्रतिशत सस्ता हुआ है. इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. साथ ही इस दौरान स्मार्टफोन रखने वालों की संख्या भी दोगुनी हो जाएगी.

साल 2013 से अब तक डेटा की लागत 95 प्रतिशत घट चुकी है. मैकिन्जी ग्लोबल इंस्टिट्यूट ने ‘डिजिटल इंडिया-टेक्नोलॉजी टू ट्रांसफॉर्म ए कनेक्शन नेशन रिपोर्ट में कहा है कि देश में डेटा के लगातार सस्ता होने से इंटरनेट के उपभोक्ताओं की संख्या 2023 तक करीब 40 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत डिजिटल उपभोक्ताओं के लिये सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है, देश में 2018 तक इंटरनेट के 56 करोड़ यूजर्स थे जो कि सिर्फ चीन से कम है.

रिपोर्ट के मुताबिक मुख्य डिजिटल क्षेत्र 2025 तक दो गुना बढ़कर 355 से 435 अरब डॉलर हो जाएगा.

मैकिन्से ग्लोबल इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट ‘डिजिटल इंडिया-टेक्नॉलजी टु ट्रांसफॉर्म ए कनेक्शन नैशन में कहा कि भारत डिजिटल उपभोक्ताओं के लिये सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अर्थव्यवस्था को डिजिटल बनाने में मदद सरकार से मिली है.

देश का मुख्य डिजिटल क्षेत्र 2025 तक दोगुना बढ़कर 355 से 435 अरब डॉलर का हो जाएगा. भारत डिजिटल उपभोक्ताओं के लिये सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है. देश में 2018 तक इंटरनेट के 56 करोड़ उपयोक्ता थे जो कि सिर्फ चीन से कम हैं.

रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक देश में मोबाइल डेटा उपयोक्ता औसतन प्रति माह 8.30 जीबी डेटा का इस्तेमाल करते हैं। यह औसत चीन में 5.50 जीबी और दक्षिण कोरिया जैसे उन्नत डिजिटल बाजार में आठ से साढ़े आठ जीबी है.

17 परिपक्व और उभरते बाजारों के हमारे विश्लेषण से पता चला है कि भारत किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक तेजी से डिजिटल हो रहा है.

पढ़ेंः कतर में फंसी भारतीय नर्स, मां ने लगाई विदेश मंत्री से मदद की गुहार

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘निजी क्षेत्र के नवाचार ने लाखों उपभोक्ताओं तक इंटरनेट इनेबल्ड सेवाओं को पहुंचाने में मदद की है तथा ऑनलाइन सेवाओं के इस्तेमाल को अधिक सुलभ बनाया है. उदाहरण के लिये रिलायंस जियो द्वारा मोबाइल सेवाओं के साथ परोक्ष तौर पर मुफ्त स्मार्टफोन की पेशकश ने क्षेत्र में नवाचार तथा प्रतिस्पर्धी कीमत को बढ़ावा दिया".

इसका परिणाम हुआ कि प्रति उपयोक्ता मासिक मोबाइल डेटा खपत सालाना 152 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। यह दर अमेरिका और चीन की तुलना में दोगुना से भी अधिक है। फिक्स्ड लाइन की औसत डाउनलोड स्पीड भी इस कारण 2014 से 2017 के बीच चार गुना बढ़ी है

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 2023 तक इंटरनेट के उपयोक्ताओं की संख्या बढ़कर 83.50 करोड़ होने की क्षमता है. इसमें कहा गया, ‘‘भारत में इंटरनेट उपयोक्ताओं की संख्या करीब 40 प्रतिशत बढ़कर 2023 तक 75 से 80 करोड़ तक पहुंच जाएगी. इस दौरान स्मार्टफोनों की संख्या भी बढ़कर 65 से 70 करोड़ हो जाएगी.

रिपोर्ट के अनुसार देश में औसत सोशल मीडिया उपयोक्ता इन मंचों पर हर सप्ताह 17 घंटे व्यतीत करता है. यह चीन और अमेरिका की तुलना में अधिक है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि कम से कम एक डिजिटल लेन-देन खाता रखने वाले लोगों की संख्या 2011 के बाद से 80 प्रतिशत बढ़ी है. रिपोर्ट में इसका श्रेय सरकार की जन-धन योजना के तहत 33.20 करोड़ लोगों का मोबाइल आधारित बैंक खाता खोले जाने को दिया गया है.

नई दिल्लीः मैकिन्जी की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार के प्रयासों तथा रिलायंस जियो जैसी निजी कंपनियों के कारण देश में डेटा पिछले छः महीने में 95 प्रतिशत सस्ता हुआ है. इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. साथ ही इस दौरान स्मार्टफोन रखने वालों की संख्या भी दोगुनी हो जाएगी.

साल 2013 से अब तक डेटा की लागत 95 प्रतिशत घट चुकी है. मैकिन्जी ग्लोबल इंस्टिट्यूट ने ‘डिजिटल इंडिया-टेक्नोलॉजी टू ट्रांसफॉर्म ए कनेक्शन नेशन रिपोर्ट में कहा है कि देश में डेटा के लगातार सस्ता होने से इंटरनेट के उपभोक्ताओं की संख्या 2023 तक करीब 40 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत डिजिटल उपभोक्ताओं के लिये सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है, देश में 2018 तक इंटरनेट के 56 करोड़ यूजर्स थे जो कि सिर्फ चीन से कम है.

रिपोर्ट के मुताबिक मुख्य डिजिटल क्षेत्र 2025 तक दो गुना बढ़कर 355 से 435 अरब डॉलर हो जाएगा.

मैकिन्से ग्लोबल इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट ‘डिजिटल इंडिया-टेक्नॉलजी टु ट्रांसफॉर्म ए कनेक्शन नैशन में कहा कि भारत डिजिटल उपभोक्ताओं के लिये सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अर्थव्यवस्था को डिजिटल बनाने में मदद सरकार से मिली है.

देश का मुख्य डिजिटल क्षेत्र 2025 तक दोगुना बढ़कर 355 से 435 अरब डॉलर का हो जाएगा. भारत डिजिटल उपभोक्ताओं के लिये सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है. देश में 2018 तक इंटरनेट के 56 करोड़ उपयोक्ता थे जो कि सिर्फ चीन से कम हैं.

रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक देश में मोबाइल डेटा उपयोक्ता औसतन प्रति माह 8.30 जीबी डेटा का इस्तेमाल करते हैं। यह औसत चीन में 5.50 जीबी और दक्षिण कोरिया जैसे उन्नत डिजिटल बाजार में आठ से साढ़े आठ जीबी है.

17 परिपक्व और उभरते बाजारों के हमारे विश्लेषण से पता चला है कि भारत किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक तेजी से डिजिटल हो रहा है.

पढ़ेंः कतर में फंसी भारतीय नर्स, मां ने लगाई विदेश मंत्री से मदद की गुहार

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘निजी क्षेत्र के नवाचार ने लाखों उपभोक्ताओं तक इंटरनेट इनेबल्ड सेवाओं को पहुंचाने में मदद की है तथा ऑनलाइन सेवाओं के इस्तेमाल को अधिक सुलभ बनाया है. उदाहरण के लिये रिलायंस जियो द्वारा मोबाइल सेवाओं के साथ परोक्ष तौर पर मुफ्त स्मार्टफोन की पेशकश ने क्षेत्र में नवाचार तथा प्रतिस्पर्धी कीमत को बढ़ावा दिया".

इसका परिणाम हुआ कि प्रति उपयोक्ता मासिक मोबाइल डेटा खपत सालाना 152 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। यह दर अमेरिका और चीन की तुलना में दोगुना से भी अधिक है। फिक्स्ड लाइन की औसत डाउनलोड स्पीड भी इस कारण 2014 से 2017 के बीच चार गुना बढ़ी है

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 2023 तक इंटरनेट के उपयोक्ताओं की संख्या बढ़कर 83.50 करोड़ होने की क्षमता है. इसमें कहा गया, ‘‘भारत में इंटरनेट उपयोक्ताओं की संख्या करीब 40 प्रतिशत बढ़कर 2023 तक 75 से 80 करोड़ तक पहुंच जाएगी. इस दौरान स्मार्टफोनों की संख्या भी बढ़कर 65 से 70 करोड़ हो जाएगी.

रिपोर्ट के अनुसार देश में औसत सोशल मीडिया उपयोक्ता इन मंचों पर हर सप्ताह 17 घंटे व्यतीत करता है. यह चीन और अमेरिका की तुलना में अधिक है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि कम से कम एक डिजिटल लेन-देन खाता रखने वाले लोगों की संख्या 2011 के बाद से 80 प्रतिशत बढ़ी है. रिपोर्ट में इसका श्रेय सरकार की जन-धन योजना के तहत 33.20 करोड़ लोगों का मोबाइल आधारित बैंक खाता खोले जाने को दिया गया है.

Intro:Body:Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.