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हिमाचल प्रदेश : सादगी की प्रतिमूर्ति हैं सीएम जयराम की मां, अब भी नहीं बदली दिनचर्या

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Published : Dec 11, 2019, 11:32 PM IST

हिमाचल प्रदेश के राजनीतिक आकाश में अचानक चमकते सितारे के रूप में उभरे जयराम ठाकुर के साथ बेशक वीवीआईपी तामझाम चलता है, लेकिन उनकी मां बिक्रमू देवी की दिनचर्या अब भी पहले की तरह सादगी से भरपूर है. उनका मन आज भी अपने खेत-बगीचों में खूब रमता है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

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जयराम ठाकुर की माता बिक्रमू देवी.

शिमला : हिमाचल प्रदेश के राजनीतिक आकाश में अचानक चमकते सितारे के रूप में उभरे जयराम ठाकुर के साथ बेशक वीवीआईपी तामझाम चलता है, लेकिन उनकी मां बिक्रमू देवी की दिनचर्या अब भी पहले की तरह सादगी से भरपूर हैं. उनका मन आज भी अपने खेत-बगीचों में खूब रमता है.

शिमला जिले से ताल्लुक रखने वाले और सेब बागवानी से जुड़े दो युवा बागवान मनोज चौहान और कैलाश चौहान मंगलवार को सीएम जयराम ठाकुर के गांव तांदी पहुंचे थे. दोनों को भरोसा नहीं था कि वे सीएम जयराम ठाकुर के घर जाकर उनकी माता बिक्रमू देवी से मिल सकेंगे, लेकिन गांव के लोग उन्हें वहां ले गए. दोनों युवा सीएम की माता की सादगी और स्नेह से भरे स्वागत से हैरान रह गए. उनके आश्चर्य का कोई ठिकाना नहीं रहा, जब बिक्रमू देवी ने अपने खेत-बगीचों को लेकर उनसे खूब बातें की.

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अपने खेत से लकड़ियां काटतीं सीम जयराम ठाकुर की मां बिक्रमू देवी.

मनोज व कैलाश ने सीएम की मां को ताइवान में बना स्टील का लाइटवेट दराट दिया. इस भेंट को पाकर बिक्रमू देवी बहुत खुश हुईं. उन्होंने पूछा - बेटा, इस दराट की क्या कीमत है? वह कीमत चुका कर दराट लेना चाहती थीं, लेकिन मनोज चौहान ने कहा कि ये दराट उन्हें भेंटस्वरूप दे रहे हैं. इस लाइटवेट दराट से खुश सीएम की माता ने खेत में कुछ लकड़ियां काटीं.

बिक्रमू देवी ने बताया कि उनकी दिनचर्या पहले की तरह ही है. वह खेतों में काम करके खुशी महसूस करती हैं. जब मनोज ने उन्हें सेब के पौधों की प्रूनिंग करने वाले औजार के बारे में बताया तो उन्होंने बालसुलभ जिज्ञासा से पूछा कि सेब के पौधे की छोड़ो, क्या ये मौहरू या बान (स्थानीय बोली में जलावन की लकड़ी वाले पेड़) के पेड़ की टहनियां काट सकता है?

सीएम की माता को अधिक चिंता जलावन वाली लकड़ी की थी. भेंट किए गए लाइटवेट दराट से भी उन्होंने लकड़ी काट कर देखी और ये जानकर खुश हुई कि इससे वह आसानी से लकड़ी काट सकेंगी. साथ ही पशुचारे के लिए पेड़ से पत्तियां भी काट सकेंगी.

मुख्यमंत्री के परिजनों की सादगी भी चर्चा में रहती है. यहां उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष जब उन्हें स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत का सामना करना पड़ा था तो वह आम मरीज की तरह मंडी अस्पताल में चेकअप कराने लाइन में खड़ी हो गई थीं.

मेरा बेटा बेशक सीएम है, लेकिन वह तो बच्चों से भी मिल लेता है
सीएम की माता ने शिमला से आए मेहमानों का गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें चाय बनाकर पिलाई.

बिक्रमू देवी को अपने सीएम बेटे की सादगी पर भी भरपूर विश्वास है. उन्होंने मनोज और कैलाश से कहा कि शिमला जाकर जयराम ठाकुर से जरूर मिलना. उन्होंने कहा - 'मेरा बेटा सरल स्वभाव का है और वह तो बच्चों से भी खुशी से मिलता है, तुम लोग भी जाना, वह तुमसे भी जरूर मिलेगा.'

पढ़ें-हिमाचल प्रदेश : कभी एशिया में प्रसिद्ध थी सिरमौर की अदरक, आज खो रही अपनी पहचान

रेड लव सेब के पौधे को लेकर जताई जिज्ञासा
मनोज चौहान ने बिक्रमू देवी को बताया कि वे उन्हें लॉन में लगाने के लिए रेड लव किस्म का सेब का पौधा भेंट करेंगे. रेड लव सेब के फूल बहुत खूबसूरत होते हैं. बिक्रमू देवी ने उक्त पौधे को लेकर खूब जिज्ञासा प्रकट की. उल्लेखनीय है कि मनोज चौहान हिमाचल के विख्यात युवा बागवान संजीव चौहान के छोटे भाई हैं. संजीव चौहान के नाम प्रति हेक्टेयर सेब की पैदावार का विश्व रिकार्ड है.

प्रगतिशील बागवान संजीव चौहान को सेब बागवानी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय कई पुरस्कार मिल चुके हैं. मनोज व कैलाश ने बताया कि वे बिक्रमू देवी से मिलकर हैरान रह गए कि सीएम की माता वीवीआईपी तड़क-भड़क से दूर सादगी से श्रम से भरपूर जीवन बिता रही हैं. अन्य परिजनों में भी कोई अहम नहीं है कि वे सीएम के परिवार से संबंध रखते हैं.

शिमला : हिमाचल प्रदेश के राजनीतिक आकाश में अचानक चमकते सितारे के रूप में उभरे जयराम ठाकुर के साथ बेशक वीवीआईपी तामझाम चलता है, लेकिन उनकी मां बिक्रमू देवी की दिनचर्या अब भी पहले की तरह सादगी से भरपूर हैं. उनका मन आज भी अपने खेत-बगीचों में खूब रमता है.

शिमला जिले से ताल्लुक रखने वाले और सेब बागवानी से जुड़े दो युवा बागवान मनोज चौहान और कैलाश चौहान मंगलवार को सीएम जयराम ठाकुर के गांव तांदी पहुंचे थे. दोनों को भरोसा नहीं था कि वे सीएम जयराम ठाकुर के घर जाकर उनकी माता बिक्रमू देवी से मिल सकेंगे, लेकिन गांव के लोग उन्हें वहां ले गए. दोनों युवा सीएम की माता की सादगी और स्नेह से भरे स्वागत से हैरान रह गए. उनके आश्चर्य का कोई ठिकाना नहीं रहा, जब बिक्रमू देवी ने अपने खेत-बगीचों को लेकर उनसे खूब बातें की.

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अपने खेत से लकड़ियां काटतीं सीम जयराम ठाकुर की मां बिक्रमू देवी.

मनोज व कैलाश ने सीएम की मां को ताइवान में बना स्टील का लाइटवेट दराट दिया. इस भेंट को पाकर बिक्रमू देवी बहुत खुश हुईं. उन्होंने पूछा - बेटा, इस दराट की क्या कीमत है? वह कीमत चुका कर दराट लेना चाहती थीं, लेकिन मनोज चौहान ने कहा कि ये दराट उन्हें भेंटस्वरूप दे रहे हैं. इस लाइटवेट दराट से खुश सीएम की माता ने खेत में कुछ लकड़ियां काटीं.

बिक्रमू देवी ने बताया कि उनकी दिनचर्या पहले की तरह ही है. वह खेतों में काम करके खुशी महसूस करती हैं. जब मनोज ने उन्हें सेब के पौधों की प्रूनिंग करने वाले औजार के बारे में बताया तो उन्होंने बालसुलभ जिज्ञासा से पूछा कि सेब के पौधे की छोड़ो, क्या ये मौहरू या बान (स्थानीय बोली में जलावन की लकड़ी वाले पेड़) के पेड़ की टहनियां काट सकता है?

सीएम की माता को अधिक चिंता जलावन वाली लकड़ी की थी. भेंट किए गए लाइटवेट दराट से भी उन्होंने लकड़ी काट कर देखी और ये जानकर खुश हुई कि इससे वह आसानी से लकड़ी काट सकेंगी. साथ ही पशुचारे के लिए पेड़ से पत्तियां भी काट सकेंगी.

मुख्यमंत्री के परिजनों की सादगी भी चर्चा में रहती है. यहां उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष जब उन्हें स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत का सामना करना पड़ा था तो वह आम मरीज की तरह मंडी अस्पताल में चेकअप कराने लाइन में खड़ी हो गई थीं.

मेरा बेटा बेशक सीएम है, लेकिन वह तो बच्चों से भी मिल लेता है
सीएम की माता ने शिमला से आए मेहमानों का गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें चाय बनाकर पिलाई.

बिक्रमू देवी को अपने सीएम बेटे की सादगी पर भी भरपूर विश्वास है. उन्होंने मनोज और कैलाश से कहा कि शिमला जाकर जयराम ठाकुर से जरूर मिलना. उन्होंने कहा - 'मेरा बेटा सरल स्वभाव का है और वह तो बच्चों से भी खुशी से मिलता है, तुम लोग भी जाना, वह तुमसे भी जरूर मिलेगा.'

पढ़ें-हिमाचल प्रदेश : कभी एशिया में प्रसिद्ध थी सिरमौर की अदरक, आज खो रही अपनी पहचान

रेड लव सेब के पौधे को लेकर जताई जिज्ञासा
मनोज चौहान ने बिक्रमू देवी को बताया कि वे उन्हें लॉन में लगाने के लिए रेड लव किस्म का सेब का पौधा भेंट करेंगे. रेड लव सेब के फूल बहुत खूबसूरत होते हैं. बिक्रमू देवी ने उक्त पौधे को लेकर खूब जिज्ञासा प्रकट की. उल्लेखनीय है कि मनोज चौहान हिमाचल के विख्यात युवा बागवान संजीव चौहान के छोटे भाई हैं. संजीव चौहान के नाम प्रति हेक्टेयर सेब की पैदावार का विश्व रिकार्ड है.

प्रगतिशील बागवान संजीव चौहान को सेब बागवानी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय कई पुरस्कार मिल चुके हैं. मनोज व कैलाश ने बताया कि वे बिक्रमू देवी से मिलकर हैरान रह गए कि सीएम की माता वीवीआईपी तड़क-भड़क से दूर सादगी से श्रम से भरपूर जीवन बिता रही हैं. अन्य परिजनों में भी कोई अहम नहीं है कि वे सीएम के परिवार से संबंध रखते हैं.

खेत-बागीचे में श्रम के मोर्चे पर फख्र से डटी हैं सीएम जयराम की माताजी, जरा भी नहीं बदली उनकी दिनचर्या
शिमला। हिमाचल के राजनीतिक आकाश में अचानक चमकते सितारे के रूप में उभरे जयराम ठाकुर के साथ बेशक वीवीआईपी तामझाम चलता है, लेकिन उनकी माताजी की दिनचर्या अभी भी पहले की तरह सादगी से भरपूर हैं। सीएम जयराम ठाकुर की माताजी ब्रिकमू देवी का मन आज भी अपने खेत-बागीचों में खूब रमता है। शिमला जिला से संबंध रखने वाले और सेब बागवानी से जुड़े दो युवा बागवान मनोज चौहान और कैलाश चौहान मंगलवार को सीएम जयराम ठाकुर के गांव तांदी पहुंचे थे। मनोज व कैलाश को भरोसा नहीं था कि वो सीएम जयराम ठाकुर के घर जाकर उनकी माताजी ब्रिकमू देवी से मिल सकेंगे, लेकिन गांव के लोग उन्हें वहां ले गए। दोनों युवा सीएम की माताजी की सादगी और स्नेह से भरे स्वागत से हैरान रह गए। उनके आश्चर्य का कोई ठिकाना नहीं रहा, जब सीएम की माताजी ने अपने खेत-बागीचों को लेकर उनसे खूब बातें कीं। मनोज व कैलाश चौहान ने सीएम की माताजी को ताइवान में बना हुआ स्टील का लाइटवेट दराट दिया। इस भेंट को पाकर ब्रिकमू देवी खूब खुश हुईं। ब्रिकमू देवी ने पूछा-बेटा, इस दराट की क्या कीमत है? वे कीमत चुका कर दराट लेना चाहती थीं, लेकिन मनोज चौहान ने कहा कि ये दराट वो उन्हें भेंट स्वरूप दे रहे हैं। इस लाइटवेट दराट से खुश सीएम की माताजी ने खेत में कुछ लकडिय़ां काटीं। ब्रिकमू देवी ने बताया कि उनकी दिनचर्या पहले की तरह ही है। वे खेतों में काम करके खुशी महसूस करती हैं। जब मनोज चौहान ने उन्हें सेब के पौधों की प्रूनिंग करने वाले औजार के बारे में बताया तो ब्रिकमू देवी ने बालसुलभ जिज्ञासा से पूछा कि सेब के पौधे की छोड़ो क्या ये मौहरू या बान (स्थानीय बोली में जलावन की लकड़ी वाले पेड़) के पेड़ की टहनियां काट सकता है? सीएम की माता को अधिक चिंता जलावन वाली लकड़ी की थी। भेंट किए गए लाइटवेट दराट से भी उन्होंने लकड़ी काट कर देखी और ये जानकर खुश हुई कि इससे वे आसानी से लकड़ी काट सकेंगी। साथ ही पशुचारे के लिए पेड़ से पत्तियां भी काट सकेंगी। सीएम के परिजनों की सादगी भी चर्चा में रहती है। यहां उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष जब उन्हें स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत का सामना करना पड़ा था तो वे आम मरीज की तरह मंडी अस्पताल में चैकअप करवाने लाइन में खड़ी हो गई थीं।
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मेरा बेटा बेशक सीएम है, लेकिन वो तो बच्चों से भी मिल लेता है
सीएम की माताजी ने शिमला से आए मेहमानों का गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें चाय बनाकर पिलाई। ब्रिकमू देवी को अपने सीएम बेटे की सादगी पर भी भरपूर विश्वास है। उन्होंने मनोज व कैलाश चौहान से कहा कि शिमला जाकर जयराम ठाकुर से जरूर मिलना। ब्रिकमू ने कहा-मेरा बेटा सरल स्वभाव का है और वो तो बच्चों से भी खुशी से मिलता है, तुम लोग भी जाना, वो तुमसे भी जरूर मिलेंगे।
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रेड लव सेब के पौधे को लेकर जताई जिज्ञासा
मनोज चौहान ने ब्रिकमू देवी को बताया कि वे उन्हें लॉन में लगाने के लिए रेड लव किस्म का सेब का पौधा भेंट करेंगे। रेड लव सेब के फूल बहुत खूबसूरत होते हैं। ब्रिकमू देवी ने उक्त पौधे को लेकर खूब जिज्ञासा प्रकट की। उल्लेखनीय है कि मनोज चौहान हिमाचल के विख्यात युवा बागवान संजीव चौहान के छोटे भाई हैं। संजीव चौहान के नाम प्रति हैक्टेयर सेब की पैदावार का विश्व रिकार्ड है। प्रगतिशील बागवान संजीव चौहान को सेब बागवानी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय कई पुरस्कार मिल चुके हैं। मनोज व कैलाश चौहान ने बताया कि वे ब्रिकमू देवी से मिलकर हैरान रह गए कि सीएम की माताजी वीवीआईपी तडक़-भडक़ से दूर सादगी से श्रम से भरपूर जीवन बिता रही हैं। अन्य परिजनों में भी कोई अहम नहीं है कि वे सीएम के परिवार से संंबंध रखते हैं। 
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