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भारतीय वायुसेना में शामिल हुए 4 चिनूक हेलीकॉप्टर, IAF की बढ़ेगी ताकत

सीएच-47 एफ (आई) चिनूक हेलीकॉप्टर आज भारतीय वायुसेना (IAF) में शामिल हो गया. चिनूक का निर्माण अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी बोइंग ने किया है. इसका इस्तेमाल दुनिया के 19 देश कर रहे हैं.

चिनूक हेलीकॉप्टर (फाइल फोटो)
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Published : Mar 25, 2019, 9:12 PM IST

Updated : Mar 25, 2019, 9:18 PM IST

नई दिल्ली/चंडीगढ़:सीएच-47 एफ (आई) चिनूक हेलीकॉप्टर आज भारतीय वायुसेना (IAF) में शामिल हो गया. चिनूक हेलीकॉप्टरों को वायुसेना की 126 हेलीकॉप्टर इकाई में शामिल किया गया है.रक्षा सूत्रों के मुताबिक चिनूक को पाकिस्तान से लगने वाली भारतीय सीमा पर तैनात किया जाएगा.

सीएच-47 एफ (आई) चिनूक एक उन्नत मल्टी-मिशन हेलीकॉप्टर है. इससे भारतीय सशस्त्र बलों को लड़ाकू और मानवीय मिशनों के पूरे स्पेक्ट्रम में बेजोड़ सामरिक एयरलिफ्ट की क्षमता मिलेगी.चिनूक की वजन क्षमता करीब 10 टन है.

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चंडीगढ़ में चिनूक हेलीकॉप्टर

दो इंजन और टैंडेम रोटर वाले ‘चिनूक’ हेलीकॉप्टर सैनिकों, विस्फोटक सामग्री, हथियार और ईंधन लाने ले जाने में सक्षम हैं.

चिनूक हर मौसम में उड़ान की क्षमता से लैस है. यह हेलीकॉप्टर मानवीय एवं आपदा राहत अभियानों में भी प्रयोग किया जा सकता है.

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चिनूक हेलीकॉप्टर का अंदरूनी भाग

इसका प्रयोग राहत आपूर्ति लाने ले-जाने समेत बड़े स्तर पर शरणार्थियों के विस्थापन जैसे मिशनों में भी हो सकता है.

IAF में चिनूक को शामिल करने का कार्यक्रम में चंडीगढ़ में आयोजित किया गया. इस दौरान सभी धर्मों के आचार्यों ने मंगलपाठ किए.

chinook in indian air force
चिनूक को IAF में शामिल करने से पहले चंडीगढ़ में मंगलपाठ करते धर्मगुरू

इस मौके पर वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने कहा कि चिनूक देश के लिए महत्वपूर्ण धरोहर साबित होगा. वायुसेना प्रमुख ने यह भी बताया कि सैन्य अभियानों में इस हेलिकॉप्टर का प्रयोग दिन के अलावा रात में भी किया जा सकता है.

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चंडीगढ़ में चिनूक हेलीकॉप्टर और वायुसेना कर्मी

बीएस धनोआ ने कहा, ‘हमारे देश के समक्ष सुरक्षा संबंधी कई चुनौतियां हैं, हमें विभिन्न क्षेत्रों में अधिक भार क्षमता की जरूरत है.’

उन्होंने कहा, ‘वायुसेना समुद्र स्तर से लेकर बहुत अधिक ऊंचे लैंडिंग ग्राउंड वाले सैन्य अड्डों से संचालित होती है. ये हेलीकॉप्टर ऊंचे स्थलों तक सामान ले जाने की क्षमता के संदर्भ में वायुसेना को बड़ी मदद देंगे. यह हेलीकॉप्टर अपनी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ में से एक है.’

चंडीगढ़ के भारतीय वायु सेना स्टेशन को इसके लिए खास तौर से तैयार किया गया है. इनमें चिनूक हेलीकॉप्टरों के लिए रीफर्बिश्ड हैंगर्स और रख-रखाव सुविधाएं भी शामिल हैं.

देखें चिनूक हेलीकॉप्टर का परिचय (साभार-PIB ट्विटर)

बता दें कि चंडीगढ़ एक सैन्य हवाईअड्डा है. यहां से व्यावसायिक उड़ानें भी संचालित होती हैं.

चिनूक को IAF में शामिल किए जाने के मौके पर कई अधिकारी भी मौजूद रहे. इनमें प्रमुख हैं:

  • एयर मार्शल आर नाम्बियर, एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ पश्चिमी वायु कमान
  • अमेरिका के मेजर जनरल रॉबिन फ्रंटिस
  • बोइंग इंडिया के प्रमुख सलिल गुप्ते
  • हरियाणा के पुलिस महानिदेशक मनोज यादव

अमेरिका से विगत 10 फरवरी को 4 सीएच-47एफ (आई) मल्टी-मिशन हेलीकॉप्टर गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पहुंचे थे. इसके करीब डेढ़ महीने के बाद आज 25 मार्चको चिनूक औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल हुए. बोइंग इंडिया ने अपने ट्विटर हैंडल पर चिनूक की पहली उड़ान की वीडियो शेयर की है.

इससे पहले भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर के पायलटों को अक्टूबर, 2018 में अमेरिका के डेलावर भेजा गया था.

भारतीयपायलटों को चिनूक हेलीकॉप्टरों को उड़ाने का प्रशिक्षण लेने अमेरिका भेजा गया था.

भारतीय वायुसेना ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर चिनूक की पहली उड़ान पूरे होने की वीडियो शेयर की है.

  • #Chinook: First Flight - In July 2018, CH-47F (I) Chinook helicopter for Indian Air Force completed its first flight. Indian Air Force’s helicopter fleet is undergoing modernization & the first Chinook will be inducted on 25 Mar 2019.

    Video Courtesy: @Boeing_In pic.twitter.com/tMCB5qOMRr

    — Indian Air Force (@IAF_MCC) March 23, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

चिनूक का निर्माण एयरोस्पेस कंपनी बोइंग ने किया है. भारत ने सितंबर, 2015 में बोइंग कंपनी को चिनूक हेलीकॉप्टरों के निर्माण का ऑर्डर दिया था. बोइंग से 15 'सीएच-47एफ' चिनूक हेलीकॉप्टर खरीदने का सौदा किया गया है.

चिनूक के अलावा भारत ने 22 'एएच-64ई' अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर का भी सौदा किया है.दोनों मॉडल इन हेलीकॉप्टरों के नवीनतम संस्करण हैं.

अमेरिकी वायुसेना 1962 से ही चिनूक का इस्तेमाल कर रही है. बोइंग कंपनी अब तक कुल 1,179 चिनूक हेलिकॉप्टर बना चुकी है.

नई दिल्ली/चंडीगढ़:सीएच-47 एफ (आई) चिनूक हेलीकॉप्टर आज भारतीय वायुसेना (IAF) में शामिल हो गया. चिनूक हेलीकॉप्टरों को वायुसेना की 126 हेलीकॉप्टर इकाई में शामिल किया गया है.रक्षा सूत्रों के मुताबिक चिनूक को पाकिस्तान से लगने वाली भारतीय सीमा पर तैनात किया जाएगा.

सीएच-47 एफ (आई) चिनूक एक उन्नत मल्टी-मिशन हेलीकॉप्टर है. इससे भारतीय सशस्त्र बलों को लड़ाकू और मानवीय मिशनों के पूरे स्पेक्ट्रम में बेजोड़ सामरिक एयरलिफ्ट की क्षमता मिलेगी.चिनूक की वजन क्षमता करीब 10 टन है.

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चंडीगढ़ में चिनूक हेलीकॉप्टर

दो इंजन और टैंडेम रोटर वाले ‘चिनूक’ हेलीकॉप्टर सैनिकों, विस्फोटक सामग्री, हथियार और ईंधन लाने ले जाने में सक्षम हैं.

चिनूक हर मौसम में उड़ान की क्षमता से लैस है. यह हेलीकॉप्टर मानवीय एवं आपदा राहत अभियानों में भी प्रयोग किया जा सकता है.

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चिनूक हेलीकॉप्टर का अंदरूनी भाग

इसका प्रयोग राहत आपूर्ति लाने ले-जाने समेत बड़े स्तर पर शरणार्थियों के विस्थापन जैसे मिशनों में भी हो सकता है.

IAF में चिनूक को शामिल करने का कार्यक्रम में चंडीगढ़ में आयोजित किया गया. इस दौरान सभी धर्मों के आचार्यों ने मंगलपाठ किए.

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चिनूक को IAF में शामिल करने से पहले चंडीगढ़ में मंगलपाठ करते धर्मगुरू

इस मौके पर वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने कहा कि चिनूक देश के लिए महत्वपूर्ण धरोहर साबित होगा. वायुसेना प्रमुख ने यह भी बताया कि सैन्य अभियानों में इस हेलिकॉप्टर का प्रयोग दिन के अलावा रात में भी किया जा सकता है.

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चंडीगढ़ में चिनूक हेलीकॉप्टर और वायुसेना कर्मी

बीएस धनोआ ने कहा, ‘हमारे देश के समक्ष सुरक्षा संबंधी कई चुनौतियां हैं, हमें विभिन्न क्षेत्रों में अधिक भार क्षमता की जरूरत है.’

उन्होंने कहा, ‘वायुसेना समुद्र स्तर से लेकर बहुत अधिक ऊंचे लैंडिंग ग्राउंड वाले सैन्य अड्डों से संचालित होती है. ये हेलीकॉप्टर ऊंचे स्थलों तक सामान ले जाने की क्षमता के संदर्भ में वायुसेना को बड़ी मदद देंगे. यह हेलीकॉप्टर अपनी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ में से एक है.’

चंडीगढ़ के भारतीय वायु सेना स्टेशन को इसके लिए खास तौर से तैयार किया गया है. इनमें चिनूक हेलीकॉप्टरों के लिए रीफर्बिश्ड हैंगर्स और रख-रखाव सुविधाएं भी शामिल हैं.

देखें चिनूक हेलीकॉप्टर का परिचय (साभार-PIB ट्विटर)

बता दें कि चंडीगढ़ एक सैन्य हवाईअड्डा है. यहां से व्यावसायिक उड़ानें भी संचालित होती हैं.

चिनूक को IAF में शामिल किए जाने के मौके पर कई अधिकारी भी मौजूद रहे. इनमें प्रमुख हैं:

  • एयर मार्शल आर नाम्बियर, एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ पश्चिमी वायु कमान
  • अमेरिका के मेजर जनरल रॉबिन फ्रंटिस
  • बोइंग इंडिया के प्रमुख सलिल गुप्ते
  • हरियाणा के पुलिस महानिदेशक मनोज यादव

अमेरिका से विगत 10 फरवरी को 4 सीएच-47एफ (आई) मल्टी-मिशन हेलीकॉप्टर गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पहुंचे थे. इसके करीब डेढ़ महीने के बाद आज 25 मार्चको चिनूक औपचारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल हुए. बोइंग इंडिया ने अपने ट्विटर हैंडल पर चिनूक की पहली उड़ान की वीडियो शेयर की है.

इससे पहले भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर के पायलटों को अक्टूबर, 2018 में अमेरिका के डेलावर भेजा गया था.

भारतीयपायलटों को चिनूक हेलीकॉप्टरों को उड़ाने का प्रशिक्षण लेने अमेरिका भेजा गया था.

भारतीय वायुसेना ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर चिनूक की पहली उड़ान पूरे होने की वीडियो शेयर की है.

  • #Chinook: First Flight - In July 2018, CH-47F (I) Chinook helicopter for Indian Air Force completed its first flight. Indian Air Force’s helicopter fleet is undergoing modernization & the first Chinook will be inducted on 25 Mar 2019.

    Video Courtesy: @Boeing_In pic.twitter.com/tMCB5qOMRr

    — Indian Air Force (@IAF_MCC) March 23, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

चिनूक का निर्माण एयरोस्पेस कंपनी बोइंग ने किया है. भारत ने सितंबर, 2015 में बोइंग कंपनी को चिनूक हेलीकॉप्टरों के निर्माण का ऑर्डर दिया था. बोइंग से 15 'सीएच-47एफ' चिनूक हेलीकॉप्टर खरीदने का सौदा किया गया है.

चिनूक के अलावा भारत ने 22 'एएच-64ई' अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर का भी सौदा किया है.दोनों मॉडल इन हेलीकॉप्टरों के नवीनतम संस्करण हैं.

अमेरिकी वायुसेना 1962 से ही चिनूक का इस्तेमाल कर रही है. बोइंग कंपनी अब तक कुल 1,179 चिनूक हेलिकॉप्टर बना चुकी है.

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Last Updated : Mar 25, 2019, 9:18 PM IST
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